याकूब की पत्नी को सांसद बनाने की मांग करने वाला सपा का नेता निलंबित
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से 1993 के मुंबई बम धमकों के दोषी याकूब मेमन की पत्नी राहीन को सांसद बनाने की मांग करने वाले समाजवादी पार्टी मुंबई के उपाध्यक्ष मोहम्मद फारुख घोसी को पार्टी ने पद से निलम्बित कर दिया है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से 1993 के मुंबई बम धमकों के दोषी याकूब मेमन की पत्नी राहीन को सांसद बनाने की मांग करने वाले समाजवादी पार्टी मुंबई के उपाध्यक्ष मोहम्मद फारुख घोसी को पार्टी ने पद से निलम्बित कर दिया है। मोहम्मद फारुख घोसी ने कल पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर याकूब मेमन की पत्नी को सांसद बनाने की मांग की थी।
उनके मुताबिक राहीन खुद 1993 बम धमकों की अभियुक्त थी जिन्हें बाद में बरी कर दिया गया था। उनका तर्क था कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव नेकदिल इंसान हैं और मुलायम सिंह यादव असहायों की मदद करते हैं। राहीन अब असहाय है। अगर राहीन मेमन को संसद भेजा जाता है तो वह संसद में इन लोगों की आवाज बन सकती हैं।
मोहम्मद फारुख घोसी ने यह पत्र लिखने की बात स्वीकारते की और कहा कि राहीन मेमन भी 1993 बम धमकों की एक अभियुक्त थी और कई वर्ष जेल में रही थी। उन्होंने जेल में हर वह तकलीफ सही जो एक कैदी सहता है। उन तकलीफों से राहीन भली भांति वाकिफ हैं। मैं मानता हूँ कि अगर उन्हें संसद सदस्य के रूप में लोक सभा या राज्य सभा में भेजा जाता है तो वह देश के असहाय तथा मजलूम लोगों की आवाज बनेगी और उनके लिए लड़ेंगी।
मोहम्मद फारुख घोसी की यह राय पार्टी के आला नेताओं ने सिरे से खारिज करते हुए आज महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष के पद से निलम्बित कर दिया। सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने फारुक घोसी के इस पत्र को बकवास बताने के साथ ही उनको सपा मुंबई के उपाध्यक्ष पद से भी हटा दिया है।
लेटर में क्या लिखा है
सपा नेता ने लिखा है, मुंबई बम धमाके के मामले में याकूब के साथ उसकी पत्नी को भी अरेस्ट किया गया था। हालांकि, फिर राहीन को बरी कर दिया गया लेकिन तब तक वह कई सालों तक जेल में रही। कितनी तकलीफ सही होगी हम समाजवादियों की एक खूबी है कि मन में जो बात रहे उसे कहना जरूरी है। आप हमारे नेता हैं वह भी समाजवादी जिन्होंने मजलूम और असहाय लोगों का हमेशा साथ दिया है। आज मुझे राहीन याकूब मेमन असहाय लग रही है और इस देश में कितने असहाय होंगे जिनकी लड़ाई हम सबको लडऩा है और मुसलमान भी आज अपने आपको असहाय समझ रहा है। हमें साथ देना चाहिए और राहीन याकूब को संसद सदस्य बनाकर मजलूम व असहाय लोगों की आवाज बनने देना चाहिए।