लखनऊ में सात लाख जाली मुद्रा समेत तस्कर एटीएस के हत्थे चढ़ा
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने लखनऊ रेलवे स्टेशन के उच्चाधिकारी विश्रामालय के पास से तस्कर निजामुद्दीन अंसारी को सात लाख भारतीय जाली मुद्रा के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
लखनऊ। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने लखनऊ रेलवे स्टेशन के उच्चाधिकारी विश्रामालय के पास से तस्कर निजामुद्दीन अंसारी को सात लाख भारतीय जाली मुद्रा के साथ गिरफ्तार कर लिया है। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के लतिहनवा निवासी अंसारी लंबे समय से जाली मुद्रा की आपूर्ति कर रहा है। पुलिस महानिरीक्षक अपराध आरके स्वर्णकार ने गुरुवार को बताया कि निजामुद्दीन के कब्जे से एक हजार रुपये के पांच सौ नोट और पांच सौ रुपये के 400 नोट मिले हैं। यह नेपाल बेस्ड तस्करों से जाली भारतीय मुद्रा लेकर दिल्ली के कालका जी निवासी मनोज गुप्ता को आपूर्ति करता था। 18 जनवरी को मनोज गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद अंसारी का सच सामने आया। फिर एटीएस को सूचना संकलन में जानकारी मिली कि नेपाल-बिहार की सीमा से जाली मुद्रा की तस्करी शुरू कर दी गयी है। सटीक जानकारी मिलने पर इसे गिरफ्तार कर लिया गया। आइजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि पूछताछ में अंसारी ने नेपाल, बिहार एवं दिल्ली के जाली मुद्रा के तस्करों के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
मनोज के संपर्क में आने के बाद शुरू की तस्करी
बिहार निवासी निजामुद्दीन अंसारी बीए आनर्स की शिक्षा लेने के बाद मुंबई में रोजगार कर रहा था। कई जगह नौकरी करने के बाद वह 2001 से 2009 तक दिल्ली के ओखला में टेलर और पेंटिंग का कार्य किया। यहीं दिल्ली निवासी मनोज और हरियाणा निवासी वसंत और मुजफ्फरपुर के अरशद के संपर्क में आया। मनोज गुप्ता ने ही 2009 में इसे जाली नोटों की तस्करी के लिए प्रेरित किया। निजामुद्दीन ने अपने गांव के निवासी रमेश से पांच सौ रुपये का सेंपल दिखाया और फिर तभी से सप्लाई की बात तय हुई। 2010 में 40 प्रतिशत के बदले 100 रुपये की जाली मुद्रा पर बात पक्की हुई। अंसारी ने पहले पचास हजार रुपये की आपूर्ति की। फिर 2010 में दस से 15 लाख रुपये की जाली भारतीय नोट रमेश से लेकर मनोज को दिया। निजामुद्दीन ने रमेश के पकड़े जाने के बाद 2011 से अब तक एक करोड़ दस लाख रुपये से ज्यादा की आपूर्ति की है।
अंतर्राष्ट्रीय तस्करों की पड़ताल में एटीएस
कई वर्षों से एटीएस की टीम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जाली मुद्रा का कारोबार करने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश, सिंगापुर एवं नेपाल बेस्ड जाली भारतीय नोटों के तस्करों के संबंध में सूचनाएं एकत्र कर रही हैं। इसी का नतीजा है कि 2013 में एटीएस ने लखनऊ से नेपाल के वीरगंज निवासी इमरान तेली के पास से पांच लाख, वर्ष 2015 मे वीरगंज के ही शेख जावेद इकबाल जावेद के पास से 25 लाख और महबूब अली शेरू के कब्जे से पांच लाख जाली मुद्रा बरामद कर गिरफ्तारी की थी।