सीएम बनना चाहते थे शिवपाल, रोकने पर मानने लगे थे रंजिशः अक्षय
अक्षय यादव ने कहा कि शिवपाल यादव तो अखिलेश और प्रो. रामगोपाल के पुराने विरोधी हैं। दोनों के खिलाफ साजिश रचते रहे हैं। यही नहीं वह स्वयं मुख्यमंत्री बनना चाहते थे।
फीरोजाबाद(जेएनएन)। प्रो. रामगोपाल यादव को सपा से बाहर किए जाने के कुछ घंटे बाद ही उनके सांसद पुत्र अक्षय यादव ने लेटर बम चला दिया। उनका कहना है कि शिवपाल यादव तो अखिलेश और प्रो. रामगोपाल के पुराने विरोधी हैं। दोनों के खिलाफ साजिश रचते रहे हैं। यही नहीं वह स्वयं मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। पत्र सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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रविवार को लखनऊ में चले सत्ता संग्राम के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी महासचिव प्रो.रामगोपाल पर संगीन आरोप लगाते हुए बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद सांसद के फेसबुक एकाउंट पर 24 अक्टूबर की तारीख में पत्र जारी किया गया है। अक्षय ने लिखा है कि समाजवादी पार्टी से जिस तरह मेरे पिता को निकाला गया, उससे मैं आहत हूं। मेरे पिता, मुझ पर तथा मेरी पत्नी पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। यह भी कहा है कि 2012 में जब सपा बहुमत से जीती, तो शिवपाल सिंह ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनने से रोकने को पूरी कोशिश की। उनकी महत्वाकांक्षा खुद मुख्यमंत्री बनने की थी। तब संसदीय बोर्ड की बैठक में भी शिवपाल ङ्क्षसह ने कहा था कि अगर अखिलेश मुख्यमंत्री होंगे, तो वे मंत्री पद की शपथ नहीं लेंगे।पढ़ें-लालू समधी मुलायम तो नीतीश भतीजे अखिलेश के साथ : सुशील मोदी पढ़ें-मुलायम सिंह की शिवपाल से वार्ता के बाद रामगोपाल पार्टी से बाहर सीएम का सामान फिंकवा दिया था देखें तस्वीरें : लखनऊ में आज की राजनीतिक हलचल मुझे चुनाव हराने को रची थी साजिश पढ़ें-मुलायम की अखिलेश को कड़ी फटकार, तुम्हारी हैसियत क्या है? मेरे पिता नहीं, शिवपाल भाजपा के करीब मुख्यमंत्री बनने के लिए साजिश अक्षय का जन्मदिन आज
अक्षय के मुताबिक तब प्रो. साहब ने शिवपाल का विरोध किया था। उसी दिन से शिवपाल सिंह दोनों से नाराज रहने लगे, क्योंकि मेरे पिता उनकी महत्वाकांक्षा के बीच आ गए थे। फिर उन्होंने मेरे पिता और अखिलेश यादव को बर्बाद करने की साजिश शुरू कर दीं। यह उन्हीं साजिश का नतीजा है। अक्षय ने लिखा है कि उनके पिता के साथ अन्याय हुआ है, जिसका वह विरोध करते हैं। मेरा लक्ष्य है अखिलेश यादव दोबारा मुख्यमंत्री बनें।
अक्षय यादव ने पत्र में लिखा है कि अखिलेश यादव उनके आदर्श हैं, लेकिन उनको कभी खुलकर काम नहीं करने दिया गया। साढ़े चार साल उनको दबाव में रख मानसिक रूप से परेशान किया गया। फिर भी उन्होंने बगैर कोई परवाह किए प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर पहुंचाया। हाल में मुख्यमंत्री के साथ बहुत गलत व्यवहार हुआ, जब वे नए मकान में शिफ्ट हुए तो उनका कुछ सामान पुराने मकान में रह गया था। वह सामान भी कमरे से फिंकवा कर उस पर ताला लगाकर लोग विदेश चले गए।
अक्षय यादव ने पत्र में लिखा है कि लोकसभा चुनाव में उनको हराने के लिए भी साजिश रची गई, इसके साक्ष्य उनके पास हैं। पीडब्ल्यूडी समेत शिवपाल सिंह के अधीन किसी विभाग से फीरोजाबाद में कोई कार्य नहीं कराया गया। तब मजबूरी में मेरे पिता ने नेताजी से बात की, उसके बाद मुख्यमंत्री की घोषणा से फीरोजाबाद में कार्य शुरू हुए।
सांसद ने पत्र में लिखा है कि उनके पिता पर भाजपा से मिले होने का बेबुनियाद आरोप लगाया गया है, जबकि शिवपाल ही भाजपा के करीबी हैं। शिवपाल सिंह जुलाई में एक भाजपा सांसद के साथ एक बड़े भाजपा नेता से मिलने पहुंचे। उनके पुत्र का रिसेप्शन अमर सिंह और एक भाजपा सांसद ने कराया।
सांसद के पत्र में शिवपाल पर मुख्यमंत्री बनने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया। पत्र में लिखा गया है कि भाजपा नेताओं के साथ हुईं इन मुलाकातों में ही सपा सरकार बनने से रोकने की साजिश रची गई है। जिसमें तय हुआ था कि शिवपाल सिंह थोड़ी बहुत सीटें जीत लें तो उनको समर्थन देकर मुख्यमंत्री बना देंगे।
सांसद अक्षय यादव का मंगलवार को जन्मदिन है। दो दिन पहले तक जहां वह जन्मदिन मनाने की तैयारियों की योजना बनाने में व्यस्त थे, वहीं अब कुनबे की कलह ने जन्मदिन मनाने के उत्साह पर पानी फेर दिया है।