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अथर्टन मिल में बनेगा टूलरूम, चार जुलाई को शिलान्यास संभव

नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन की कानपुर-फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र स्थित अथर्टन मिल परिसर में ही टूल रूम बनाने का निर्णय हो गया है। इसकी तैयारियां तेज हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 09:49 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 09:56 PM (IST)
अथर्टन मिल में बनेगा टूलरूम, चार जुलाई को शिलान्यास संभव

लखनऊ (जेएनएन)। नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन की कानपुर-फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र स्थित अथर्टन मिल परिसर में ही टूल रूम (टेक्नोलॉजी सेंटर) बनाने का निर्णय हो गया है। इसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं और चार जुलाई को शिलान्यास की संभावना है। शिलान्यास समारोह में भाजपा सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी के अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र और कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार भी रह सकते हैं। टूल रूम की स्थापना की जिम्मेदारी एमएसएमई को सौंपी गई है। 150 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाले प्रस्तावित टेक्नोलॉजी सेंटर के मंगलवार को सूचना आते ही भागदौड़ तेज हो गई। उम्मीद है कि जल्द ही दोनों मंत्रालयों के केंद्रीय अधिकारियों का दल यहां आकर स्थलीय निरीक्षण कर सकता है। एमएसएमई विकास संस्थान के निदेशक यूसी शुक्ला के मुताबिक टेक्नोलॉजी सेंटर बनाने के लिए प्रयास हो रहे हैं। चार जुलाई को शिलान्यास की संभावना है जिसमें स्थानीय सांसद के अलावा दोनों विभागों के केंद्रीय मंत्री भी आ सकते हैं।

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कपड़ा, चमड़ा और रक्षा पर होगा आधारित

अथर्टन मिल परिसर में स्थापित होने वाला टेक्नोलॉजी सेंटर कपड़ा, चमड़ा और रक्षा उद्योग पर आधारित होगा। यहां पर हर साल 1.65 से दो लाख बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। इन प्रशिक्षित युवाओं में से 98 फीसद का प्लेसमेंट हो जाता है और शुरुआत में ही 10 से 15 हजार रुपये मासिक मिलने लगते हैं। टेक्नोलॉजी सेंटर से इंजीनियरिंग, आटोमोबाइल, प्लास्टिक व रबर मोल्डिंग, टेक्सटाइल तथा शू मेकिंग इंडस्ट्री को खास फायदा होगा। अभी तो यहां के उद्योगों ने अपने यहां ही मिनी टूल रूम विकसित कर रखा है किंतु अत्याधुनिक मशीनों पर काम के लिए उन्हें दिल्ली, गुडग़ांव, फरीदाबाद आदि जाना पड़ता है। यहां स्थित ङ्क्षहदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और इंडियन एयरफोर्स को तो अपने काम कराने औरंगाबाद आदि स्थानों पर जाना पड़ता है जो यहीं उपलब्ध हो सकेगा। इतना ही नहीं यहां पर कौशल विकास के तहत युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी शुरू हो सकेंगे।


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