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लखनऊ में लूट ऐसी कि Rs.200 की मेडिकल जांच हो रही चार हजार में

सरकारी अस्पतालों में लंबी वेटिंग के चलते निजी अस्पतालों का धंधा दिनों दिन फलफूल रहा है, मरीजों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 12:44 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 01:04 PM (IST)
लखनऊ में लूट ऐसी कि Rs.200 की मेडिकल जांच हो रही चार हजार में
लखनऊ में लूट ऐसी कि Rs.200 की मेडिकल जांच हो रही चार हजार में

लखनऊ (रूमा सिन्हा-संदीप पांडेय)। शहर में निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों पर लूट मची है। वह खुलेआम मरीजों से जांच के दो से तीन गुना शुल्क वसूल रहे हैं। जैसे सीटी होल एब्डॉमिन केयूबी में 200 के बजाय 4000 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं नियमों के अभाव बताकर जिम्मेदार खामोश हैं। इस तरह से मरीजों का शोषण जारी है।
मेडिकल हब के तौर पर विकसित हो रही राजधानी में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं।

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वहीं सरकारी अस्पतालों में लंबी वेटिंग के चलते निजी अस्पतालों का धंधा दिनों दिन फलफूल रहा है। तुरंत व सटीक जांच का हवाला देकर मरीजों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। आलम यह है कि एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआइ हर जांच के दाम आसमान छू रहे हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में यह जांचें किफायती दर पर उपलब्ध हैं।

1125 का एक्स-रे 270 में: जिला अस्पतालों में एक्स-रे मुफ्त है। मगर लोहिया संस्थान व पीजीआइ में एक्स-रे की कीमत 125 रुपये है। वहीं निजी जांच केंद्रों में 270 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा सरवाइकल स्पाइन एपी-एलएटी 225 रुपये का 450 में, चेस्ट बेड साइड 125 के बजाय निजी में 800 में, लंबर स्पाइन एपी-एलटी 225 रुपये की अपेक्षा निजी में 450 वसूले जा रहे हैं। ऐसे ही स्केल्टन सर्वे विद आउट लांग बोन का सरकारी में 600 तो निजी में 1200 रुपये लिए जा रहे हैं।

11300 का अल्ट्रासाउंड 800 का: जिला अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड जांच मुफ्त है। मगर लोहिया संस्थान व पीजीआइ में सामान्य अल्ट्रासाउंड का शुल्क 300 रुपये है, जबकि निजी में 800 रुपये वसूला जा रहा है। वहीं अल्ट्रासाउंड ब्रेस्ट के 300 के बजाय 1000, हिमेटोबिलियरी सिस्टम की जांच के 300 की जगह 820, अल्ट्रासाउंड थॉयराड 300 के बजाय 1000 में, यूएसजी गाइडेड बायोप्सी 400 के बजाय 1500 में, यूएसजी गाइडेड एफएनएसी 400 के 1500 रुपये निजी केंद्रों में वसूले जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में एमआरआइ होल एब्डॉमिन का शुल्क 4000 है, वहीं निजी केंद्र 7500 वसूल जा रहे हैं। ऐसे में एमआरआइ पेल्विस, सिंगल ज्वाइंट, स्पाइन थोरेक्स, एमआरआइ फेस, हेड, लंबर स्पाइन, मस्कुलो स्केल्टन, नेक एंड सर्वाइकल स्पाइन के जहां सरकारी में 3500 रुपये शुल्क है। वहीं निजी में एमआरआइ प्रति आर्गन पार्ट 5200-5500 रुपये वसूले जा रहे हैं।

500 का सीटी स्कैन 3500 में: सरकारी में हेड का सीटी स्कैन 500 रुपये में किया जाता है, वहीं निजी में 3500 रुपये वसूले जा रहे हैं। ऐसे ही स्पाइरल सीटी बोन, ज्वाइंट सिंगल पार्ट के सरकारी में 1200 तो निजी में पांच हजार लिए जा रहे हैं। सीटी फेस का भी 1200 के बजाय 3500, सीटी होल एब्डॉमिन केयूबी 200 के बजाय 4000, सीटी नेक 1000 की जगह निजी में 3500 वसूले जाते हैं।

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4000 की एमआरआइ 7500 में: सरकारी अस्पतालों में एमआरआइ होल एब्डॉमिन का शुल्क 4000 है, वहीं निजी केंद्र 7500 वसूल जा रहे हैं। ऐसे में एमआरआइ पेल्विस, सिंगल ज्वाइंट, स्पाइन थोरेक्स, एमआरआइ फेस, हेड, लंबर स्पाइन, मस्कुलो स्केल्टन, नेक एंड सर्वाइकल स्पाइन के जहां सरकारी में 3500 रुपये शुल्क है। वहीं निजी में एमआरआइ प्रति आर्गन पार्ट 5200-5500 रुपये वसूले जा रहे हैं।

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