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कानपुर-एटा में पुलिस पर हमला, बदायूं दंगा और औरैया चुनावी आग में झुलसा

औरैया में आज चुनावी आग भड़कती रही कानपुर और एटा में पुलिस पर हमला किया गया जबकि बदायूं दंगे की आग में झुलसता दिखा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 10:31 PM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 11:13 PM (IST)
कानपुर-एटा में पुलिस पर हमला, बदायूं दंगा और औरैया चुनावी आग में झुलसा
कानपुर-एटा में पुलिस पर हमला, बदायूं दंगा और औरैया चुनावी आग में झुलसा

लखनऊ (जेएनएन)। कानपुर, औरैया, एटा और बदायूं में आज जबरदस्त तनाव नजर आया। एटा में पुलिस से आरोपी छुड़ाने को लेकर थाने पर हमला किया गया। कानपुर में कमोवेश ऐसे ही हालात में पुलिस पर हमला किया गया। औरैया में चुनावी रंजिश में भाजपा विधायक के भाई की कार फूंक दी गई जबकि में बदायूं सामुदायिक संघर्ष की आग में झुलसता दिखा। इस दौरान पथराव, फायरिंग, तोड़फोड़ और आगजनी की वारदातों से लोग सहम गए। मौके पर पहुंच कर पुलिस अधिकारियों ने मोर्च संभाला। फिलहाल हालात काबू में बताए गए। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। 

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आरोपी छुड़ाने को थाने पर हमला

सटोरियों को पकडऩे पर भीड़ ने एटा की जलेसर कोतवाली पर हमला कर दिया। जमकर पथराव और तोडफ़ोड़ की फिर गोलियां चलाईं। हमले में इंस्पेक्टर और आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ हवालात में बंद सट्टे के आरोपी को छुड़ा ले गई। पुलिस ने तीन उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है। बीती रात पुलिस ने सट्टे की खाईबाड़ी करने के आरोप में कस्बे के अजय, प्रमोद, जगदीश, विजय, पवन और मनोज को गिरफ्तार कर लिया। भीड़ का आरोप है कि पुलिस ने साठगांठ कर पांच को कोतवाली से छोड़ दिया पर मनोज को नहीं छोड़ा। उसके परिजन पहुंचे तो उन्हें भगा दिया। जानकारी होने पर मंगलवार रात दर्जनों लोग कोतवाली पहुंच गए। हमलावरों ने कोतवाली पर पहले पथराव किया फिर तमंचों से हवाई फायङ्क्षरग कर दी। हमलावरों के हाथों में लाठियां थीं। कोतवाली का फर्नीचर तहस-नहस कर दिया, खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले और कई पुलिस कर्मियों की पिटाई की। पथराव व मारपीट में कोतवाली समेत 6 पुलिस कर्मी घायल हो गए। भीड़ मनोज को हवालात से निकालकर  ले गई। एसडीएम और सीओ सर्किल के फोर्स के साथ कोतवाली पहुंचे और घायलों को स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया। उपनिरीक्षक अनिल शर्मा की तहरीर पर 6 नामजदों के साथ 50 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज देखकर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है, तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

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कानपुर पुलिस पर ग्रामीणों का हमला

कानपुर के नर्वल में पति-पत्नी के बीच विवाद की सूचना पर पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने अचानक हमला कर दिया। पुलिस टीम पत्नी को पीटने वाले किसान व कार्रवाई का विरोध कर रहे क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) को थाने ले जा रही थी। तभी ग्रामीणों ने पथराव कर दोनों को छुड़ा लिया। सिपाहियों को भी दौड़ाकर पीटा। घटना के बाद फोर्स बुला दोनों आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया गया। नर्वल वनपुरवा निवासी किसान रामसिंह पासवान का पत्नी अर्चना से विवाद हो गया था। अर्चना की सूचना पर कंट्रोल रूम से बिधनू थाने की यूपी 100 टीम के सिपाही रामपाल सिंह, अखिलेश सिंह व रमेशचंद्र यादव मौके पर पहुंचे। पुलिस दोनों पक्षों को सुनने के बाद रामसिंह को थाने ले जाने लगी। इसी दौरान क्षेत्र पंचायत सदस्य कमलेश भी पहुंच गए और राम सिंह को छुड़ाने लगे। सिपाही ने उन्हें धक्का दे दिया। आरोप है कि फिर भी न मानने पर सिपाही ने कमलेश को थप्पड़ मार दिया और उसे भी गाड़ी में बैठा लिया। यह देख गुस्साए ग्रामीणों को पुलिस कर्मियों को घेर लिया। उन्होंने सिपाहियों को दौड़कर पीटा। इसके बाद यूपी 100 की पीआर वैन पर पथराव कर राम सिंह व कमलेश को छुड़ा ले गए। वहां से भागकर सिपाहियों ने मोबाइल से अफसरों को जानकारी दी। इसके बाद पहुंचे भारी पुलिस बल ने गांव की घेराबंदी कर रामसिंह व कमलेश को पकड़ लिया। सिपाही रामपाल ने रामसिंह, कमलेश, देव नारायण व दर्जनभर ग्रामीणों के खिलाफ मारपीट, बलवा, पथराव व सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

