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नेपाल की बारिश से यूपी में बढ़ने लगा नदियों का पानी

जलस्तर से लगातार कटान के चलते लोगों की नींद उड़ चुकी है। फसलों को तो नुकसान पहुंचा ही है, गांवों में बीमारियां भी फैलने लगी हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 02:46 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 04:38 PM (IST)
नेपाल की बारिश से यूपी में बढ़ने लगा नदियों का पानी

लखनऊ (जेएनएन)। नेपाल में हो रही बारिश का असर अब उत्तर प्रदेश की नदियों पर दिखने लगा है। इससे लोगों में दहशत है। कटान के चलते लोगों की नींद उड़ चुकी है। लखीमपुर में शारदा व घाघरा नदियां उफान पर हैं। गोंडा में 13 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बाराबंकी में घाघरा का पानी घटने से बीमारियां फैलने लगी हैं। कल एल्गिन चरसड़ी का पुराना तटबंध कटकर नदी में समा गया। इससे रिंग बांध पर खतरा मंडराने लगा है। महाराजगंज में रोहिन, राप्ती और नारायणी के साथ ही नेपाल से जुड़ा महाव, प्यास और बघेल नाला भी तबाही मचा रहा है।

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नदियों का पानी घरों में घुसा

महाराजगंज में कल से नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। इससे आज नेपाल से सटे भारतीय सीमा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव प्रभवित हुए हैं। इसमें सेमरहना , बरगदवा, कनरी, चकरार ,देवघट्टी, हरखपुरा पिपरा आदि गांवों में पानी घुस गया है। घर तक पानी पहुंच जाने से लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। नेपाल स्थित बी गैप बांध के ठोकर नंबर 13 पर कटान तेज हो गई है। यहां रखे गए ब्लाक नदी में बह गए हैं। सिंचाई विभाग के कर्मचारी कटान रोकने में जुटे हैं। बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए जिलाधकारी वीरेंद्र कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक भारत सिंह प्रभावित गांवों में पहुंचे हैं। कमिश्नर और डीआइजी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए पहुंच रहे हैं। गंडक नदी का जलस्तर शनिवार की सुबह 357.90 मी, राप्ती नदी 78.520 मी और रोहिन नदी का जल स्तर 82.200 मी दर्ज किया गया है। चंदन नदी स्थिर है।

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शारदा और घाघरा जलस्तर बढ़ा

सीतापुर में शारदा व घाघरा नदियां लहरपुर, बिसवां व महमूदाबाद तहसील क्षेत्र के गांजरी इलाके को बड़े स्तर पर प्रभावित कर रही हैं। पानी कम होने के साथ ही शारदा नदी रेउसा ब्लॉक के मेउड़ी छोलहा ग्राम के पास धूसपुरवा से लेकर पासिनपुरवा तक खेतों का कटान कर रही है। बलरामपुर में गैंड़ासबुजुर्ग के परसौना व श्रीदत्तगंज के अल्लीपुर बुजुर्ग में घर व बाग का कटान तेजी से कर रही है। डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। आठ सौ एकड़ से अधिक फसल जलमग्न हो गई है। अंबेडकरनगर में घाघरा नदी के जल स्तर में वृद्धि होने का क्रम जारी है। मांझा उल्टहवा गांव के पांच पुरवों में नदी का पानी घुस गया है। कासगंज और पटियाली के दो दर्जन गांवों में आबादी क्षेत्र तक गंगा में चल रहे उफान से पानी पहुंच चुका है। कासगंज के दतलाना, लहरा, पाठकपुर, बघेला और पुख्ता गांव में आबादी क्षेत्र तक पानी घुस गया था। वहीं पटियाली के कादरगंज, रठेला, कठौरा, नरदौली आदि गांवों में फसल पूरी तरह डूबी है। शुक्रवार को तीन बैराजों से फिर लगभग ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

गंगा-रामगंगा और गर्रा में बैराज का पानी
बरेली में भारी बारिश के बाद रामगंगा और दूसरी नदियों का जलस्तर बढ़ा है। पीलीभीत में पहाड़ों पर बारिश की वजह से वनबसा बैराज से शारदा नदी में सुबह अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। शारदा नदी इस समय रमनगरा और हजारा क्षेत्र में कटान कर रही है। बदायूं में गंगा नदी में जलस्तर कम होने से सहसवान क्षेत्र के धापड़ और नगला बरन गांव के समीप कटान हो रहा है। परौटी और भरौलिया गांव में बाढ़ पीडि़त गंगा महावा बांध पर शरण लिए हुए हैं। शाहजहांपुर में बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। तटीय इलाके के गांवों में नदियां तेजी से कटान कर रही हैं। शुक्रवार को नरौरा बैराज, कछला गंगा, भैसार बैराज आदि से पानी छोड़े जाने से भी हालात बिगड़े हैं। रामगंगा, गर्रा और खन्नौत में पानी छोड़े जाने का भी असर दिखा है। बिजनौर में गंगा में पानी के स्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। जबकि खो नदी, रामगंगा नदी, मालन, कोटावाली, रतनाल समेत तमाम नदियों में जलस्तर कम हो गया है। पहाड़ पर बारिश के बाद भी मुरादाबाद में रामगंगा शांत है। गंगा भी खतरे के निशान से नीचे ही बह रही है। अमरोहा के गजरौला में गंगा का जलस्तर घट गया है।

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