पूर्वांचल में नदियों ने मचाई तबाही, रेललाइन और हाईवे पुल तक डूबे
यूपी के तराई में नदियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। नदियां लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। तराई में नदियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। नदियां लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। रविवार को श्रावस्ती में तीन और बाराबंकी में एक की मौत हो गई। सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। आवागमन अवरुद्ध है। श्रावस्ती में राप्ती लगातार बढ़ रही है। यहां अलग-अलग क्षेत्रों में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई। भिनगा-बहराइच हाईवे पर लक्ष्मननगर के पास बने पुल का दोनों छोर तेज बहाव के चलते कट गए, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। दूसरा पुल भी कटान की जद में है। दो सौ से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। बाराबंकी में घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सवा सौ गांवों में पानी घुस गया है। जीवल गांव में एक युवक की डूबने से मौत हो गई।
गोंडा में सरयू में तेजी से इजाफा हुआ है। बाढ़ की जद में 450 मजरे आ गए गए हैं। सीतापुर में घाघरा व शारदा का जलस्तर में वृद्धि जारी है। यहां करीब चार सैकड़ा गांव बाढ़ की चपेट में है। बहराइच में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर है। 100 ग्राम पंचायतों के तकरीबन 250 मजरे बाढ़ के पानी से घिरे हैं। कई गांवों में कटान जारी है। बलरामपुर में राप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कई गांवों में आवागमन बाधित है। लखीमपुर में शारदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गए हैं। फूलबेहड़ इलाके में शारदा बांध के अंदर के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बलिया में घाघरा के जल स्तर से भयभीत होकर 60 परिवारों ने टीएस बंधा पर डेरा जमा लिया है। वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। उन्नाव में गंगा का जलस्तर बढऩे से शुक्लागंज की बस्तियों में बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है। कानपुर व उन्नाव में गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तटीय क्षेत्र के लोगों के अलावा स्थानीय प्रशासन के लोग भी नजर रखे हैं। कुशीनगर के वाल्मीकि नगर बैराज से छोड़े गए पानी का डिस्चार्ज तीन लाख 50 हजार क्यूसेक होने के बाद रविवार सुबह नारायणी नदी उफना गई। बाढ़ के पानी से नरकटियागंज स्टेशन पर ट्रैक डूब गया।