पुरस्कृत शिक्षकों को ही सेवा विस्तार
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) की तर्ज पर राष्ट्रीय या राज्य
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) की तर्ज पर राष्ट्रीय या राज्य अध्यापक पुरस्कार पाने वाले माध्यमिक शिक्षकों को अब पांच साल का सेवा विस्तार देने के लिए कवायद शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 60 वर्ष और अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापक 62 वर्ष की आयु पूरी होने पर रिटायर होते हैं। राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार पाने वाले माध्यमिक शिक्षकों को अभी दो साल का सेवा विस्तार मिलता है। पुरस्कृत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 62 वर्ष और अशासकीय सहायताप्राप्त विद्यालयों के अध्यापक 64 वर्ष में रिटायर होते हैं। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार पाने वाले राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर रिटायर होंगे। वहीं अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के ऐसे शिक्षक 67 वर्ष की उम्र पूरी होने पर सेवानिवृत्त होंगे।
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के शिक्षक 60 साल पूरे होने पर रिटायर होते हैं। राष्ट्रीय या राज्य या सीबीएसई टीचर अवार्ड मिलने पर उन्हें दो साल का सेवा विस्तार दिया जाता था। 11 दिसंबर 2013 को सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी ने बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के नियम में बदलाव करते हुए राष्ट्रीय या राज्य या सीबीएसई टीचर अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को पांच साल सेवा विस्तार देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। फरवरी 2014 में सीबीएसई ने इस बाबत सर्कुलर भी जारी कर दिया। सीबीएसई के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए सूबे के राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पांच साल सेवा विस्तार देने की मांग की जा रही थी। इस मांग पर विचार करते हुए इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।