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बिजली कटौती से प्रदेश में हाहाकार, फूंका सीएम का पुतला

लखनऊ। बिजली संकट से चहुं ओर त्राहि-त्राहि मची है। बेपटरी विद्युत व्यवस्था कानून व्यवस्था के लिए भी

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 08:33 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 08:33 PM (IST)
बिजली कटौती से प्रदेश में हाहाकार, फूंका सीएम का पुतला

लखनऊ। बिजली संकट से चहुं ओर त्राहि-त्राहि मची है। बेपटरी विद्युत व्यवस्था कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन रही है। आज कटौती से आजिज लोगों ने कई स्थानों पर जाम लगाकर तोड़फोड़ की। आगरा में ताज ट्रेपेजियम जोन में कटौती के सारे रिकार्ड ध्वस्त हो गए। ताजनगरी में सात घंटे जबकि अन्य क्षेत्रों में 14 से 16 घंटे कटौती हो रही है। पावर कारपोरेशन के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे। स्टाम्प व पंजीयन मंत्री अरिदमन सिंह ने बिजली कटौती पर अधिकारियों की शनिवार को बैठक बुलाई है।

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फतेहपुर व फर्रुखाबाद में लोगों ने उपकेंद्र में धावा बोला और जेई एवं स्टेशन प्रभारी से मारपीट करने के साथ कई स्थानों पर जाम लगा दिया। औरैया में व्यापारियों ने प्रदर्शन किया। हरदोई में वकीलों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंककर आक्रोश जताया। कानपुर में 20 घंटे आपूर्ति का शेड्यूल है लेकिन महज 12 घंटे ही सप्लाई हो रही है। फतेहपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव में महज सात से आठ घंटे बिजली ही मिली। ग्रामीण क्षेत्रों में बमुश्किल चार से पांच घंटे की आपूर्ति हो रही। वीआईपी जिले का तमगा पाए कन्नौज, औरैया, इटावा, रायबरेली में भी आठ से 10 घंटे कटौती की जा रही। अमेठी में बमुश्किल चार से पांच घंटे बिजली मिल रही है। बुंदेलखंड में भी हाहाकार मचा है। बांदा, हमीरपुर-महोबा व उरई में केवल करीब दस घंटे आपूर्ति है।

उधर सीतापुर, लखीमपुर, गोंडा व बलरामपुर में भी लोगों ने प्रदर्शन किया। बहराइच के कैसरगंज में ट्रांसफार्मर जलने के बाद गुस्साये लोगों ने लखनऊ-बहराइच मार्ग जाम कर दिया। श्रावस्ती में रोस्टर धराशायी हो चुका है। सुलतानपुर, फैजाबाद व बाराबंकी में बेतहाशा कटौती से पेयजल संकट भी गहरा गया। वाराणसी में शुक्रवार को आपूर्ति और चरमरा गई जिसका प्रभाव जलापूर्ति पर पड़ा। आजमगढ़ में सगड़ी तहसील के कांग्रेसी व शिक्षक नेताओं की ओर से मालटारी विद्युत फीडर पर शुक्रवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। चंदौली में रोस्टर के अनुरूप बिजली न मिलने से क्षुब्ध ग्रामीणों ने कमालपुर कस्बे में शुक्रवार को घंटों चक्काजाम किया।

गाजीपुर में ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर दिया। वहीं अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। भदोही में व्यापारियों ने प्रदर्शन किया तो बाजार ज्ञानपुर में नागरिकों ने ऊर्जामंत्री का पुतला फूंककर आक्रोश जताया। मऊ में विद्युत उपकेंद्र बड़ागांव से मिलने वाली बिजली रुला रही है। जौनपुर में आंदोलन के बाद भी आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो व्यापारियों ने जलालपुर उपकेंद्र पर प्रदर्शन किया। मीरजापुर में कटौती के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को विद्युत सब स्टेशन चील्ह पर प्रदर्शन किया।

कासगंज के सोरों में तीसरे दिन भी बाजार के साथ स्कूल-कालेज भी बंद रहे। फीरोजाबाद में गुरुवार आधी रात से शुक्रवार शाम तक सात घंटे की कटौती हुई। मथुरा शहर में साढ़े पांच और ग्रामीण क्षेत्रों में सात घंटे की कटौती हुई। मैनपुरी में भी गुरुवार रात से शुक्रवार शाम चार बजे तक 16 घंटों के दौरान करीब पांच घंटे आपूर्ति ठप रही। अलीगढ़ में कटौती के खिलाफ बारहद्वारी बिजलीघर पर व्यापारियों ने धरना दिया। हालांकि एक कद्दावर मंत्री की अम्मी के यहां होने के चलते मेडिकल रोड विद्युत केंद्र को रातभर बिजली मिल रही है। हाथरस में जिस ताज ट्रेपेजियम जोन को 22 घंटे बिजली देने के आदेश हैं, वहां भी बमुश्किल चार घंटे बिजली आ पा रही है। शहर में 12 व देहात में तीन-चार घंटे ही बिजली मिल पा रही है।

मुरादाबाद में चार दिनों से रोज 11 से 12 घंटे की कटौती की जा रही है। अमरोहा में ग्रामीणों ने गुलड़िया बिजलीघर का घेराव किया और शहर की लाइन काट दी। सम्भल और रामपुर के देहात क्षेत्रों में भी कटौती से लोगों का बुरा हाल है। नोएडा में 6 से 8 घंटे, ग्रेटर नोएडा शहर में 5 से 6 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 16 से 18 की बिजली कटौती से लोग बेहाल हैं। गाजियाबाद के मोदीनगर में निर्धारित बिजली नहीं मिल पा रही है। मेरठ में 14 घंटे से ज्यादा बिजली गायब रही।

सपा ने ठीकरा केंद्र पर फोड़ा

इस बावत सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने लखनऊ में कहा कि केंद्र निर्धारित कोटे से प्रतिदिन 1700 मेगावाट बिजली कम दे रहा है। बढ़ी माग पूरा करने के लिए यूपी इनर्जी एक्सचेंज से अधिकतम बिजली खरीदेगा। मौजूदा समय रोस्टर के अनुसार आपूर्ति के लिए 12500 मेगावाट विद्युत की आवश्यकता है, इसमें 6519 मेगावाट केंद्रीय सेक्टर से प्रदेश को आवंटित होता है। चौधरी का दावा है कोयले की कमी से केंद्रीय सेक्टर की 340 मेगावाट की मशीनें नहीं चल पा रही हैं। 420 मेगावाट की मशीने अनुरक्षण या अन्य कारणों से बंद हैं। रोजा पावर प्लाट की 300 मेगावाट की तीन नम्बर मशीन कोयले के अभाव में बंद है। चौधरी ने कहा कि सभी स्त्रोतों से प्रदेश के बाहर से 6000 मेगावाट बिजली लाई जा सकती है, जिसमें सरकार कोई कमी न रखेगी। इससे अधिक बिजली लेने पर एनआरएलडीसी ने प्रतिबंध लगा रखा है।


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