परिवर्तन यात्राः अमित शाह ने यूपी की राजधानी से बनाई दूरी
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के गृह जिले इटावा में संकल्प रैली को संबोधित करने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आज लखनऊ आकर पांच नवंबर से शुरू हो रही भाजपा की परिवर्तन यात्रा को दिशा देना था। यात्रा के रणनीतिकारों के साथ उनकी मंत्रणा होनी थी लेकिन यह सब नहीं हो सका। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के गृह जिले इटावा में संकल्प रैली को संबोधित करने के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस बीच भाजपा मुख्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव और अनिल जैन की मौजूदगी में यात्रा प्रभारी और राष्ट्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने तैयारी को लेकर सहयोगियों से विमर्श किया। पांच नवंबर को परिवर्तन यात्रा सहारनपुर से शुरू हो रही है। छह नवंबर को यह झांसी, आठ को सोनभद्र और नौ नवंबर को बलिया से शुरू होगी। सभी यात्राओं को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। परिवर्तन यात्रा प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह ने का कहना है कि यात्राएं अवैध खनन, अवैध कब्जा, गुंडा राज, माफिया राज, वंशवाद और जातिवाद पर प्रहार करके सपा और बसपा की जुगलबंदी को समाप्त करेंगी। विकास, रोजगार और भयमुक्त समाज का सूत्रपात होगा।
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पिछड़ों को लामबंद करने पर भाजपा का जोर
भाजपा पांच नवंबर से दिसंबर तक दो-दो विधानसभा क्षेत्रों के बीच कुल 204 पिछड़ा सम्मेलन करने जा रही है। आज भाजपा मुख्यालय पर इसके लिए पार्टी नेताओं की जुटान हुई। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव ने सम्मेलन के लिए मुद्दों पर विमर्श किया। पिछले कई महीने से भाजपा के कार्यक्रमों से दूर रहने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह इस बैठक में खासतौर पर शामिल हुए। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि इस विमर्श में सम्मेलन को लेकर पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जिलाध्यक्षों को इसके लिए जवाबदेह भी बनाया गया है। पिछड़ा वर्ग से आने वाले केंद्र सरकार के तीन मंत्री संतोष गंगवार, संजीव बालियान और निरंजन ज्योति की उपस्थिति से रणनीतिकारों का भी मनोबल ऊंचा था।
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बसपा से आए नेताओं का जमावड़ा
संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने सम्मेलन को चुनावी अभियान से जोडऩे का नुस्खा दिया। बसपा से आए नेताओं का भी जमावड़ा था। पूर्व नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य तो सक्रिय थे ही, पूर्व एमएलसी लोकेश प्रजापति समेत कई नेता आए थे। पिछड़ा वर्ग सम्मेलन के लिए प्रभारी बनाए गए प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया और सह प्रभारी अमरपाल मौर्या ने आयोजन का स्वरूप प्रस्तुत किया। कटारिया का कहना था कि बसपा-सपा की सरकार में पिछड़ों की सर्वाधिक उपेक्षा हुई और सम्मेलनों में इसे बिंदुवार गिनाया जाएगा। इस विमर्श में पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार और सांसद राजवीर सिंह राजू, पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह समेत कई प्रमुख लोगों ने अपने सुझाव दिए।