Move to Jagran APP

अयोध्या में तेज हुआ राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम

भविष्य में राम मंदिर आंदोलन का ऊंट चाहे जिस करवट बैठे पर राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की तैयारियां पुख्ता हो रही हैं। रामघाट चौराहा पर संचालित राम जन्मभूमि कार्यशाला में प्रस्तावित मानचित्र के अनुरूप पत्थर तराशी का दो तिहाई काम हो चुका है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 09:13 AM (IST)
अयोध्या में तेज हुआ राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम

अयोध्या (रघुवरशरण) । भविष्य में राम मंदिर आंदोलन का ऊंट चाहे जिस करवट बैठे पर राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की तैयारियां पुख्ता हो रही हैं। रामघाट चौराहा पर संचालित राम जन्मभूमि कार्यशाला में प्रस्तावित मानचित्र के अनुरूप पत्थर तराशी का दो तिहाई काम हो चुका है। कार्यशाला के निदेशक अन्नू भाई सोमपुरा के अनुसार मंदिर निर्माण चाहे जब शुरू हो, उनकी ओर से कोई शिथिलता नहीं है। पत्थर तराशी का कुछ काम बाकी है लेकिन जब तक तराशे गए पत्थर कार्यशाला से निर्धारित स्थल तक पहुंचेंगे, तब तक तराशी का बाकी काम भी पूर्ण कर लिए जाने की योजना है।

loksabha election banner

पिछले कुछ माह से प्रस्तावित मंदिर की छत के लिए पत्थर तराशी का काम शुरू किया गया है। यूं तो लाल बलुए शिला खंडों पर पड़ती छेनी का हर वार कला के नमूने को निखारने वाला होता है पर छत के पत्थरों की तराशी के कहने ही क्या? किसी भवन की छत आम तौर पर सादगी के साथ संयोजित होती है पर यहां तराशी जा रही शिलाओं से बयां होता है कि प्रस्तावित मंदिर की छत भी कला की नजीर होगी। फूल-पत्ती और धार्मिक महत्व के प्रतीकों से आच्छादित छत शिल्पकार की प्रतिभा, धैर्य और कठिन श्रम की भी परिचायक है। प्रस्तावित मंदिर 268 फीट पांच इंच लंबा, 140 फीट चौड़ा एवं 128 फीट ऊंचा है। दो तल के मंदिर में 212 स्तंभ लगने हैं। प्रथम तल के स्तंभ 16 फीट छह इंच ऊंचे एवं द्वितीय तल के स्तंभ 14 फीट छह इंच ऊंचे हैं। प्रत्येक स्तंभों का व्यास तीन फीट है और उन पर यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूर्तियां उत्कीर्ण होंगी। नमूने के तौर पर प्रथम तल के दो स्तंभ शिल्प कला की नजीर के रूप में पूरी तरह से तैयार कर लिए गए हैं। बाकी 210 स्तंभों की तराशी भी पूर्ण कर ली गई है। हालांकि अभी उन पर मूर्तियां उत्कीर्ण की जानी बाकी हैं। आधारपीठ, ङ्क्षसहद्वार, नृत्यमंडप एवं गर्भगृह के लिए भी पत्थर तराशी का काम आकार पा चुका है। छतों में लगने वाली 80 बीम में से 50 की तराशी कर ली गई है।

विहिप की प्रतिबद्धता का द्योतक

विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के अनुसार कार्यशाला मंदिर निर्माण के प्रति विहिप की प्रतिबद्धता का द्योतक है और वह दिन दूर नहीं जब तराशे गए पत्थरों को उनकी मंजिल मिल चुकी होगी।

मंदिर निर्माण दूर की कौड़ी

फिलहाल मंदिर निर्माण दूर की कौड़ी है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सुप्रीम कोर्ट में है। चार साल बाद बमुश्किल पक्षकारों की उपस्थिति की प्रक्रिया ही पूर्ण हो सकी है। विहिप पिछले कुछ समय से विशेष बेंच का गठन कर मामले की शीघ्र सुनवाई की मांग कर रही है। हालांकि विहिप की यह मांग अभी हवा में ही है। कोर्ट की परिधि से बाहर भी मसले के हल का प्रयास शीघ्र फलीभूत होता नहीं नजर आ रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.