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आगरा में चर्च पर हमले के 60 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ

ताजनगरी आगरा शहर के प्रतापपुरा में सैंट मैरीज चर्च पर हमले के करीब 60 घंटे बाद भी पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। न कोई दिशा है और न अपराधियों के बारे में कुछ पता चला है। खुलासे को जुटी चार टीमों ने एक दर्जन लोगों

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 09:58 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 10:03 AM (IST)
आगरा में चर्च पर हमले के 60 घंटे बाद भी पुलिस खाली हाथ

लखनऊ। ताजनगरी आगरा शहर के प्रतापपुरा में सैंट मैरीज चर्च पर हमले के करीब 60 घंटे बाद भी पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। न कोई दिशा है और न अपराधियों के बारे में कुछ पता चला है। खुलासे को जुटी चार टीमों ने एक दर्जन लोगों से पूछताछ की, मगर कोई सुराग हाथ नहीं लगा।

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पुलिस अब अज्ञात लोगों के मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस कर रही है। इसके बीच सुबूत मिटाने के चौबीस घंटे बाद पुलिस ने साक्ष्य जुटाने को कसरत भी शुरू कर दी। तोड़े गए कांच और प्रतिमा के टुकड़े समेटे। दुकानों पर लगे सीसीटीवी के फुटेज भी खंगाले, लेकिन उनसे कोई सुबूत हाथ न आया।

प्रतापपुरा के सेंट मैरीज चर्च में गुरुवार तड़के अज्ञात लोगों ने मूर्तियां क्षतिग्रस्त कर दी थीं। आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने सुबूत जुटाने के बजाए मिटा दिए। प्रतिमा के गले में डली चेन और पट्टे को हटवा दिया। साथ ही न तो फोरेंसिक टीम बुलाई और न डॉग स्क्वॉयड लाया गया। चर्च के बाहर और बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकार्ड खंगालने की जरुरत भी नहीं समझी। कल सुबह पुलिस ने चर्च से कुछ साक्ष्य संकलित किए। चर्च के प्रवेश द्वार के सामने माता मरियम की मूर्ति के फ्रेम के टूटे पर शीशे और बालक यीशु की मूर्ति के कुछ टुकड़े उठाए। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि बिशप ने इन्हें 24 घंटे बाद सुबूत उठाने के लिए कहा था, इसलिए घटना वाले दिन नहीं उठाया गया।

उधर घटना के 12 घंटे बाद एसएसपी राजेश डी मोदक की चार टीमें जुटी रहीं। रात भर में दर्जनभर से अधिक संदिग्धों से अलग-अलग स्थानों पर पूछताछ की मगर, इनसे कुछ सुराग हाथ नहीं लगा। वहीं चर्च के दोनों ओर दुकानों और स्कूल पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी पुलिस ने तलाशे।

खुफिया विभाग पर दूसरा बड़ा दाग

इस बार भी सनसनीखेज घटना में खुफिया विभाग फेल साबित हुआ, होना भी था क्योंकि इसके पास तंत्र के नाम पर कुछ है ही नहीं। यही नहीं नागपुर और दिल्ली में चर्च पर जनवरी से ही हो रहे हमलों के बाद भी यहां खुफिया विभाग हरकत में नहीं आया। न तो कोई इनपुट जुटाया गया और न ही पुलिस प्रशासन को इसको लेकर आगाह करने के लिए कोई रिपोर्ट ही दी गई। वेद नगर में धर्मांतरण के मामले में खुफिया तंत्र की पोल अल्पसंख्यक आयोग भी खोल चुका है। आयोग ने शासन को दी गई अपनी रिपोर्ट में खुफिया तंत्र के फेल होने की बात स्पष्ट कही थी।


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