IAS अनुराग तिवारी की मौत के बाद भी वीआइपी गेस्ट हाउस की सुरक्षा राम भरोसे
इस गेस्ट हाउस के किसी भी कमरे में बेरोकटोक जाकर कोई भी घटना को अंजाम देकर चला जाए, कोई रोकने वाला नहीं।
लखनऊ (शोभित मिश्र)। आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत के बावजूद मीराबाई मार्ग स्थित राज्य अतिथि गृह में रुकने वाले अफसरों व माननीयों की सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ हो रहा है। यहां गेट से लेकर कमरों तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। किसी भी कमरे में बेरोकटोक जाकर कोई भी घटना को अंजाम देकर चला जाए, कोई रोकने वाला नहीं।
दैनिक जागरण के संवाददाता ने छायाकार के साथ सोमवार रात गेस्ट हाउस की सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया तो यहां की पोल खुल गई। लगभग 20 मिनट तक संवाददाता गेस्ट हाउस के अंदर टहलकर आसानी से बाहर निकल आया।
किसी ने नहीं रोका: रात 8.20 बजे संवाददाता राज्य अतिथि गृह के गेट पर पहुंचा। अंदर जाने पर रिसेप्शन पर मौजूद कर्मचारी ने पूछताछ तक नहीं की। इसके बाद आसानी से प्रथम तल पर स्थित उस कमरा नंबर 19 तक गया, जहां कर्नाटक कैडर के आइएएस अनुराग तिवारी एलडीए वीसी के साथ ठहरे थे।
दूसरे तल पर पहुंचे: कुछ देर यहां रुकने के बाद संवाददाता द्वितीय तल पर पहुंचा सभी कमरों के बाहर चक्कर लगाकर एक खुली खिड़की के पास गया और सुरक्षा व्यवस्था परखने के लिए कूदने और किसी को नीचे फेंकने का रिहर्सल किया, लेकिन इस बीच यहां कोई भी कर्मचारी नहीं दिखा।
अग्निशमन उपकरण मिले खराब: संवाददाता सीढ़ी के रास्ते गेस्ट हाउस के तीसरे तल पर पहुंचा। जहां अग्निशमन उपकरणों के पास बाल्टियों में बालू की जगह गंदगी मिली।
'खुद ही पता कर लीजिए': द्वितीय तल पर गेस्ट हाउस का एक कर्मचारी मिला। संवाददाता ने ही उससे पूछा कि रामलखन जी किस कमरे में हैं। वह झल्लाते हुए बोला खुद ही चेक कर लीजिए, मैं नहीं जानता। कर्मचारी ने अपना नाम लाल जी बताया।
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बाहर निकलते समय भी नहीं हुई पूछताछ: यहां तीनों तलों पर घूमने के बाद संवाददाता आसानी से बाहर निकल आया। इस दौरान किसी ने भी उससे पूछताछ का प्रयास तक नहीं किया। राज्य अतिथि गृह के गेट के बगल पुलिस बूथ भी है, लेकिन इतनी बड़ी घटना के बाद भी बूथ बंद था और पुलिसकर्मी नदारद थे। आइएएस की मौत के छह दिन बाद भी गेस्ट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था की किसी को कोई चिंता नहीं है। यहां अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं।
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