औरैया में सपाइयों का पुलिस पर पथराव

औरैया में आज जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव के लिए हो रहे नामांकन के दौरान सपाई भड़क गए। सपाइयों ने पुलिस पर पथराव कर झांसी के गरौंठा क्षेत्र से भाजपा विधायक के बड़े भाई की कार में आग लगा दी। इसके साथ ही कई वाहनों में तोडफ़ोड़ की। इस दौरान पुलिस कर्मी बचते नजर आए। सपाइयों ने पुलिस पर भाजपा का एजेंट बनकर कार्य करने का आरोप लगाया है। नामांकन के लिए प्रत्याशी, उनके प्रस्तावकों और अनुमोदक को छोड़ किसी को भी जाने की इजाजत नहीं थी। सपा समर्थित प्रत्याशी सुधीर यादव के खिलाफ कुछ दिन पूर्व दिबियापुर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। सुबह से पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की फिराक में थी। इसी दौरान भाजपा की झंडा लगी एक कार ककोर बंबा के पास पहुंची तो पुलिसकर्मी बैरीकेङ्क्षडग हटाने लगे। यह देख सपाई भड़क उठे और कार पर पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी लाठी फटकारने के साथ पथराव किया। उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया। पुलिस ने सपाइयों के कई वाहनों में तोडफ़ोड़ की। मगर, उग्र हो चुके सपाइयों ने पथराव कर पुलिस को आगे नहीं बढऩे दिया। यह देख पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए।

औरैया में कई सपा नेता गिरफ्तार

बाद में उपद्रवियों ने गरौठा के भाजपा विधायक जवाहर लाल के बड़े भाई राकेश राजपूत की कार में आग लगा दी। साथ ही पुलिस कर्मियों के वाहनों में तोडफ़ोड़ की। बाद में पुलिस पहुंची, तब तक उपद्रवी भाग चुके थे। इस मामले में एसपी संजीव त्यागी ने सिर्फ इतना बताया कि पुलिस निष्पक्ष रूप से कार्य कर रही है। सपा समर्थित प्रत्याशी सुधीर यादव के समर्थन में विधान परिषद सदस्य पुष्पराज जैन पम्मी व राजपाल कश्यप, कन्नौज के पूर्व विधायक अनिल दोहरे, सपा जिलाध्यक्ष योगेन्द्र यादव, सांसद प्रतिनिधि नवाब ङ्क्षसह यादव, उमर्दा के पूर्व ब्लाक प्रमुख इन्द्रेश यादव अपने 60-70 समर्थकों के साथ ककोर स्थित जिला मुख्यालय जा रहे थे। बेला थानाध्यक्ष बलिराज शाही व बिधूना क्षेत्राधिकारी लालता प्रसाद शुक्ला ने पाण्डु नदी पुल पर सपा नेताओं के वाहनों को रोक लिया। इससे गुस्साए सपा नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। लगभग आधा घंटे बाद क्षेत्राधिकारी सपा नेताओं को गिरफ्तार कर बेला थाना लेकर आए। दोपहर बाद सभी सपा नेताओं को मुचलका भरने के बाद छोड़ दिया गया।

शोभायात्रा को लेकर बदायूं पथराव 

बदायूं के बिल्सी क्षेत्र के ग्राम बेहटा गुसाई में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर निकाली गई शोभायात्रा पर दूसरे समुदाय के लोगों ने पथराव और फायरिंग कर दी। इससे गांव में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया। इसमें दर्जनभर लोग घायल हो गए। हर साल की तरह श्रीकृष्ण जन्मोत्सव शोभायात्रा शुरू हुई। देवी, देवताओं की झांकियों और बैंडबाजों के साथ काली आखाड़ों के कलाकार करतब दिखाते हुए बढ़ रहे थे। बताते हैं कि शोभायात्रा गांव में घोड़ा बुग्गी तांगा स्टैंड के निकट पहुंचते ही शरारती तत्वों ने ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। प्रधान पति नवलपुरी, प्रमोद गुप्ता, राजुलपुरी, अंकित शर्मा, डॉ. प्रदीपपुरी, भजन लाल गुप्ता आदि घायल हो गए। शोभायात्रा निकाल रहे लोगों का भी आक्रोश फूट पड़ा। जमकर पथराव होने के साथ फायङ्क्षरग भी हुई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस भाग खड़ी हुई। करीब दो घंटे तक विवाद होता रहा। झांकियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। बैंडबाजे वाले और काली अखाड़ा के कलाकारों ने भाग कर जान बचाई। गांव में सांप्रदायिक तनाव की जानकारी होते ही एसएसपी चंद्रप्रकाश, एडीएम प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव भारी फोर्स के साथ पहुंच गए। एसएसपी चंद्रप्रकाश ने कहा कि गांव की स्थिति सामान्य है, दो-तीन लोगों को हल्की-फुल्की चोट आई हैं। पथराव करने वाले असमाजिक तत्वों को गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। 


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