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आइबी के अलर्ट पर पूरे उत्तर प्रदेश में संदिग्धों की छानबीन

उत्तर प्रदेश की सभी कोर्ट-कचहरियों में पुलिस ने आज संदिग्धों की छानबीन की। अंदेशे पर कुछ लोगों को पकड़ा गया जिन्हें सघन पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 08:01 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 09:31 PM (IST)
आइबी के अलर्ट पर पूरे उत्तर प्रदेश में संदिग्धों की छानबीन

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश की सभी कोर्ट-कचहरियों में पुलिस ने आज संदिग्धों की छानबीन की। एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी के निर्देश पर सुबह से शाम तक तलाशी जारी रही। अंदेशे पर कुछ लोगों को पकड़ा गया जिन्हें सघन पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

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पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ राम कुमार ने बताया कि दक्षिण भारत में न्यायालय परिसर में आतंकी हमले के प्रयास किए गए थे। इसकी तहकीकात में इंटेलीजेंस ब्यूरो ने पाया कि उत्तर प्रदेश में भी आतंकी संगठन खुराफात की तैयारी कर रहे हैं। इसके मद्देनजर मंगलवार शाम को इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) ने अलर्ट जारी कर उप्र पुलिस को आगाह किया। देर रात एडीजी एलओ ने पुलिस अधिकारियों से वार्ता की। उन्होंने जोनल आइजी के स्तर पर मॉनीटरिंग की व्यवस्था करते हुए सभी जिलों में सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए। न्यायालय परिसरों में एसपी स्तर के अधिकारियों की अगुआई में छानबीन शुरू हुई जो शाम तक चली।

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संवेदनशील स्थलों पर कड़ी सुरक्षा

पुलिस अधीक्षकों को मॉल, मल्टीप्लेक्स, सिनेमाघर, रेलवे और बस स्टेशन, बड़े धर्मस्थल और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कड़ी सुरक्षा बढ़ाने की हिदायत दी गई है। किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति को देखते हुए चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं।

सैन्य क्षेत्र के जासूसों की तलाश

सीतापुर में सैनिक की वर्दी में एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए। अभी हाल में एटीएस के सहयोग से राजस्थान पुलिस ने सैन्य क्षेत्रों में जासूसी करने वालों को आर्थिक मदद कर रहे गाजीपुर निवासी दो भाइयों की गिरफ्तारी की है। इसके बाद कई अहम जानकारी सामने आई। एटीएस, आइबी, एसएसबी और एसटीएफ ने सैन्य क्षेत्रों के आसपास निगरानी का सघन अभियान शुरू किया है। सैन्य इलाकों में बाहर से मिलने आने वाले संदिग्धों पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी नजर है। इस बात के इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान के इशारे पर कुछ लोग सूचनाएं जुटाने में फिर सक्रिय हुए हैं। आइएसआइ के लिए काम करने वाले इन एजेंटों में सेना के सेवानिवृत्त कुछ जवान भी हैं। पाकिस्तानी एजेंट आर्थिक मदद के जरिये सैन्य क्षेत्रों में जासूसों की बड़ी टीम खड़ी करना चाहते हैं। ध्यान रहे कि एटीएस और राजस्थान पुलिस ने पिछले माह गाजीपुर के रसूलपुर नेवादा निवासी जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया था। जमालुद्दीन ने सैन्य क्षेत्रों की जासूसी करने वाले राजस्थान के पोखरण इलाके के पूर्व सैनिक गोरधन सिंह की आर्थिक मदद की थी। यह मदद उसने दक्षिण अफ्रीका में रह रहे उसके भाई के कहने पर की। बाद में उसके भाई को भी गिरफ्तार किया गया। जमालुद्दीन ने बंगाल निवासी नायब सूबेदार पाटन कुमार पोद्दार के खाते में भी 75 हजार रुपये जमा किए थे। प्रशिक्षण बटालियन सिकंदराबाद, हैदराबाद में पाटन पोद्दार ने तैनाती के दौरान कई सूचनाएं लीक की थीं।


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