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फसल तबाही का सबेरा देख उत्तर प्रदेश में निकला 11 किसानों का दम

उत्तर प्रदेश में मौसम की मार से किसानों की लगातार मौतें हो रही हैं। बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद फसल का सदमा उन पर कहर बनकर टूट रहा है। हर सुबह मौत का एक नया संदेश लेकर आती है। ऐसी ही सुबह में आज जालौन जिले के दो किसानों की

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 03:18 PM (IST)
फसल तबाही का सबेरा देख उत्तर प्रदेश में निकला 11 किसानों का दम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम की मार से किसानों की लगातार मौतें हो रही हैं। बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद फसल का सदमा उन पर कहर बनकर टूट रहा है। हर सुबह मौत का एक नया संदेश लेकर आती है। ऐसी ही सुबह में आज जालौन जिले के दो और फर्रुखाबाद के एक किसानों का फसल तबाही के सदमे से दम निकल गया। जालौन तहसील के गांव लहरुआ में किसान लल्लू सिंह की खेत से वापस आते वक्त मौत हुई उन पांच लाख का क़र्ज़ था। इसी जिले की माधौगढ तहसील के गिधन में किसान फूंदी लाल की खेत पर ही मौत हो गई।इसी तरह फर्रुखाबाद के राजपुर क्षेत्र के गांव खानपुर में फसल की तबाही से परेशान किसान बलवीर सिंह ने मौत को गले लगा लिया। उस पर १.७० लाख का बैंक कर्ज था। इसके अलावा फीरोजाबाद, मैनपुरी व महोबा जिले में एक-एक किसान की मौत हो गई।

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बैंक के कर्ज से परेशान बरेली के एक किसान ने कल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम चिट्ठी लिखकर जान दे दी। बीते चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश कम से कम 11 किसानों की मौत हो चुकी है। इसी बीच मौसम विभाग ने कहा है कि चार दिन बाद फिर मौसम करवट लेगा। पांच अप्रैल को राजधानी सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश की आशंका है। बरेली में भमोरा क्षेत्र के मिलक मझारा गांव निवासी शिशुपाल सिंह ने पंद्रह साल पहले मसाला चक्की के लिए खादी ग्रामोद्योग विभाग से 33 हजार रुपये का लोन लिया था। उसने इस अवधि में लगे ब्याज के 74 हजार रुपये अदा कर दिए थे लेकिन मूलधन खत्म नहीं हो रहा था। मामला प्रमुख सचिव तक भी पहुंचाया, लेकिन राहत नहीं मिली। इसी बीच ओलावृष्टि व बारिश में फसल तबाह होने पर मजबूर होकर किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। यह कदम उठाने से पहले उसने मुख्यमंत्री को संबोधित लिखी चिट्ठी में आत्महत्या के लिए जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है। फीरोजाबाद के नारखी में गांव डौरी निवासी बेवा बसीना बेगम का आलू कोल्ड स्टोर में जगह न मिलने खेत में ही पड़ा था। ऊपर से बारिश भी हो गई। इसी सदमे से बसीना ने कल खेत में ही दम तोड़ दिया। मथुरा के तुलागढ़ी गांव में किसान गोपाल बारिश में तबाह फसल को देखकर बेहोश होकर गिर पड़े और मौत हो गई। कानपुर देहात में अकबरपुर तहसील क्षेत्र के धरऊ गांव में राम किशन और रसूलाबाद के रतनपुर गांव में शंकर सिंह की मौत गई। प्रशासन ने घटनाओं की जांच और फसल क्षति का आकलन शुरू कराया है। कल तेज बारिश के बीच गिरी बिजली से उन्नाव के रजईखेड़ा गांव निवासी बीना साहू की मौत हो गई। तेज हवा के साथ आई बारिश से फसल बर्बाद हो जाने से कुशीनगर के हनुमानगंज क्षेत्र के बुलहवा निवासी मोहन कुशवाहा को ब्रेन हैमरेज हो गया।


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