पैसा जमा करने के बाद भी परेशान रहे सैकड़ों उपभोक्ता
: बिजली बिल का पैसा जमा करने के बाद भी उपभोक्ताओं के बिल में बकाया दिखाया जा रहा है। लेसा अधिकारियो
: बिजली बिल का पैसा जमा करने के बाद भी उपभोक्ताओं के बिल में बकाया दिखाया जा रहा है। लेसा अधिकारियों की इस हीलाहवाली के चलते उपखंडों में दर्जनों उपभोक्ताओं को बिल संशोधन कराने के लिए भटकना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं द्वारा सुधार कराने के बाद भी इस समस्या से निजात नहीं मिल रही। वहीं अवर अभियंता सिस्टम में खामी का बहाना बना कर उनको लौटा देते हैं।
आधा दर्जन डिवीजन में दर्जनों मामले अटके
लखनऊ के आधा दर्जन उपखंडों में बिल संशोधन के 173 मामले फंसे हुए हैं। जिनके बिलों का संशोधन न किए जाने से उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं।
गोमती नगर- 33
रेजीडेंसी- 27
राजभवन- 14
हुसैनगंज- 17
बीकेटी- 34
रहीम नगर - 47
सिस्टम को किया गया अपडेट
बिजली बिल संशोधन, नए कनेक्शनों की अपलोडिंग, बिजली बिलों में खामियों को जल्द दुरुस्त किया जा सके। इसके लिए बिलिंग सिस्टम का जिम्मा उठाए निजी कंपनी से साफ्टवेयर को अपग्रेड कर दिया है।
अधिकारी नहीं करते अपडेट
निजी कंपनी ने उपभोक्ता को बेहतर बिलिंग व्यवस्था की सुविधा देने के लिए सिस्टम में कई तरह के संशोधन किए हैं। जिससे आसानी से खामियों को दूर कर बिल में संशोधन किया जा सके। लेकिन अधिकारी हीलाहवाली करते हैं और संशोधन नहीं करते।
केस-1
गोमती नगर के विवेक खंड निवासी पीके शुक्ला ने बताया कि नवंबर में 8124 रुपये बिजली बिल जमा किया था। जो दिसंबर के बिल में बकाए में दिखने लगा। जिसको ठीक कराने के लिए उपकेंद्र पर शिकायत की। उस समय तो ठीक कर 7233 रुपये का संशोधित बिल दिया गया। जिसको जमा कर दिया, अब फरवरी में दिसंबर का जमा किया पैसा बकाया में दिखने लगा है। हर माह अधिकारियों के पास संशोधन कराने के लिए जाना पड़ता है।
केस- 2
लालबाग निवासी एसके भारती के यहां दो किलोवाट का कनेक्शन है। मार्च में 2231 रुपये का बिल आया था। जिसको समय पर जमा कर दिया। लेकिन तब से अब तक यह पैसा हर माह के बिल में बकाए में दिखाई देता है। हर माह बिल को ठीक करा कर जमा करना पड़ता है। अवर अभियंता से पूछने पर सिस्टम में खामी के चलते समस्या होने की बात बताई जाती है।
केस- 3
हुसैनगंज के सीपी रस्तोगी के घर का अक्टूबर माह का बिजली बिल 1732 रुपये आया था। जिसको जमा कर दिया था। जनवरी के बिल में भी यह पैसा बकाए की श्रेणी में दिखाई देने लगा। जबकि दिसंबर में संशोधन कर बिल जमा किया था।
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बिलिंग सिस्टम को अपडेट किया जा चुका है। इसके बाद भी बिलों में खामी को दूर नहीं किया जा रहा तो लेसा मुख्यालय में शिकायत करें।
आशुतोष कुमार, मुख्य अभियंता, लेसा