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शिक्षकों को एपीआइ स्कोर पर मिलेंगे पुरस्कार

उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को सालाना दिए जाने वाले पुरस्कार अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित एकेडमिक परफार्मेंस इंडीकेटर्स (एपीआइ) के आधार पर दिये जाएंगे। कैबिनेट ने इसके लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार नियमावली-2015 को मंजूरी दे दी है। नियमावली के अनुसार पुरस्कार

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 11:08 PM (IST)
शिक्षकों को एपीआइ स्कोर पर मिलेंगे पुरस्कार

लखनऊ। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को सालाना दिए जाने वाले पुरस्कार अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित एकेडमिक परफार्मेंस इंडीकेटर्स (एपीआइ) के आधार पर दिये जाएंगे। कैबिनेट ने इसके लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार नियमावली-2015 को मंजूरी दे दी है।

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नियमावली के अनुसार पुरस्कार के लिए शिक्षकों से प्राप्त आवेदनों की जांच के लिए निदेशक उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में परीक्षण समिति होगी। पुरस्कार के दावेदार राज्य विश्वविद्यालय, राजकीय, अनुदानित व स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के शिक्षकों निर्धारित प्रारूप पर अपने आवेदन संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति से अग्रसारित कराकर परीक्षण समिति को भेजेंगे। परीक्षण समिति एपीआइ स्कोर के आधार पर आवेदनों का परीक्षण कर एपीआइ के आधार पर अधिकतम अंक पाने वाले शिक्षकों के आवेदन पत्र मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय चयन समिति को भेजेगी। चयन समिति विचार विमर्श कर चयनित नामों की सूची मुख्यमंत्री को भेजेगी जो इसे अंतिम स्तर पर मंजूरी देंगे।

पुरस्कार नियमावली के तहत समय-सारिणी भी तय की गई है। शिक्षकों की ओर से उच्च शिक्षा निदेशालय में आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल होगी। निदेशालय में परीक्षण समिति द्वारा आवेदनों की जांच पूरी करने की अंतिम तारीख 20 जून होगी। निदेशक उच्च शिक्षा की ओर से राज्य स्तरीय चयन समिति को आवेदन पत्र भेजने की अंतिम तारीख 30 जून तय की गई है। राज्य स्तरीय समिति प्राप्त आवेदनों पर विचार विमर्श के बाद 25 जुलाई तक निर्णय करेगी। पुरस्कारों की घोषणा 15 अगस्त होगी और उनका वितरण पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर किया जाएगा।

उच्च शिक्षा विभाग प्रत्येक वर्ष तीन शिक्षकों को सरस्वती सम्मान और छह शिक्षकों को शिक्षक श्री सम्मान से नवाजता है। सरस्वती सम्मान के लिए प्रत्येक शिक्षक को तीन लाख रुपये और शिक्षक श्री के लिए डेढ़ लाख रुपये दिये जाते हैं। नियमावली में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सरस्वती सम्मान से विभूषित किये जाने वाले तीन शिक्षकों में से एक राज्य विश्वविद्यालय, दूसरा राजकीय और तीसरा अनुदानित महाविद्यालय से होगा। शिक्षक श्री सम्मान से नवाजे जाने वाले छह शिक्षकों में से तीन राज्य विश्वविद्यालयों के होंगे जबकि बाकी तीन में से एक-एक शिक्षक राजकीय, अनुदानित और स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के होंगे।

माननीयों को एक और सुविधा

विधान सभा अध्यक्ष अथवा विधान परिषद के सभापति द्वारा नामित किए जाने के बाद किसी सम्मेलन, बैठक व अन्य किसी कार्यक्रम में अल्पकालिक सूचना पर हिस्सा लेने के लिए अब विधायकों व विधान परिषद सदस्यों को हवाई यात्रा अनुमन्य होगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) नियमावली 1981 में संशोधन किया गया है। संशोधन के प्रस्ताव को मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। अब तक की व्यवस्था के अनुसार विधायक व विधान परिषद सदस्यों को रेल में वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी की यात्रा अनुमन्य थी लेकिन मंगलवार को कैबिनेट ने इन्हें हवाई जहाज में इकॉनिमी क्लास की हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान कर दी।

भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को मजबूत करेगी आयुष सोसायटी

उत्तर प्रदेश में भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को मजबूत करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने आयुष सोसायटी के शासी व कार्यकारी निकाय को मंजूरी प्रदान कर दी। इस सोसायटी के माध्यम से आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी विधाओं के उन्नयन पर जोर दिया जाएगा। बीते वर्ष 30 दिसंबर को राज्य में राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसायटी के शासी निकाय व कार्यकारी निकाय का गठन किया गया था। उसके बाद से यह निकाय मंत्रिमंडल की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब इन दोनों निकायों के गठन व नियमावली के अनुसार उनके संचालन व क्रियान्वयन करने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने अनुमोदित कर दिया है। केंद्र प्रायोजित इस योजना के अंतर्गत आयुर्वेद, योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी अस्पताल एवं औषधालय सेवाओं पर जोर दिया जाएगा। इसमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षण संस्थाओं सहित आयुष शैक्षणिक संस्थानों का विकास भी शामिल रहेगा। राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं, औषधि नियंत्रण ढांचे सहित औषधीय पादपों के प्रसार संबंधी मूल व आवश्यक कार्यकलाप भी इन निकायों के जिम्मे होंगे। शासी निकाय की कमान मुख्य सचिव को अध्यक्ष के रूप में सौंपी गयी है। चिकित्सा शिक्षा, वित्त, नियोजन, उद्यान व वन विभाग के प्रमुख सचिव, प्रदेश स्वास्थ्य मिशन, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक व यूनानी सेवाओं के निदेशक, राज्य औषधि पादप बोर्ड के नोडल अधिकारी और राज्य ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी को सदस्य बनाया गया है। विशेष सचिव (आयुष) सदस्य सचिव होंगे।आयुष मिशन योजना के अंतर्गत होने वाली गतिविधियों पर केंद्र सरकार 75 प्रतिशत धनराशि खर्च करेगी। इस बाबत बनने वाली योजनाओं में 25 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार को करना होगा। यही कारण है कि आयुर्वेदिक, होम्योपैथी व यूनानी अधिकारियों को आयुष सोसायटी के कानूनी जामा पहनने से सुधार की उम्मीद जगी है।


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