आतंकियों के कारतूस सप्लायर के पास मिली कई अधिकारियों की मोहरें
आइएस कानपुर-लखनऊ खुरासान माड्यूल के आतंकियों को कारतूस सप्लाई करने वाले राघवेन्द्र सिंह चौहान के पास से कई नकली मोहरें मिली है।
By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 07:41 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 08:27 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। आइएस कानपुर-लखनऊ खुरासान माड्यूल के आतंकियों को कारतूस सप्लाई करने वाले राघवेन्द्र सिंह चौहान के पास से कई नकली मोहरें मिली है। इसके दुरुपयोग की जांच के लिए टीम लगाई गयी है। यह मोहरें कानपुर डीएम और एडीएम के अलावा चिकित्साधिकारी बिल्हौर तथा विभिन्न गन हाऊस और शिक्षण संस्थाओं की है। इसके अलावा फर्जी विक्रय रजिस्टर भी बरामद किया गया है। राघवेन्द्र की गिरफ्तारी एटीएस अधिकारी मनीष सोनकर की टीम द्वारा किया गया। राघवेंद्र को एटीएस ने कानपुर से गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि सात मार्च को मध्यप्रदेश ट्रेन विस्फोट में शामिल आरोपियों के कब्जे से करीब सात सौ कारतूस और खोखे बरामद किये गये थे। उसके बाद गिरफ्तार आरोपियों ने कारतूस सप्लायर के बारे में जानकारी दी थी।
व्यापक छानबीन शुरू
एटीएस आइजी असीम अरुण ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में कारतूस बरामद होना चिंता का विषय था। इस मसले को लेकर उप्र एटीएस की टीम ने व्यापक छानबीन शुरू की थी। इसी कड़ी में आपूर्तिकर्ता कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र गीता नगर निवासी राघवेन्द्र सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया। राघवेन्द्र की एलआरएस आम्र्स एंड एम्यूनिशन नामक शस्त्र की दुकान गीता नगर, काकादेव में ही है। पूर्व में गिरफ्तार हुए गिरोह के सदस्यों से हुई पूछताछ में इसका नाम संदेह के घेरे में आया, जिसके आधार पर शस्त्र की दुकान की जांच की गयी तो घपला उजागर हुआ। चौहान ने मेस्टन रोड पर स्थित खन्ना गन हाऊस और सेवा गन हाऊस शस्त्र विक्रेताओं से कारतूस खरीदे लेकिन अपने स्टॉक रजिस्टर में उसे दाखिल नहीं किया। इसे अवैध रूप से खपा दिया।
अजहर पर आर्म्स एक्ट का केस
आतंकियों को हथियार सप्लाई करने के आरोपी रहमानी मार्केट के मोबाइल शॉप संचालक अजहर के खिलाफ अभी आम्र्स एक्ट और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा लगी है। यह जानकारी अजहर के पिता असगर को एनआइए टीम ने दी। आज एनआइए टीम अजहर के परिवार से मिलने कानपुर पहुंची थी। अजहर के पिता असगर ने बताया कि दो दिन पहले वह खुद पत्नी को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) दफ्तर लखनऊ गए थे। वहां उनकी काफी देर तक अजहर से बात हुई तब एनआइए के एसपी ने उनसे कानपुर आने की बात कही थी। अपरान्ह तीन बजे अचानक टीम घर पर आई। अजहर के मां-बाप के साथ ही भाई बहनों से भी बात की। इसके बाद तीन-चार दोस्तों के बारे में पूछा। इस दौरान टीम ने वीडियो ग्राफी व बयान भी दर्ज किए।
सरकारी गवाह बन सकता अजहर
सूत्रों की मानें तो एनआइए सैफुल्लाह और उसके साथियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम करने से पहले अजहर को सरकारी गवाह बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन अजहर उनकी बात नहीं मान रहा। बुधवार को टीम ने इसी बाबत अजहर के परिवारीजन से बात की है। अजहर के अधिवक्ता शोएब अहमद ने फोन पर बताया कि अभी अजहर के वकालतनामे पर दस्तखत नहीं हुए हैं। एनआइए अप्रैल के प्रथम सप्ताह में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
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