शहीद पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी मिलेंगे पांच लाख
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
लखनऊ (जेएनएन)। पुलिस लाइन में आज सुबह माहौल एकदम अलग था। शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में शस्त्र और शीश झुके हुए थे। शहीद पुलिसकर्मियों की पावन स्मृति में शोक परेड का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मौके पर शहीद एएसपी मुकुल द्विवेदी सहित सात शहीद पुलिसकर्मियों की पत्नियों को 25-25 हजार रुपये का चेक व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। शहीदों की पत्नियों को पहले से ही 20-20 लाख रुपये की मदद दी जा रही है।
तस्वीरों में देखें-यूपी पुलिस की शहादत को नमन
इससे पूर्व मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा, सचिव गृह मणिप्रसाद मिश्रा, मंत्री रविदास मेहरोत्रा, मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला, डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी पीएसी सुभाष चंद्र, आइजी ए.सतीश गणेश, आरके चतुर्वेदी, डीआइजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी, आरकेएस राठौर सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर सुबह से पुलिस लाइन ग्राउंड में पुलिस अधिकारियों व अतिथियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। सुबह 8:05 बजे परेड मैदान में फाल इन हुई। इसके बाद डीजीपी व मुख्यमंत्री परेड स्थल पर पहुंचे, जिन्हें परेड ने सलामी दी। फिर शोक पुस्तिका को लाकर मंच पर प्रस्थापित किया गया। इस दौरान सम्मान में सभी पुलिसकर्मी व अतिथि अपने स्थान पर खड़े हो गए। इसके बाद मुख्यमंत्री व अन्य ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाकर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
देखें तस्वीरें : कन्नौज में पुलिस की टीम पर हमला
एसएसपी बनीं पहली महिला परेड कमांडर
पुलिस स्मृति दिवस परेड में पहला मौका था, जब किसी महिला पुलिस अधिकारी को परेड कमांडर बनने का गौरव हासिल हुआ। एसएसपी मंजिल सैनी परेड कमांडर बनीं। उनके साथ प्रशिक्षु आइपीएस रोहित सिंह सजवाड़ द्वितीय परेड कमांडर की भूमिका में नजर आए।
पुलिस स्मृति दिवस: नम आंखों में बहादुरी की दास्तां
शहादत को याद कर झलक आईं आंखें
दर्शक दीर्घा की अग्रिम पंक्ति में मथुरा के जवाहरबाग कांड में शहीद हुए एएसपी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी व एसओ संतोष कुमार यादव की पत्नी मिथलेश यादव बैठी थीं। इसी कतार में बदायूं के शहीद उपनिरीक्षक सर्वेश कुमार यादव की पत्नी सुनीता देवी, बदायूं के शहीद सिपाही सहीम खान की पत्नी राबिया बेगम, बदायूं के शहीद सिपाही भीमसेन की पत्नी रामबेटी, गौतमबुद्धनगर के शहीद उपनिरीक्षक अख्तर खान की पत्नी रजिया बेगम व फैजाबाद के शहीद सिपाही सत्य प्रकाश सरोज की पत्नी सीमा व अन्य परिवारीजन मौजूद थे।
मुख्यमंत्री को दिया प्रार्थनापत्र
शहीद उपनिरीक्षक सर्वेश कुमार की पत्नी सुनीता देवी अपने देवर अवधेश के साथ लखनऊ आई थीं। उनकी आंखों से बह रहे आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। अवधेश ने बताया कि सुनीता देवी ने मुख्यमंत्री को प्रार्थनापत्र देकर असाधारण पेंशन दिलाए जाने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने जल्द उसे पूरा कराने का भरोसा दिलाया। सुनीता देवी गाजियाबाद में अपनी बेटी दीक्षा, बेटे निशांक व कृष्णा के साथ रहती हैं। मथुरा पुलिस लाइन में चालक अवधेश के मुताबिक भाई सर्वेश की मृत्यु के बाद उन्होंने उनके परिवार की देखभाल के लिए अपना स्थानान्तरण गाजियाबाद किए जाने का आवेदन किया था। 16 सितंबर को उनका स्थानान्तरण गाजियाबाद हो गया था, लेकिन अब तक उन्हें मथुरा से रिलीव नहीं किया गया।
पति को मिले गैलेंट्री एवार्ड
एएसपी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने डीजीपी जावीद अहमद से पति को गैलेंट्री एवार्ड दिए जाने की बात कही। डीजीपी ने सहमति जताई और इसके लिए संस्तुति करने का भरोसा दिलाया।
बेटों के साथ पहुंची
शहीद भीमसेन की पत्नी रामबेटी पीलीभीत से अपने दो बेटों लाल बिहारी व गोदन लाल के साथ लखनऊ पहुंची। उन्होंने बताया कि बड़े बेटे ने पिता के स्थान पर मृतक आश्रित के तौर पर उपनिरीक्षक पद के लिए आवेदन किया है। हालांकि अभी उसे नौकरी नहीं मिल सकी है। वहीं, शहीद अख्तर खान की पत्नी रजिया बेगम ने बताया कि उनके दो बेटे अनस, अयान व बेटी राबिया अभी पढ़ाई कर रहे हैं।