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सपा के 'छुट्टी दांव' से रालोद की बेचैनी बढ़ी

पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के जन्मदिन 23 दिसंबर को पुन: सार्वजनिक अवकाश घोषित करके उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय लोकदल की बेचैनी बढ़ा दी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पकड़ बनाने की कसरत में जुटी सपा ने 'छुट्टी दांव' से जाट वोटों में सेंध लगाने का जतन किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 03:08 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 03:32 PM (IST)
सपा के 'छुट्टी दांव' से रालोद की बेचैनी बढ़ी

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के जन्मदिन 23 दिसंबर को पुन: सार्वजनिक अवकाश घोषित करके उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय लोकदल की बेचैनी बढ़ा दी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पकड़ बनाने की कसरत में जुटी सपा ने 'छुट्टी दांव' से जाट वोटों में सेंध लगाने का जतन किया है। रालोद ने अवकाश के निर्णय को सराहा जरूर है परन्तु चौधरी चरण सिंह के नाम की कई परियोजनाओं के बंद करने पर सख्त एतराज जताया है।

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प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का कहना है कि सपा-बसपा की सरकारों ने चौधरी चरण सिंह के नाम से लागू नलकूप व नहर विकास और पटरियों के निर्माण जैसी योजनाएं बंद कर दी अथवा उनका नाम बदल दिया। सपा सरकार में चौधरी साहब के प्रति श्रद्धा जताने की भावना है तो उक्त योजनाएं पुन: आरम्भ की जाएं। इसके अलावा उनके नाम पर किसान व गांव हित में नई योजनाएं शुरू हो।

जाहिर है किसान दिवस पर अवकाश घोषित करने से राष्ट्रीय लोकदल में वोट बैंक को सहेज रखनी की फिक्र बढ़ी है। पहली बार संसद की दहलीज तक नहीं पहुंच सके रालोद को दिनोंदिन घटते जनाधार को बचाए रखना आसान नहीं दिख रहा है। गत लोकसभा निर्वाचन में जाटों के एक बड़े खेमें में जागा मोदी प्रेम और उपचुनावों में दूसरे खेमे को सपा की साइकिल पसंद आना रालोद नेतृत्व की परेशानी का सबब है। पूर्व विधायक व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे साहब सिंह के मुताबिक सपा प्रमुख मुलायम सिंह को ही चौधरी चरण सिंह का सच्चा वारिस प्रदेश की जनता मानती है।

जनता दल परिवार की एकता से दूर रखने का पेंच

रालोद की परेशानी बढ़ाने को सपा ने केवल 'छुट्टी दांव' ही नहीं चला वरन जनतादल परिवार की एकता से दूर रखकर दुश्वारी में इजाफा कर दिया है। भाजपा विरोधी फ्रंट की कमान सपा प्रमुख मुलायम के हाथ है। एकजुट हो रहे जद परिवार में जद यू व जद एस के अलावा चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोकदल का होना रालोद सुप्रीमों को अखर रहा है। किसान दिवस से एक दिन पूर्व 22 दिसंबर को जद परिवार दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन करके अपनी ताकत दिखाएगा। वहीं रालोद 23 दिसंबर किसान दिवस के अवसर पर दिल्ली में चरणसिंह का स्मारक बनाने के लिए दमखम दिखाने का एलान कर चुका है। अलग थलग पड़े रालोद को भाजपा के विकल्प की तौर पर पेश करना मुश्किल होगा।

भाजपा भी चरण सिंह प्रेम में पीछे नहीं:

जाटों में मोदी प्रेम को बरकरार रखने में भाजपा भी पीछे नहीं। प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाने व किसानों को पुरुस्कृत करने की परम्परा राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू हुई। भाजपा कार्यकर्ता हमेशा किसान दिवस मनाते रहे हैं। उधर, वाजपेयी की घोषणा को हवाई बताते हुए रालोद राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे का कहना है कि दिल्ली में किसान घाट पर जयंती समारोह मनाने से इनकार करने से भाजपा को दोहरा चरित्र उजागर होता है।

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