सोलहवीं विधानसभा विघटित, सत्रहवीं के गठन की औपचारिकता पूरी
अखिलेश यादव कैबिनेट के उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा विघटन प्रस्ताव को आज राज्यपाल राम नाईक ने अधिसूचित कर दिया।
By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 17 Mar 2017 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2017 10:25 AM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद अखिलेश यादव कैबिनेट ने 16वीं विधानसभा के विघटन का प्रस्ताव राजभवन भेजा था, जिस पर शुक्रवार को राज्यपाल राम नाईक ने विधानसभा के विघटन की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही 17वीं विधानसभा के विधिवत कार्य करने की औपचारिकता पूरी हो गयी।
अखिलेश यादव कैबिनेट के अनुमोदन के बाद संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने 16वीं विधानसभा विघटित करने का प्रस्ताव आज राजभवन भेजा था। जिस पर राज्यपाल ने राम नाईक संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (2) के उपखंड (ख) से मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए 16वीं विधानसभा को विघटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके बाद 17वीं विधानसभा की बैठक आहूत करने की वैधानिक बाध्यता समाप्त हो गयी। बता दे कि 17वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में संपन्न निर्वाचन प्रक्रिया के बाद नवनिर्वाचित सदस्यों के नामों की सूची गत 14 मार्च को सौंपी गयी थी।
27 मई तक था कार्यकाल
16वीं विधानसभा का कार्यकाल प्रथम बैठक गत 28 मई, 2012 को होने के कारण 27 मई, 2017 तक था लेकिन 17वीं विधानसभा की निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने और राज्यपाल द्वारा विघटन को स्वीकृति देने के बाद 16वीं विधान सभा का कार्यकाल समाप्त हो गया।
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