गिरफ्तारी में भी दिखे गायत्री के ठाठ एसयूवी से पहुंचे कोर्ट, कहा हम नार्को टेस्ट के लिए तैयार
डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि दुष्कर्म के आरोपी और यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। दुष्कर्म के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को पुलिस ने लखनऊ के पारा क्षेत्र में नहरिया के पास से गिरफ्तार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। प्रजापति मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहे थे। लखनऊ एसटीएफ और लखनऊ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद प्रजापति ने कहा, हम कह रहे हैं कि इस घटना का नार्को टेस्ट हो, नार्को टेस्ट से दूध का दूध का और पानी का पानी हो जाएगा। इस बीच पुलिस फारच्यूनर से पुलिस गायत्री को कोर्ट ले गयी है। जहां समर्थको ने कोर्ट के बाहर अधिवक्ताओं से की अभद्रता, क्राइमब्रांच के सिपाही और एक मीडिया कर्मी को पीटा। एसयूवी गाड़ी से ले जाने पर पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैै। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गायत्री कोलकाता में छुपा था। बेटे और भतीजे के पकड़े जाने पर सरेंडर करने आ रहा था। तभी पुलिस ने आगरा एक्सप्रेस वे से उतरते ही पारा नहरिया के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गायत्री प्रजापति से आलमबाग सीओ आफिस में बयान दर्ज किया गया। इसके बाद कोर्ट ने उसे 14 दिन की ऩ्यायिक हिरासत में भेज दिया है। डीजीपी जावीद अहमद ने खुद इसकी जानकारी दी है। इसके पहले सीओ हजरतगंज व आलमबाग की टीम ने फरार साथियों पिंटू सिंह उर्फ अमरेन्द्र सिंह, रूपेश और विकास वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस अब तक गायत्री प्रजापति के गनर रहे चन्द्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को गिरफ्तार कर चुकी है।
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जानिए, यह है पूरा मामला
18 फरवरी को अमेठी से चुनाव लड़े गायत्री प्रजापति व उसके छह साथियों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में रिपोर्ट लिखाई गई थी। यह रिपोर्ट चित्रकूट की एक पीड़िता की तहरीर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिखी गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि गायत्री के सरकारी आवास पर उन्हें नशीला पदार्थ चाय में पिलाकर बेहोश कर दिया गया था। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। गौतमपल्ली थाने में गायत्री समेत उनके सात साथियों के खिलाफ दुष्कर्म, दुष्कर्म के प्रयास, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
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बेटों और भतीजों की गिरफ्तारी से बढा दबाव
बताते चलें कि इसके पहले कल पुलिस ने अपर नगर मजिस्ट्रेट (एसीएम) के पुत्र विकास वर्मा और उसके दो बेटों को कल सुबह हजरतगंज से गिरफ्तार कर लिया गया था। गायत्री प्रजापति की सुरागरसी के लिए गौतमपल्ली पुलिस ने उनके बेटे और भतीजे से पूछताछ की जा रही थी। एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में आशीष वर्मा, अमरेंद्र उर्फ पिंटू और रूपेश्वर हैं। आशीष वर्मा लखनऊ में तैनात एसीएम पंचम टीपी वर्मा का बेटा है। उन्होंने बताया कि गौतमपल्ली पुलिस ने मंगलवार तड़के अमेठी के आवास विकास स्थित गायत्री के मकान में दबिश दी। गायत्री के न मिलने पर पुलिस उनके छोटे बेटे अनुराग प्रजापति और भतीजे सुरेंद्र प्रजापति को पूछताछ के लिए लायी थी। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में तीन आरोपियों गनर चंद्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी और आशीष को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
तस्वीरें : रेप के आरोपी और यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति लखनऊ से गिरफ्तार
गायत्री के नाम है ये कंपनियां
सहयोग बिल्डमेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, एमजीएम एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, डीसेंट कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसजी रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसए इंफ्रा वैंचर प्राइवेट लिमिटेड, कान्हा बिल्डवैल प्राइवेट लिमिटेड, मग्स एंटरप्राजेज प्राइवेट लिमिटेड, एमजीए हासपिटैलिटी सर्विसज प्राइवेट लिमिटेड, दया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, नवदृष्टी टेक्नोलॉजी सल्यूशन्स, एक्सल बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, लाइफक्योर मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड। साल 2002 में इके पास 91,436 रुपए की संपत्ति थी,लेकिन साल 2017 में 10 करोड़ 2 लाख 51 हजार 101 रुपए की संपत्ति हो गई।
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