इलाहाबाद एमएनएनआइटी में तीन छात्रों के साथ हैवानियत
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) इलाहाबाद कके हॉस्टल में अनुशासन की आड़ में छात्रों के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाली हरकत सामने आई है। एक हॉस्टल वार्डेन ने बीटेक के तीन छात्रों पर नशाखोरी का आरोप लगाते हुए उन्हें न केवल लात-घूसों और डंडों से पीटा, बल्कि उन्हें
लखनऊ। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) इलाहाबाद कके हॉस्टल में अनुशासन की आड़ में छात्रों के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाली हरकत सामने आई है। एक हॉस्टल वार्डेन ने बीटेक के तीन छात्रों पर नशाखोरी का आरोप लगाते हुए उन्हें न केवल लात-घूसों और डंडों से पीटा, बल्कि उन्हें तीन दिन से कमरे में नजरबंद कर रखा है। छात्र किसी से संपर्क न कर सकें इसके लिए कमरे के बाहर आधा दर्जन सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं। छात्रों के साथ हैवानियनत की बात खुली तो कुछ छात्रों ने इसकी शिकायत डीएसडब्ल्यू से भी की है। वैसे संस्थान प्रशासन इस घटना को नकार रहा है, लेकिन आज इसी मामले को लेकर प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक हो रही है।
एमएनएनआइटी स्थित मालवीय छात्रावास में 25 जनवरी को हॉस्टल के चीफ वार्डेन एके सिंह ने निरीक्षण के दौरान कमरा नम्बर 150 से बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र शुभम मिश्रा को पकड़ा। शुभम का कहना है कि वह कमरे में अपने दोस्त से मिलने गया था। चीफ वार्डेन उसे कमरे से घसीटते हुए बाहर निकाल दिया। उस पर नशाखोरी का आरोप लगाते हुए उसे पीटना शुरू कर दिया। शुभम की पिटाई से छात्रावास परिसर में हड़कंप मच गया। सभी छात्रों ने अपने-अपने कमरे बंद कर लिए। इसके बाद वार्डेन शुभम को पीटते हुए टंडन छात्रावास ले गए। यहां भी उसे मारा-पीटा गया। चीफ वार्डेन ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया, जहां उसकी लात-घूसों से पिटाई हुई। शुभम के चीखने-चिल्लाने पर चीफ वार्डेन उसे दिनेश नामक चपरासी के हवाले कर दिया, उसने भी छात्र की बड़ी बेरहमी से पिटाई कर उसे घायल कर दिया, जिसके बाद उसे पीजी छात्रावास के एक कमरे में बंद कर दिया गया। दो दिनों से लापता शुभम के बारे में जानने के लिए जब दोस्तों ने खोजबीन शुरू की तो उन्हें जानकारी हुई कि शुभम के साथ बीटेक अंतिम वर्ष के ही दो अन्य छात्रों विमल व रजत पर भी चीफ वार्डेन ने नशाखोरी का आरोप लगाते हुए उन्हें शुभम के साथ कमरे में बंद किया है। आक्रोशित छात्रों ने इसकी शिकायत डीएसडब्ल्यू से करते हुए मामले में जांच की मांग की है।
कैदियों की तरह हव्यवहार
नजरबंद तीनों छात्रों के साथ कैदियों की तरह सलूक किया जा रहा है। कुछ छात्रों ने नाम न प्रकाशित किए जाने की शर्त पर बताया कि कैद छात्रों को प्रतिदिन प्रताडि़त किया जा रहा है। कमरे के बाहर आधा दर्जन गार्ड तैनात किए गए हैं, जो चौबीस घंटे पहरा देते रहते हैं। छात्रों को किसी से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है।
छात्रावास में ऐसी कोई घटना नहीं
चीफ वार्डेन मालवीय छात्रावास एके सिंह ने बताया कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और न ही छात्रावास में ऐसी कोई घटना हुई है। हालांकि डीएसडब्ल्यू प्रो. आरपी तिवारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। आज प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक में इससे जुड़े पहलुओं पर चर्चा की गई।