बीएचयू में दहशत भरी खामोशी
लखनऊ। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दो दिनों तक चले खूनी संघर्ष के बाद हर ओर दहशत
लखनऊ। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दो दिनों तक चले खूनी संघर्ष के बाद हर ओर दहशत भरी खामोशी है। बिरला ए, बी, सी, व अन्य छात्रावासों में पीएसी ने अपनी छावनी बना ली है।
जिन छात्रावासों में विद्यार्थी हाथ में किताब आते-जाते थे, वहा अब पीएसी के जवान हाथों में हथियारों संग गश्त करते दिखाई पड़ रहे थे। हॉस्टल मार्ग पर बिरला के सामने शनिवार को आमतौर पर सन्नाटा पसरा रहा। यहां के हॉस्टलों का यह मंजर तो यही संकेत देता रहा कि अभी कुछ दिनों तक हॉस्टलों की हालत नहीं सुधरने वाली।
कर्मियों को भी नहीं छोड़ा
जिला प्रशासन की कार्रवाई और गिरफ्तारी में शुक्रवार को छात्रावासों के कर्मचारी भी लपेट लिये गए। बिरला व राजा राममोहन छात्रावास के तीन कर्मचारियों को पुलिस वैन में लादकर लेती गई। इसमें महेश, ब्रह्मा, नरेंद्र शामिल हैं। कल तक उनकी घर वापसी नहीं हो पाई थी। महेश की बेटी सुबह से ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड व छात्रावास का चक्कर लगा रही थी।
जरूर बाहरी थे
शुक्रवार को हुई घटना में बाहरी असामाजिक तत्व भी सक्रिय थे। बिरला के वार्डेन प्रो. वीरेंद्र सिंह व डा. रामाज्ञा राय का कहना था कि वे पत्थरबाजी के बीच पहुंचे और बच्चों का समझाना शुरू किया तो बिरला के छात्र मान गए। उनके अनुसार पीछे से पत्थर चल रहे थे। इसपर छात्रों ने उनसे साफ कह दिया कि सर आप यहा से जाएं, क्योंकि ये आपको नहीं पहचानते। प्रोफेसरों का एक गुट ब्रोचा छात्रावास भी पहुंचा और समझाया। वहा के छात्र मान गए थे और पत्थरबाजी बंद कर दी थी। आरोप प्रत्यारोप के बीच ब्रोचा से जुड़े लोगों का कहना था कि यहा के छात्र सिर्फ अपनी जान बचाने के लिए पत्थरबाजी कर रहे थे। ब्रोचा के छात्रों पर पेट्रोल बम, तमंचे से फायरिंग भी की गई थी। इसमें कई दर्जन छात्र घायल हुए थे। ब्रोचा का एक छात्र अमित कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसका इलाज सर सुंदरलाल अस्पताल की आइसीयू में हो रहा है।
बीएचयू प्रकरण जस्टिस शलेंद्र के हवाले
काशी हिंदू विश्वविद्यालय मामले की जांच इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस शैलेंद्र सक्सेना की एकल सदस्यीय कमेटी करेगी। उन्होंने जांच करने की स्वीकृति बीएचयू प्रशासन को दे दी है। एक महीने में कमेटी अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंपेगी। जस्टिस सक्सेना विवि में हुई वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच करेंगे। यह जानकारी बीएचयू कुलपति प्रो. राजीव संगल ने शनिवार को दी। संगल ने कहा कि पहले चरण में यहां के एक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। इनके साथ ही एक अन्य शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। कुलपति ने किसी का नाम बताने से मना कर दिया। कहा कि एक-दो दिन में सभी नाम सार्वजनिक हो जाएंगे। इतना जरूर बताया कि शिक्षक का निलंबन वित्तीय अनियमितता के लिए किया गया है। इसके साथ ही पत्थरबाजी व खूनी संघर्ष में शामिल छात्रों में 14 की पहचान करते हुए इन्हें विवि से निलंबित कर दिया गया है। इन छात्रों को भी सोमवार को नोटिफिकेशन मिल जाएगा। बताया कि अभी भी दोषियों की पहचान की जा रही है। जैसे-जैसे पहचान होती जाएगी, वैसे-वैसे कार्रवाई होगी।
परीक्षा तिथि बढ़ी
कुलपति ने बताया कि परिसर में सेमेस्टर परीक्षा सात दिसंबर के बाद होगी। शिक्षण सत्र तो सही चल रहा है, सत्र की अंतिम तारीख 21 नवंबर थी, सभी के पाठ्यक्रम पूरे कर लिए गए थे मगर इन दिनों विवि की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। इससे विद्यार्थियों की मानसिक तैयारी पूरी नहीं है।
मेरे भाई के खिलाफ भी दर्ज हो मुकदमा : ओमप्रकाश
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह के पुत्र राहुल राज पर लाठी बरसाने के बाद भी उसके खिलाफ षड़यंत्र के तहत एफआइआर दर्ज नहीं हुई। यह जिला प्रशासन व बीएचयू प्रशासन की चाल है। यह आरोप मंत्री ओपी सिंह के पुत्र व राहुल के बड़े भाई रितेश सिंह ने लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल के साथियों पर संगीन धाराएं लगाई गई, वही काम मेरा छोटा भाई भी कर रहा था। उसपर लाठियां बरसाई जा रहीं थीं, वह दोषी था लेकिन उसे राजनीति के तहत बचाया गया। जनता के बीच गलत संदेश देने की कोशिश है, यह आंदोलन को कुचलने की चाल है। उन्होंने कहा कि यदि भाई निर्दोष है तो बाकी साथियों पर लगी धाराओं को भी हटाया जाए।