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गहमरी की दास्तां के साथ पूर्वांचल की गरीबी मिटाने का संकल्प

कांग्रेस सरकार के बाद देश में कई सरकारें बनीं पर पूर्वांचल की तस्वीर जस की तस बनी रही। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलिया में उस वाकये का जिक्र पूर्वांचल से गरीबी दूर करने की घोषणा की है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 01 May 2016 06:50 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 09:10 PM (IST)
गहमरी की दास्तां के साथ पूर्वांचल की गरीबी मिटाने का संकल्प

लखनऊ। भृगु महर्षि की तपोभूमि, मंगल पांडेय, जयप्रकाश नारायण की कर्मभूमि, देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले बागी बलिया की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस परदे को फिर उठा दिया कि पूर्वांचल गरीबी के चिथड़े लपेटे क्यों खड़ा है। क्यों गुम है। वाकया निश्चित 54 वर्ष पुराना पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य की दास्तान बताने को काफी है। वह भी तब जब प्रधानमंत्री उस बात को याद कर गुनने-बुनने को आगे आएं।

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याद करते हैं इतिहास के उस पन्ने को जो आज बलिया में प्रधानमंत्री ने खोला। उनका आशय कुछ यूं रहा। बलिया के पड़ोस के जिले गाजीपुर के सांसद विश्वनाथ सिंह गहमरी ने 1962 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन, गरीबी की दास्तान रो-रोकर सदन में सुनाई थी। कांग्रेस के टिकट से जीत कर आए विश्वनाथ सिंह गहमरी ने अपने पहले संबोधन में गाजीपुर संग पूर्वांचल की दुर्दशा और गरीबी के बारे में बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग भुखमरी के कारण अपना जीवन-यापन करने के लिए पशुओं के गोबर से अनाज बीनकर उसके आटे की रोटी खाते हैं। उस वक्त पूरे सदन में सन्नाटा छा गया। उनकी यह बात सुनकर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू सहित पूरी संसद द्रवित हो गई थी। जब यह बात गहमरी मार्मिकता के साथ एक-एक कर संसद में रख रहे थे, उस समय वे खुद को रोने से रोक नहीं पाए।

संबोधन के बाद गहमरी ट्रेन से गहमर आ गए। प्रधानमंत्री नेहरू ने तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री सत्यनारायण सिन्हा को गाजीपुर के सांसद से तत्काल बात कराने का निर्देश दिया। इसके बाद गहमरी के दिल्ली में नहीं रहने के कारण सिन्हा ने गाजीपुर के कलक्टर से बात कर गहमरी से बात कराने को कहा। इसी के बाद तत्कालीन वित्त सचिव बीपी पटेल की अध्यक्षता में कमीशन गठित हुआ था। जिले सहित समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास पर रिपोर्ट मांगी गई थी। पांच दशक से अधिक समय बीत गए, लेकिन इस पर न तो जिले का कोई जनप्रतिनिधि गंभीर हुआ और न ही कोई राजनीतिक दल। अंत यहीं नहीं हुआ, कांग्रेस सरकार के बाद देश में कई सरकारें बनीं पर पूर्वांचल की तस्वीर जस की तस बनी रही। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलिया में उस वाकये का जिक्र पूर्वांचल से गरीबी दूर करने की घोषणा की है।


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