उत्कल एक्सप्रेस हादसाः आतंकी गतिविधि या फिर ड्राइवर को नहीं मिला कॉशन
उत्कल एक्सप्रेस हादसे पर अधिकारी फिलहाल कुछ कहने को तैयार नहीं हैं लेकिन आतंकी साजिश रही या फिर ड्राइवर को नहीं मिला कॉशन।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद रेलवे अथवा पुलिस-प्रशासन के अधिकारी फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं लेकिन हादसे के पीछे आतंकी साजिश को भी देखा जा रहा है। हादसे के बाद यूपी एटीएस के टीम मौके को गई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी खतौली और इसके आसपास रेलवे ट्रैक पर पटरी से छेड़छाड़ होती रही है। कुछ दिन पहले पटरी की पेंड्रोल क्लिप निकली मिली थीं। एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि खतौली में ट्रैक रिपेयरिंग चल रही थी जो प्रथम जांच में हादसे की वजह मानी जा रही है। ट्रेन का खतौली में स्टॉप नहीं था जबकि ट्रेन की स्पीड अधिक होने के कारण हादसा हुआ है। जोन के सभी अफसरों को मौके पर भेज दिया गया है।
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क्या ड्राइवर को नहीं मिला कॉशन?
खतौली रेलवे स्टेशन से आगे हादसास्थल पर रेल पटरी पर काम चल रहा था। वहां कुछ प्लेटें कसी जा रही थी। मौके पर पड़ी मशीनें व लाल कपड़ा काम होने की तस्दीक कर रही हैं।
बताया जाता है कि काम होने के चलते वहां से बहुत धीमी गति से ट्रेन गुजारने के आदेश थे लेकिन सिग्नल व्यवस्था गड़बड़ाने के कारण रेल चालक को कॉशन की सूचना नहीं मिल पाई। इस कारण ट्रेन की रफ्तार 100 से ज्यादा थी। हादसे से रेल पटरी उखड़कर मौके से कई मीटर दूर जाकर गिरी। माना जा रहा है कि इस पटरी की प्लेटें ढीली रही होंगी।
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सौ मीटर ट्रैक खराब
हादसे वाले ट्रैक का दो सौ मीटर लंबा टुकड़ा काफी समय से खराब है। यहां पर अक्सर फ्रैक्चर होते रहते हैं, इसीलिए यहां ट्रेनें धीमी रफ्तार से गुजारी जाती हैं। इसे ही प्रथम दृष्ट्या दर्जनों लोगों के हताहत होने का कारण माना जा रहा है। दो सौ मीटर के इस ट्रैक को बदलने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। जिस पर मोहर लग गई है लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है।