अमनमणि व पीयूष के लिए आज का दिन यादगार
पत्नी सारा की सड़क की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता अमनमणि त्रिपाठी तथा कानपुर में पत्नी ज्योति की हत्या के मामले में जेल में बंद पीयूष श्यामदासानी के लिए आज का दिन काफी यादगार है।
लखनऊ। पत्नी सारा की सड़क की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता अमनमणि त्रिपाठी तथा कानपुर में पत्नी ज्योति की हत्या के मामले में जेल में बंद पीयूष श्यामदासानी के लिए आज का दिन काफी यादगार है।
सारा तथा अमनमणि की आज शादी की सालगिरह है जबकि पीयूष एक साल पहले आज के ही दिन पत्नी ज्योति की हत्या के मामले में जेल में बंद किया गया है। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीयूष की जमानत पर सुनवाई भी है।
शादी, सालगिरह व सलाखें
फीरोजाबाद हादसे में जान गंवा चुकी सारा ने दो वर्ष पहले यानी 27 जुलाई 2013 को पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि से शादी की थी। दोनों ने सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा किया, लेकिन इस बंधन की डोरी ने चंद कदम बाद ही साथ छोड़ दिया। शादी की सालगिरह एक साथ कहीं दूर मनाने का सारा का सपना चिता के साथ ही भस्म हो गया। सारा शादी की पहली सालगिरह पर तनहा थी और आज अमन दूसरी सालगिरह पर सलाखों के पीछे है। शादी से पहले सारा अपनी जिंदगी में बहुत खुश थी। इसी बीच अमन ने उसके जीवन में दखल दिया और फिर देखते ही देखते उसकी जिंदगी बदल गई। मधुमिता हत्याकांड में सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि के बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने लखनऊ में आर्य समाज मंदिर, अलीगंज में सारा से शादी तो कर ली, लेकिन सारा को कभी ससुराल सुख न मिला। सारा की अभी शादी के दूसरी सालगिरह पर परिवारीजन उसके गम में बेहाल हैं। सालगिरह के 18 दिन पहले ही सारा इस दुनिया से विदा हो गई। परिवारीजनों के मुताबिक मधुमिता की हत्या नौ मई 2003 को हुई थी, जिसके ठीक 12 साल दो माह बाद सारा की भी हत्या कर दी गई। अब परिवारीजन सीबीआइ जांच पर उम्मीद लगाए बैठे हैं।
चाहकर भी नहीं मिला छुटकारा
सारा की मां सीमा के मुताबिक उनकी बेटी अमन से तलाक लेना चाहती थी लेकिन अमन ने उसे तलाक नहीं दिया। उसे डर था कि तलाक के बाद कहीं सारा उसकी संपत्ति की हिस्सेदार न बन जाए। यही कारण है कि अमरमणि संग मिलकर अमन ने सारा की हत्या कर दी। परिवारीजनों का कहना है कि अगर अमन ने सारा को तलाक दे दिया होता तो शायद आज वह जिंदा होती।
आज होगी पीयूष के मामले की सुनवाई
कानपुर शहर के हाईप्रोफाइल ज्योति हत्याकांड का आज एक वर्ष पूरा हो रहा है। आज ही हाईकोर्ट में आरोपी पीयूष की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने बताया कि कानपुर कोर्ट में भी मुकदमे पर सुनवाई होनी है, जहां पीयूष के साथ उसकी प्रेमिका और सभी आरोपियों पर आरोप तय हो सकते हैं। 27 जुलाई, 2014 को ज्योति की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने ज्योति के पति पीयूष श्यामदासानी, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मनीषा जमानत पर है, जबकि पीयूष समेत सभी अभियुक्त जेल में हैं। पुलिस ने पीयूष के परिवारीजन को भी घटना की जानकारी होते हुए सूचना न देने का आरोपी बनाया था जिसमें पीयूष के पिता, मां, भाई और चाचा को कोर्ट में सरेंडर कर जमानत करानी पड़ी थी।