कैबिनेट बैठक : पान मसाला-सिगरेट का शौक पड़ सकता महंगा
सिगरेट-सिगार और पान मसाला आदि के शौकीनों को अब जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। राज्य सरकार एक बार फिर इन पर 15 फीसद तक टैक्स बढ़ाने जा रही है। मौजूदा 25-30 फीसद टैक्स को बढ़ाकर 40 फीसद करने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी
लखनऊ। सिगरेट-सिगार और पान मसाला आदि के शौकीनों को अब जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। राज्य सरकार एक बार फिर इन पर 15 फीसद तक टैक्स बढ़ाने जा रही है। मौजूदा 25-30 फीसद टैक्स को बढ़ाकर 40 फीसद करने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। इस बढ़ोतरी से प्रदेश को सालाना 200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी।
दरअसल, वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकार खजाने को भरने के लिए उन वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाना चाहती है जिससे उसकी कमाई में तो इजाफा हो लेकिन महंगाई की मार झेल रहा आम आदमी सीधे तौर पर प्रभावित न हो। सरकार का मानना है कि इन पर और टैक्स बढ़ाने से न केवल उसके राजस्व आय में इजाफा होगा बल्कि दाम बढऩे से लोग इसका कम उपयोग करेंगे। ऐसे में इनके इस्तेमाल से होने वाले गंभीर रोगों में भी कमी आएगी। गुटखा (तंबाकूयुक्त पान मसाला) से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बढऩे के मद्देनजर राज्य सरकार ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। सपा सरकार बनने के बाद पहली सितंबर 2012 से पान मसाला आदि पर टैक्स को 13.50 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसद लागू किया गया था।
राज्य सरकार खाद्य तेल को दूसरे राज्यों से लाये जाने पर फार्म-21 की व्यवस्था भी लागू करने जा रही है। इसके तहत नौ टन से ज्यादा खाद्य तेल प्रदेश में लाने पर वाणिज्य कर विभाग से फार्म 21 (परिवहन मेमो) प्राप्त करना होगा। सरकार ने कोयले से बनने वाले कोक पर भी प्रवेश कर लगा सकती है। अभी तक कोयले पर दो फीसद प्रवेश कर लगता है। सरकार का इरादा दो फीसद प्रवेश कर कोक पर भी लगाने का है। इससे सालाना 25 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है।
प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 191 मॉडल स्कूलों को सार्वजनिक व निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर संचालित करेगी। राजकीय आश्रम पद्धति के विद्यालयों को नवोदय विद्यालय की तर्ज पर विकसित करते हुए इन्हें सीबीएसई बोर्ड से सम्बद्ध करेगी। इस संबंध में भी प्रस्ताव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में बुधवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में किया जा सकता है।
इसके अलावा डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास विश्वविद्यालय के परिसर में कृत्रिम अंग व एवं पुनर्वास केंद्र की स्थापना संबंधी प्रस्ताव भी कैबिनेट बैठक में आने की उम्मीद है। लखनऊ में पुलिस भवन सिगनेचर बिल्डिंग का निर्माण व दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति के तहत सहायता देने संबंधी प्रस्तावों को भी मंजूरी दी जा सकती है। नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियों के आत्मसमर्पण व पुनर्वास के संबंध में प्रस्ताव भी अपेक्षित है।
सिगरेट की बिक्री होगी प्रतिबंधित!
सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट की खुली बिक्री पर प्रतिबंध का प्रस्ताव है। जानकारी के अनुसार सिगरेट मिजोरम पंजाब व उत्तराखंड की तर्ज पर प्रदेश सरकार भी सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और इसका उल्लंघन करने वाले पर 200 रुपया दंड लगाने के प्रावधान को मंजूरी दे सकती है। इसके अलावा सार्वजनिक वाहनों व ऑटो रिक्शा में जीपीएस, फेयर मीटर, इमरजेंसी बटन व सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए मोटर यान नियमावली 1998 में संशोधन भी बुधवार की कैबिनेट में प्रस्तावित कर सकती है। साथ ही कन्नौज व गाजियाबाद में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव भी अपेक्षित है।
सीजनल अमीनों को पक्की नौकरी
सरकार संग्रह अमीनों के सीधी भर्ती के पदों को सीजनल अमीनों के विनियमितीकरण से भरना चाहती है। राजस्व विभाग ने इसके लिए उत्तर प्रदेश संग्रह अमीन सेवा नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है जिस पर बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मुहर लग सकती है। इससे लगभग ढाई हजार सीजनल अमीनों के संग्रह अमीन बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
भू-राजस्व व कलेक्ट्रेट के माध्यम से करायी जाने वाली अन्य राजस्व देयों की वसूली संग्रह अमीन करते हैं। वसूली का काम बढऩे पर 89 दिनों की सेवा के लिए सीजनल अमीन भी रखे जाते हैं। संग्रह अमीनों के कुल पदों में से 50 फीसद सीधी भर्ती और 35 प्रतिशत संग्रह अमीनों के विनियमितीकरण से भरे जाते हैं। शेष 15 फीसद पद समूह 'घ ' से प्रोन्नति के जरिये भरे जाते हैं। संग्रह अमीनों की सीधी भर्ती पर वर्ष 2001 से रोक लगी होने के कारण इनके लगभग 3000 पद खाली हैं। उधर अपनी लंबी सेवा का हवाला देते हुए सीजनल अमीन वर्ष 2008 से खुद को संग्रह अमीनों के पद विनियमित करने की मांग करते आ रहे हैं। उनकी मांग को मानते हुए राजस्व विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव में संग्रह अमीनों के सीधी भर्ती के 50 फीसद पदों को मिलाते हुए एक बार के लिए अमीनों के 85 फीसद पदों पर सीजनल अमीनों के विनियमितीकरण की मंशा है।
मंडल के अंदर लेखपालों के तबादले
सरकार लेखपालों के तबादले की व्यवस्था में भी बदलाव करने जा रही है। इस सिलसिले में राजस्व विभाग की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव के मुताबिक लेखपालों के तबादले अब मंडल के अंदर एक से दूसरे जिलों में हो सकेंगे। मंडलायुक्त को किसी जिले में लेखपालों के कुल पदों में से 20 फीसद की अधिकतम सीमा तक लेखपालों का मंडल के अंदर दूसरे जिले में तबादला करने का अधिकार होगा। अभी लेखपालों के तबादले जिले के अंदर ही होते हैं। लेखपालों की भर्ती के लिए अधिकतम आयु सेवा को 35 से बढ़ाकर 40 वर्ष करने का प्रस्ताव है। इसके लिए लेखपाल सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को बुधवार को कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जा सकता है।