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यूपी में पांव पसार रही ओवैसी की पार्टी

हैदराबाद के बाद महाराष्ट्र में उपस्थिति दर्ज करा चुकी मजलिस-ए-इत्तिहाद उल मुसलमीन (एमआइएम) ने उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। पार्टी के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई विधायक अकबरउद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों से संवाद स्थापित कर अपनी बुनियाद मजबूत कर

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 11:12 AM (IST)
यूपी में पांव पसार रही ओवैसी की पार्टी

लखनऊ (आनन्द राय)। हैदराबाद के बाद महाराष्ट्र में उपस्थिति दर्ज करा चुकी मजलिस-ए-इत्तिहाद उल मुसलमीन (एमआइएम) ने उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। पार्टी के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई विधायक अकबरउद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों से संवाद स्थापित कर अपनी बुनियाद मजबूत कर रहे हैं। फिलहाल इस पार्टी का सदस्यता अभियान पर जोर है। प्रदेश के कुछ खास जिलों में यह अभियान तेजी से चल रहा है।

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उत्तेजक भाषणों के लिए ओवैसी बंधुओं ने खास पहचान हासिल की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दंगों और कई महत्वपूर्ण राजनीतिक अवसरों पर इनके तीखे बयानों से हलचल पैदा हुई है। खासकर मुस्लिम युवाओं के बीच इनकी लोकप्रियता बढ़ी है। सुनियोजित तरीके से पार्टी इन सभी को भुनाने में जुट गयी है।

कुछ समय पहले ओवैसी लखनऊ आए थे। तहरीक उमर सोसाइटी के सदर मौलाना सईद अतहर कासमी समेत कई संगठनों के मुखिया से उनकी खास मुलाकात हुई। इसके राजनीतिक निहितार्थ निकाले गए। उत्तर प्रदेश की करीब बीस फीसद मुस्लिम आबादी की उर्वरा जमीन को सियासी लिहाज से फायदेमंद मानते हुए यहां संगठन बनाने की कवायद शुरू हुई। आजमगढ़ के मोहम्मद शौकत अली को प्रदेश की कमान सौंपी गयी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक संगठन को गति देने के लिए सदस्यता अभियान पर जोर दिया गया है।

अतहर कासमी कहते हैं कि मैं तो ओवैसी की कैबिनेट में नहीं हूं, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि उत्तर प्रदेश के युवा मुसलमान उन्हें दिल से पसंद कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने धर्मनिरपेक्ष चलन का पैगाम दिया है। वह काफी पढ़े-लिखे हैं और हमेशा मुल्क की तरक्की की बात करते हैं। ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में जून 2015 तक सदस्यता अभियान चलाने का लक्ष्य रखा है। फिर वह जिलों का दौरा करेंगे और सम्मेलन के जरिए नये संगठन की रूपरेखा तय करेंगे। प्रदेश कमान संभाल रहे शौकत के बाहर होने की वजह से सम्पर्क नहीं हो सका लेकिन इतना जरूर पता चला कि कुछ खास क्षेत्रों में एमआइएम ने अपने संगठन पर विशेष ध्यान दिया है। मसलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, गोरक्षपीठ के महंत, सांसद आदित्य नाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर, राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के क्षेत्र फतेहपुर और साक्षी महराज के क्षेत्र उन्नाव जैसे इलाकों में इस पार्टी के संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि इस पार्टी के लोग बोलने की बजाय सीधे संगठन मजबूत करने की भूमिका में ही जुटे हैं। ओवैसी से जुड़े एक मौलाना का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक मुसलमानों का संगठन चला रहे कई लोग ओवैसी के सम्पर्क में हैं और कई अपनी पार्टी से समझौता करने के लिए भी कह चुके हैं।


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