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थोड़ा इंतजार कीजिए... और सस्ती होगी बालू-मौरंग

राज्य सरकार की कोशिशों ने बीते एक हफ्ते में खनन से जुड़ी निर्माण सामग्री के दामों को कुछ नीचे गिराया है, जबकि अगले एक हफ्ते में इन प्रयासों का रंग और गाढ़ा नजर आने लगेगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 19 Apr 2017 10:48 AM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2017 10:48 AM (IST)
थोड़ा इंतजार कीजिए... और सस्ती होगी बालू-मौरंग
थोड़ा इंतजार कीजिए... और सस्ती होगी बालू-मौरंग

लखनऊ (जेएऩएन)। गिट्टी-मौरंग महंगी है और बालू बाजार से नदारद है। यह वजहें यदि आपकी परेशानी बढ़ा रही हैैं और इसी की वजह से निर्माण कार्य बंद है या शुरू नहीं हो पा रहा तो थोड़ा धैर्य रखिए और कुछ इंतजार कीजिए। राज्य सरकार की कोशिशों ने बीते एक हफ्ते में खनन से जुड़ी निर्माण सामग्री के दामों को कुछ नीचे गिराया है, जबकि अगले एक हफ्ते में इन प्रयासों का रंग और गाढ़ा नजर आने लगेगा।

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प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खिलाफ परिवहन विभाग ने 24 मार्च से 15 दिन का अभियान शुरू किया तो इसकी सीधी चोट भवन निर्माण सामग्री पर पड़ी। बालू-मौरंग व गिट्टी के अवैध खनन पर रोक लगने और प्रति ट्रक 1200 वर्गफीट तक की ओवरलोडिंग की बजाए नियम से 300-400 वर्गफीट ही ले जाने पर सख्ती होने के कारण अचानक किल्लत हुई और दाम आसमान छूने लगे। कुछ महीने पहले 35-40 रुपये वर्गफीट में बिक रही मौरंग 150 से 180 रुपये तक पहुंच गई। इसी तरह बालू 10-15 रुपये से 80 रुपये और गिट्टी 25-30 से 85-90 रुपये पहुंच गई।


इसी किल्लत को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों दो बड़े फैसले लिए थे। इसमें एक ओर अन्य प्रदेशों से खनन सामग्री लाए जाने की छूट दी गई तो साथ ही नए छोटे पट्टे दिए जाने पर भी सहमति बन गई। उप्र सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता बताते हैं कि इन फैसलों के असर से मौरंग 180 रुपये से घट कर 130, बालू 80 से घट कर 60 और गिट्टी 90 से कम होकर 80 रुपये वर्गफीट पर आ गई है। हालांकि 15 अप्रैल के आसपास ज्यादा गाडिय़ां आने से मौरंग के दाम 100 से 110 रुपये तक गिर गए, लेकिन ओवरलोडिंग पर सख्ती के कारण दाम फिर 130 पर आ गए। गुप्ता का मानना है कि अंडरलोडिंग के कारण निर्माण सामग्री के दाम मार्च से पहले के स्तर पर लौटने की गुंजाइश तो नहीं है, लेकिन अगले एक हफ्ते में कुछ कमी जरूर आएगी।

अधिकारी भी बढ़ा रहे समस्या
निर्माण उद्योग से जुड़े कारोबारियों की शिकायत है कि ओवरलोडिंग से कमाई के आदी हो चुके अधिकारी अब अंडरलोड वाहनों को परेशान कर रहे हैैं। सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता बताते हैं कि अधिकारियों ने कई वाहनों का चालान और रायल्टी पर्ची फाड़कर उन्हें अवैध खनन में बंद कर दिया है। व्यापारियों ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करने का मन बनाया है।

सीमेंट, सरिया व ईंट भी सुस्त
गिट्टी-मौरंग के महंगे होने और बालू के सिर्फ चोरी-छिपे आने के कारण भवन निर्माण से जुड़े वे कारोबारी भी संकट में आ गए हैं, जिनकी सामग्री को लेकर कोई किल्लत नहीं है। सीमेंट कंपनियों ने हालांकि पिछले दिनों दाम बढ़ाने की कोशिश की लेकिन, पुराना स्टॉक ही न बिक पाने के कारण दाम फिर 310 रुपये के आसपास आ गए। यही हाल सरिया व ईंट भट्ठा कारोबारियों का है। बिक्री न होने से मायूस यह कारोबारी भी खनन और ओवरलोडिंग की समस्या खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

सामग्री 20 मार्च 07 अप्रैल 18 अप्रैल

मौरंग 70 180 130
बालू 20 80 60
गिट्टी 48 90 80
(नोट- दाम प्रति वर्गफीट हैैं)
 


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