समाजवादी पार्टी रार: आज के इंतजार में गुजरा कल
मुलायम सिंह यादव लखनऊ में अपने आवास पर पार्टी नेताओं और उम्मीदवारों से मिलते-जुलते रहे जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश ने कोर ग्रुप को लेकर चुनावी तैयारी पर चर्चा की।
लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के साथ ही उसके चुनाव चिन्ह के विवाद पर भारत निर्वाचन आयोग के फैसले का इंतजार कर रहे दोनों खेमों के नेता कल दिन से लेकर रात तक रणनीति बनाते रहे। समाजवादी पार्टी के भविष्य को लेकर निर्वाचन आयोग का निर्णय आज संभावित है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया तथा संस्थापक मुलायम सिंह यादव लखनऊ में अपने आवास पांच विक्रमादित्य पर पार्टी नेताओं और उम्मीदवारों से मिलते-जुलते रहे जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग में कोर ग्रुप को लेकर चुनावी तैयारी पर चर्चा की। दोनों खेमों का फिलहाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होने वाले पहले चरण के चुनाव पर ही फोकस रहा।
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मुलायम सिंह से सुबह से ही मिलने जुलने वालों का तांता लग गया। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव दोपहर को दिल्ली से लौटे। एयरपोर्ट पर उन्हें मीडियाकर्मियों ने घेर लिया। शिवपाल ज्यादा कुछ नहीं बोले पर, इतना जरूर कहा कि समाजवादी पार्टी और साइकिल मुलायम सिंह यादव की है और रहेगी। उन्होंने ही समाजवादी पार्टी की स्थापना की है और यह बात पूरी दुनिया जानती है।
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शिवपाल ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। उनके अलावा पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी समेत कई नेता मुलायम के आवास पर गए। नेताजी सभी आने वालों से मिल रहे थे। उनके आवास पर टिकट की चाह रखने वालों से लेकर पहले और दूसरे चरण के घोषित कुछ प्रत्याशी भी पहुंचे थे। वह सभी को अंदर बुलाकर बात कर रहे थे। बाहर निकले एक उम्मीदवार का कहना था कि नेताजी से मिलने के बाद हौसला और बढ़ गया है। नेताजी कह रहे हैं कि पार्टी नहीं टूटेगी, सिंबल नहीं फ्रीज होगा।
वहीं, अखिलेश खेमे के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का कहना था कि पूरी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ है और हमें यकीन है कि साइकिल हमें मिलेगी। मुलायम से परसों मकर संक्रांति के मौके पर मुलाकात कर चुके नरेश का यह भी कहना था कि पिता-पुत्र एक साथ हैं। हम अखिलेश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और नेताजी ही हमें हर प्रकार का मार्गदर्शन देंगे।
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विधान परिषद सदस्यों पर रहेगी अहम जिम्मेदारी
अखिलेश यादव चुनाव प्रचार को लेकर सहयोगियों से विमर्श करते रहे। अखिलेश के कोर ग्रुप के सहयोगियों ने क्षेत्रवार सभाओं को लेकर विमर्श किया। किसी ने सलाह दी कि नेताजी एक दिन में छह-सात विधानसभा क्षेत्रों में सभा करते थे। मुख्यमंत्री ने सभी महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में सभा करने की इच्छा जताई। पहले चरण के लिए 25 विधान परिषद सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई। प्रदेश के जिलों में विधानसभावार प्रबंधन करने से लेकर रैली कराने और अन्य कार्यक्रमों पर नजर रखने को कहा गया। चूंकि विधान परिषद सदस्य खुद चुनाव मैदान में नहीं रहेंगे इसलिए उन्हें प्रबंधन करने में आसानी होगी। समय कम होने की वजह से इस बात पर गहन मंथन हुआ कि रैली जिलेवार कराई जाए या मंडल मुख्यालयों पर। बहरहाल, रणनीति बनाने के क्रम में सोमवार को होने वाले आयोग के फैसले को लेकर भी चर्चा होती रही। ज्यादातर सहयोगियों ने भरोसा जताया कि आयोग का फैसला अपने ही हक में होगा।
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शिवपाल ने उत्तराखंड के 26 उम्मीदवारों की सूची जारी की
शिवपाल सिंह यादव ने कल ही लखनऊ में उत्तराखंड के 26 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसके पहले उन्होंने सूची पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से मंथन किया। आयोग का फैसला आने से पहले शिवपाल के इस कदम के भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।