पंजीकृत श्रमिकों को अब तीन वर्ष में कराना होगा नवीनीकरण
यूपी सरकार ने पंजीयन शुल्क सौ रुपये से घटाकर 25 रुपये करने के साथ ही नवीनीकरण कराने की अवधि एक से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी।
लखनऊ (जेएनएन)। श्रमिकों को अब प्रत्येक वर्ष अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कराने के लिए चक्कर न लगाने होंगे। सरकार ने पंजीयन शुल्क सौ रुपये से घटाकर 25 रुपये करने के साथ ही नवीनीकरण कराने की अवधि एक से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी। यह जानकारी श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को योजना भवन में आहूत गोष्ठी में दी। उन्होंने श्रम सुधार विषय पर आयोजित गोष्ठी मे सेवायोजकों व श्रमिकों के बीच बेहतर रिश्ते विकसित करने पर बल दिया।
मौर्य ने कहा कि श्रमिक व सेवायोजक दोनों को एक दूजे के पूरक की तरह से कार्य करना चाहिए। सेवायोजक नहीं होंं तो श्रमिक दर-दर भटकेंगे। श्रमिक न हों तो सेवायोजकों का कार्य बाधित होगा। श्रम विभाग दोनों के हितों का ध्यान रखते हुए सामंजस्य पैदा करने की कोशिश में जुटा है। उन्होंने श्रमिकों और उद्योगपतियों के सभी व्यवहारिक सुझावों पर यथासंभव अमल करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों का पंजीयन नवीनीकरण प्रत्येक वर्ष किया जाता था, उसे बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है। इसी प्रकार पंजीयन राशि भी 100 रुपये से घटाकर 25 रुपये कर दी है। उन्होंने बताया कि सरकार नए उद्योग लगाने की दिशा में प्रयासरत है ताकि प्रदेश में रोजगार सृजित हों। नवयुवकों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा। प्रदेश सरकार श्रमिक कल्याण को संकल्पबद्ध है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन आरके तिवारी ने कहा कि श्रमिक हित के लिए अनेक कानून हैं फिर भी समस्याएं है। इससे लगता है कि व्यवस्था में कहीं न कहीं कमी है। जिसे ठीक करने की जरूरत है। श्रमिक व सेवायोजक दोनों को एक परिवार के सदस्य की तरह से रहना होगा। उन्होंने कहा कि बेरेाजगारी एक बड़ी समस्या है। डेढ़ से दो करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष रोजगार मिले तभी बेरोजगारी दूर होगी। संगोष्ठी मेंं श्रम व सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल (मुन्नू कोरी), श्रम आयुक्त पीके महान्ति, सचिव उद्योग, विशेष सचिव श्रम, अपर श्रमायुक्त शकुंतला गौतम केअलावा कई विभागों के अधिकारी व मजदूर संगठनों क प्रतिनिधि भी शामिल हुए।