उत्कल एक्सप्रेस हादसाः दो सौ मीटर लंबा ट्रैक काफी समय से खराब
मेरठ के खतौली उत्कल एक्सप्रेस हादसे वाले ट्रैक का दो सौ मीटर लंबा टुकड़ा काफी समय से खराब है। यहां अक्सर फ्रैक्चर होते हैं, यहां ट्रेनें धीमी गुजारी जाती हैं।
लखनऊ (जेएनएन)।मेरठ के खतौली उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसे वाले ट्रैक का दो सौ मीटर लंबा टुकड़ा काफी समय से खराब है। यहां पर अक्सर फ्रैक्चर होते रहते हैं, इसीलिए यहां ट्रेनें धीमी रफ्तार से गुजारी जाती हैं। इसे ही प्रथम दृष्ट्या दर्जनों लोगों के हताहत होने का कारण माना जा रहा है। दो सौ मीटर के इस ट्रैक को बदलने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। जिस पर मोहर लग गई है लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है। इस दौरान राहत एवं बचाव कार्य जारी है। रात में भी बचाव कार्य रुका नहीं देर रात तक घायलों और मृतकों को निकालने का काम जारी रहा।
यह भी पढ़ें: उत्कल एक्सप्रेस हादसाः आतंकी गतिविधि या फिर ड्राइवर को नहीं मिला कॉशन
यात्रियों के लिए रोडवेज ने भेजी 53 बसें
रेल हादसे से प्रभावित यात्रियों को ले जाने के लिए रोडवेज ने 53 बसें भेजी हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक एसके बनर्जी ने बताया कि मेरठ डिपो से 10, सोहराब गेट डिपो से 8, भैंसाली डिपो से 35 बसें भेजी दी हैं। इसके अलावा और भी बसों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
ट्रेन हादसे में घायलों को एंबुलेंस और प्राइवेट गाडिय़ों से मेरठ के अस्पतालों में लाने के दौरान सिवाया टोल प्लाजा फ्री कर दिया गया। मेरठ से खतौली जाने वाली एक लेन पर कई एंबुलेंस अन्य गाडिय़ों के बीच फंस गई तो इसे भी फ्री कर दिया गया।