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पांच साल में उत्तर प्रदेश को देश का सर्वप्रथम राज्य बना देंगे : अमित शाह

लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार इलाहाबाद में किसी सभा को संबोधित करने पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज न सिर्फ चुनावी बिगुल फूंका बल्कि यूपी की बदहाली के लिए सपा और बसपा को जिम्मेदार बताया।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 31 May 2016 03:41 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 08:32 PM (IST)
पांच साल में उत्तर प्रदेश को देश का सर्वप्रथम राज्य बना देंगे : अमित शाह

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार इलाहाबाद में किसी सभा को संबोधित करने पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज न सिर्फ चुनावी बिगुल फूंका बल्कि यूपी की बदहाली के लिए सपा और बसपा को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा की जुगलबंदी ने प्रदेश को पीछे धकेल दिया है। भाजपा की सरकार यहां बनी तो पांच साल में प्रदेश को देश का सर्वप्रथम राज्य बना देंगे। शाह ने कांग्रेस को भी नहीं बख्शा और कहा कि यूपीए सरकार के दस साल में ढाई लाख करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इलाहाबाद में झूंसी के अंदावा मोड़ पर आयोजित सरदार पटेल किसान महासम्मेलन में चिलचिलाती गर्मी के बीच उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने भाजपा को विकास के लिए पचास फीसदी अधिकार ही दिया है। विधानसभा चुनाव के जरिए शत-प्रतिशत अधिकार मिलना चाहिए। यहां विकास की सारी संभावनाएं हैं। गुजरात में 1500 फुट नीचे पानी है लेकिन यहां गंगा-यमुना का आशीर्वाद है। बीस साल से यहां सपा-बसपा की सरकार बन रही है लेकिन किसान तथा आम लोग परेशान हैं। यूपी में घूमते हैं तो दुख होता है।

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कांग्रेस शासन में अंतरिक्ष से पाताल तक घोटाले

इससे पहले कांग्रेस पर हमलावर शाह ने कहा कि राहुल बाबा मोदी सरकार से दो साल का हिसाब मांगते हैं। मैं पूछता हूं कि दस साल की यूपीए सरकार ने एक 'मौनी बाबा' को पीएम बनाने के सिवा क्या दिया? कांग्र्रेस शासन में अंतरिक्ष से लेकर पाताल तक में घोटाले हुए। अंतरिक्ष में टूजी घोटाला, आसमान में इसरो घोटाला, जमीन पर आदर्श सोसाइटी, दरिया में सबमेरीन और पाताल में कोयला खदानों के आवंटन में घोटाले हुए। जबकि इन दो सालों में हमने एक निर्णायक प्रधानमंत्री दिया। किसानों और छात्रों की समस्याओं के साथ खड़ा होनेवाला प्रधानमंत्री दिया। भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नहीं हैं। गांव-गरीब और किसानों के लिए योजनाएं दीं। 21 करोड़ लोगों को बैंक एकाउंट दिए। किसानों को फसल की बुआई से लेकर खलिहान तक का बीमा समेत तमाम योजनाएं शुरू की गईं। पौने चार करोड़ लोगों को मुद्रा बैंक योजना से रोजगार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव प्रदेश में मुद्रा बैंक योजना को सफल नहीं होने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी भाजपा शासित राज्य में विकास के मानक देखे जा सकते हैं। दस मिनट में बीमार लोगों के लिए गांवों तक एंबुलेंस है। मध्य प्रदेश और गुजरात में 24 घंटे बिजली है। तालाबों का आधुनिकीकरण किया जा चुका है। लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में भाजपा की जीत इसीलिए हुई है। अब उत्तर प्रदेश की बारी है। यहां के विकास से प्रदेश ही नहीं देश का विकास होगा। सम्मेलन में पूर्व बसपा विधायक प्रवीण सिंह पटेल व कई अन्य लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्र्रहण की। प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत किया।

चुनावी जमीन की खोज में समरसता भोज

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रधानमंत्री के सांसद आदर्श गांव से 13 किलोमीटर दूर जोगियापुर गांव में थे। बनारस के अंतिम छोर पर स्थित इस गांव का जुड़ाव भदोही, मीरजापुर और इलाहाबाद के बार्डर से भी है। यहां शाह ने गिरिजा बिंद और अकबाल बिंद के घर में जमीन पर बैठकर खाना खाया। भाजपा की ओर से इस आयोजन को नाम दिया गया था 'समरसता भोज।अमित शाह को वैसे तो इलाहाबाद की महापंचायत में जाना था लेकिन सोमवार को तय हुआ कि वह बाबतपुर एयरपोर्ट से वहां सड़क मार्ग से जाएंगे। नए तय कार्यक्रम के अनुसार अमित शाह करीब 11.45 बजे जोगियापुर पहुंचे। बिंद परिवार की रसोई में बने खाने में नेनुआ, लौकी, कटहल की सब्जी, रोटी, चावल, दाल और मठ्ठा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को परोसा गया। करीब 45 मिनट शाह यहां रहे। समरसता भोज के दौरान उत्सवी माहौल में पूरा गांव गदगद था। एयरपोर्ट से लेकर जोगियापुर के बीच तीन जगह भाजपाइयों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया। इलाहाबाद रवाना होने तक अमित शाह मीडिया के आकर्षण का केंद्र तो रहे लेकिन कोई बात नहीं की। हां यह स्पष्ट संदेश जरूर दे गए कि उत्तर प्रदेश में जातिवाद के बंधन में जकड़ी राजनीति की काट भाजपा पूरी तैयारी के साथ ठीक वैसे ही निकालने में जुटी है जैसा कि सपा और बसपा करती हैं। दूसरी ओर, एक दिन पूर्व स्थानीय भाजपा की ओर से जारी सूचना में अमित शाह के दलित के घर भोजन करने की सूचना के उलट बिंद परिवार के पिछड़ी जाति में होने को लेकर पूरे आयोजन पर चर्चा भी होती रही।


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