ग्रेच्युटी भुगतान में देरी पर कर्मचारी को ब्याज पाने का हक: हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि ग्रेच्युटी के भुगतान में देरी पर कर्मचारी को ब्याज पाने का अधिकार है। ब्याज का भुगतान सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन माह बाद से लेकर वास्तविक भुगतान किये जाने की अवधि का किया जाएगा।
लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि ग्रेच्युटी के भुगतान में देरी पर कर्मचारी को ब्याज पाने का अधिकार है। ब्याज का भुगतान सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन माह बाद से लेकर वास्तविक भुगतान किये जाने की अवधि का किया जाएगा। कोर्ट ने पीएसी कांस्टेबल को तीन माह के भीतर ग्रेच्युटी भुगतान में हुई देरी के लिए ब्याज सहित बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने कांस्टेबल श्रीनाथ पाठक की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बीएन सिंह राठौर ने बहस की। याचिका में मांग की गयी थी कि याची के बकाये तीन लाख 56 हजार 450 रुपये की ग्रेच्युटी एवं तीन लाख 34 हजार 512 रुपये 31 दिसंबर, 2009 सेवानिवृत्त तारीख से 26 अगस्त, 2013 को वास्तविक भुगतान तारीख तक पर 18 फीसद ब्याज दिए जाने की मांग की गयी थी। याची वर्ष 1987 में वाराणसी से इलाहाबाद स्थानांतरित होकर आया और 31 दिसंबर, 2009 को सेवानिवृत्त हुआ। ग्रेच्युटी का भुगतान 30 अगस्त, 2013 को किया गया। कहा गया कि याची के विरुद्ध आपराधिक केस लंबित है जबकि 9 जून, 2014 को याची आपराधिक मामले में बाइज्जत बरी हो गया। याचिका में भुगतान में हुई देरी का ब्याज दिए जाने की मांग की गयी थी। इस संबंध में कई शासनादेशों का हवाला दिया गया है।
तीन बेसिक शिक्षा अधिकारी तलब
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 29334 गणित-विज्ञान सहायक अध्यापक भर्ती में तकनीकी डिग्रीधारकों को शामिल न करने पर तीन जिलों लखीमपुर खीरी, बहराइच एवं बस्ती के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति बीके बिड़ला ने दिया है। कोर्ट ने तकनीकी डिग्री धारकों को चयन में शामिल करने का आदेश दिया था जिसका पालन न करने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है। याचिका पर अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विभूराय ने बहस की। याचिका की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।