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मुख्यमंत्री के आश्वासन पर माने शिक्षामित्र, फिलहाल कोई घोषणा नहीं

सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ वार्ता में राज्य सरकार के समक्ष दिए एकमत प्रत्यावेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार के आश्वासन पर शिक्षामित्रों ने धरना खत्म कर दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 23 Aug 2017 05:51 PM (IST)Updated: Thu, 24 Aug 2017 05:24 PM (IST)
मुख्यमंत्री के आश्वासन पर माने शिक्षामित्र, फिलहाल कोई घोषणा नहीं
मुख्यमंत्री के आश्वासन पर माने शिक्षामित्र, फिलहाल कोई घोषणा नहीं

लखनऊ (जेएनएन)। पिछले तीन दिनों से राजधानी में डेरा डाले शिक्षा मित्रों ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता के बाद अपना धरना खत्म कर दिया। सरकार ने साफ कर दिया है कि शिक्षामित्रों के लिए उसने संवेदनात्मक स्तर पर फैसले लिए हैं। फिलहाल, कोई नई घोषणा नहीं होने जा रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से बातचीत का सिलसिला जारी रखते कहा है कि राज्य सरकार के समक्ष एकमत प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया जाए। उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। शिक्षामित्रों ने भी वार्ता को सकारात्मक बताया है।

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सरकार को तीन दिन का समय

शिक्षामित्रों के नेता गाजी इमाम व रमेश मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान ही एकमत से प्रतिवेदन दे दिया गया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन किया जाए और नया अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाए। इसके साथ ही 'समान पद, समान वेतनÓ के सिद्धांत का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को तीन दिन का समय दिया गया है।

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गिरफ्तारी की योजना बना थी

शिक्षामित्रों के राज्यव्यापी आंदोलन को देखते राज्य सरकार ने अपना दांव पहले ही चल दिया था और उन्हें मूल पदों पर वापस करने के साथ ही मानदेय दस हजार किए जाने और टीईटी का कार्यक्रम भी जारी कर दिया था। इसके बावजूद तीसरे दिन भी लक्ष्मण मैदान पर शिक्षामित्र दिन भर डटे रहे। दोपहर बाद प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी की योजना बना ली थी और सैकड़ों बसों को जमा भी कर लिया गया था लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से मुलाकात को हरी झंडी दे दी। सायंकाल विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे कहा कि सरकार उनसे पूरी सहानुभूति रखती है और इसीलिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा सरकार उनकी समस्याओं पर सर्वमान्य रास्ता निकालना चाहती है लेकिन यह तभी संभव है जबकि समस्याओं के बारे में एकमत होकर मांगें रखी जाएं।

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समस्या समाधान का आश्वासन

इससे पहले शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के शिक्षकों की भांति सरकार उन्हें मानदेय दे सकती है। इसके अलावा कई और सुझाव रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने सुझाव अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह के स्तर पर उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। सीएम से वार्ता कर लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे शिक्षामित्रों के नेता गाजी इमाम आला व जितेंद्र शाही ने घोषणा की कि सीएम पर उन्हें पूरा भरोसा है। राज्य सरकार के सकारात्मक रुख को देखते हुए धरना स्थगित किया गया है।


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