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रिटायर फौजी ने मां को चाकू से गोदकर मार डाला

बीएसएफ से रिटायर बेटे ने चाकू से गोदकर अपनी मां को मौत के घाट उतार दिया। मां को बचाने पहुंचे छोटे भाई पर भी उसने हमला कर दिया

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 06:03 PM (IST)
रिटायर फौजी ने मां को चाकू से गोदकर मार डाला
रिटायर फौजी ने मां को चाकू से गोदकर मार डाला

वाराणसी (जेएनएन)। दोकटी थाना क्षेत्र के लक्ष्मणछपरा गांव में कल रात बीएसएफ से रिटायर बेटे ने चाकू से गोदकर अपनी मां को मौत के घाट उतार दिया। मां को बचाने पहुंचे छोटे भाई पर भी उसने हमला कर दिया और फरार हो गया। छोटे भाई की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना के बाद से पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी है। बताया जाता है कि गांव निवासी 60 वर्षीय शारदा देवी का उनके बड़े बेटे मनोज से किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी।

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बीएसएफ की नौकरी करने वाला मनोज करीब तीन महीने से घर पर ही था। मानसिक स्थिति ठीक नहीं हेने के कारण सेना ने उसे 'अनफिट' करार दे दिया था। पुलिस के अनुसार सोमवार की रात में मां शारदा देवी ने खाना बनाया तथा मनोज को भोजन करने के लिये पुकारा। मां की आवाज पर मनोज हाथ में चाकू में लिये पहुंचा गया तथा बिना देर किये मां पर ताबड़तोड़ हमले कर दिया। गर्दन, पेट व सिर में चाकू लगने से शारदा लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ी।

आवाज सुनकर बाहर मौजूद शारदा का छोटा बेटा 35 वर्षीय सनोज पहुंचा तथा मां को बचाने लगा। मनोज ने छोटे भाई पर भी चाकू से प्रहार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। शारदा देवी की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि आरोपित घटना को अंजाम देकर फरार हो जाने में कामयाब हो गया। इस घटना की जानकारी होने के बाद मायका बैरिया में रह रही सनोज की पत्नी ममता ने 'यूपी 100' तथा दोकटी पुलिस को फोन से सूचना दी। जानकारी पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।इस मामले में ममता की तहरीर पर पुलिस ने मनोज के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है।

मां की निर्मम हत्या से लक्ष्मण छपरा में खामोशी-  हत्यारे बेटे को बीएसएफ ने कर दिया है 'अनफिट'  तीन माह पूर्व ही मनोज हो गया था फौज से बाहर  बच्चों को लेकर पत्नी अनिता रहती है जबलपुर दलनछपरा। हिन्दुस्तान संवाद बेटे के हाथों मां को मौत के घाट उतारने की घटना के बाद दोकटी थाना क्षेत्र के लक्ष्मणछपरा गांव में खामोशी है। इस वारदात ने रिश्ते को तो एक बार फिर से कलंकित किया ही है, लोगों में जेहन में यह सवाल भी उठ रहा कि कि क्या कोई नौ माह तक गर्भ में पालने वाली मां की भी हत्या कर सकता है? बताया जाता है कि शारदा के पति जयनरायण सिंह कोलकाता में प्राईवेट में नौकरी करते हैं।

बड़ा बेटा मनोज साल 1993 में सीमा सुरक्षा बल में भर्ती हो गया, जिसके बाद परिवार की माली हालत को सुधारने में बल मिला। खेती-बारी व बेटे के वेतन से परिवार की आर्थिक हालत सुधरने लगी। हालांकि इसी बीच मनोज का मानसिक संतुलन खराब हो गया। फौज में भी वह उल-जुलूल काम करने लगा। काफी दवा-इलाज के बाद भी उसकी बीमारी दूर नहीं हो सकी तो फौज ने फरवरी 2017 में मेडिकल जांच में मानसिक रोगी होने का हवाला देते हुए अनफिट घोषित कर दिया। इसके बाद वह घर आ गया। हालांकि वह परिवार के लोगों को परेशान करता था, लिहाजा पत्नी सुनीता अपनी एक बेटी व दो बेटों को लेकर मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित अपने मायके में रहने लगी। सेना की ओर से मनोज को मिलने वाली पेंशन भी अनिता के खाते में ही जाती है। परिवार में हर रोज विवाद करने से त्रस्त मनोज के छोटे भाई सनोज की बीबी ममता भी अपने मायका बैरिया चली गयी थी। ग्रामीणों की मानें तो बड़े भाई के झगड़ा आदि करने से परेशान सनोज भी अधिकांश समय ससुराल में ही रहता था।

पीएम-सीएम की सभा में भी कर चुका है हंगामा  

एक मई 2016 को प्रधानमंत्री के माल्देपुर में प्रधानमंत्री का था कार्यक्रम 0 दो मई 2016 को लक्ष्मणछपरा गांव में पहुंचे थे तब के सीएम अखिलेश यादव बलिया। निज संवाददाता चाकू से गोदकर मां की हत्या करने वाला फौजी मनोज जिले में पहुंचे पीएम-सीएम की सभा में भी हंगामा कर चुका है। दोनों वीआईपी कार्यक्रमों में सुरक्षा घेरा तोड़कर पहुंचने की उसकी कोशिश को सुरक्षाकर्मियों व अन्य लोगों ने नाकाम कर दिया था। एक मई 2016 को शहर से माल्देपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उज्ज्वला योजना को लांच करने पहुंचे थे। कार्यक्रम चल ही रहा था कि भीड़ के बीच से निकलकर मनोज सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए 'डी' एरिया में दाखिल हो गया। हालांकि मौके पर मौजूद एसपीजी के जवानों ने उसे दबोच लिया।

स्टेज के सामने हंगामा होते देख जनसभा को सम्बोधित कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान भटकने लगा। मामले की नजाकत को भांपते हुए रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा मंच से नीचे उतरे तथा एडीजी सुरक्षा प्रशांत कुमार तथा आईजी गोरखपुर जोन हरिराम शर्मा ने युवक को समझा-बुझाकर मामला शांत किया। इसी प्रकार इस घटना के अगले दिन यानि दो मई 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लक्ष्मणछपरा गांव में पार्टी कार्यकर्ता राधेश्याम यादव के घर पहुंचे थे। इस दिन भी मनोज सीएम से मिलने पहुंच गया। वह सुरक्षा घेरा को तोड़ते हुए हेलीपैड तक पहुंच गया। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया तथा बाहर निकाला।

बैरिया में 39 दिन में दूसरी बार रिश्ते का कत्ल

 इलाके में करीब सवा माह के अंदर अपनों को मौत के घाट उतारने की दूसरी घटना ने लोगों को चौंका दिया है। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा कैसे हो जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल को सूर्यभानपुर निवासी दिवाकर ने बड़ी बहन तुलसी की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी थी। अभी लोगों के जेहन में यह घटना कौंध ही रही थी कि सोमवार की रात लक्ष्मणछपरा गांव में बेटे ने ही मां को मौत की नींद सुला दिया। वैसे पहली घटना में बहन की जान लेने वाला भाई मौके पर ही बैठा रहा, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया। जबकि मनोज मां की हत्या करने के बाद रात में ही फरार हो गया। 


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