नहीं हुआ पीयूष-मनीषा का आमना सामना
लखनऊ। कानपुर के ज्योति हत्याकांड के मुख्य आरोपियों का आमना सामना ही नहीं कराया गया जबकि
लखनऊ। कानपुर के ज्योति हत्याकांड के मुख्य आरोपियों का आमना सामना ही नहीं कराया गया जबकि यह जांच के लिए जरूरी तो था ही कोर्ट ने भी इसके आदेश दिए थे। एक माह पूर्व विवेचक ने मुख्य आरोपियों का (क्रास इक्जामिनेशन) कराने का आदेश लिया था लेकिन अब तक उसका पालन नहीं हुआ।
ज्योति हत्याकांड में पूर्व एसओ स्वरुप नगर और पूर्व मुख्य विवेचक रहे शिवकुमार राठौर ने बीते माह 13 अगस्त को अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया। इसमें उन्होंने कहा कि पूछताछ में आरोपी पीयूष और मनीषा मखीजा ने कई बाते छिपा ली हैं। इन दोनों का जेल में आमना सामना कराया जाएगा तो कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिल जाएंगे। इसके साथ ही अदालत ने उन्होंने जेल में दोनों का आमना सामना कराने की अनुमति मांगी। साक्ष्य जुटाने के क्रम में अदालत ने भी उसी दिन अनुमति दे दी लेकिन एक माह बीतने के बाद भी पीयूष और मनीषा के बयान नहीं दर्ज किए गए और न ही उनका आमना-सामना कराया गया और न ही उन बयानों की सच्चाई परखी गई।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता कमलेश पाठक ने बताया कि विवेचक महज दबाव बनाने के लिए इस तरह के प्रार्थना पत्र देते रहे हैं। यह अतिशयोक्ति ही है कि सीआरपीसी और पुलिस रेगुलेशन एक्ट में पावर होने के बावजूद अदालत में सर्च वारंट मांगा जबकि इससे पूर्व में ली गई तलाशी बिना सर्च वारंट के की गई।