पंचायतों के जरिए उत्तर प्रदेश में ओवैसी की चुनावी इंट्री
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादउल मुसलमीन (एआइएमआइएम) ने उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल 18 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के 50 उम्मीदवारों की घोषणा की है। यह विधानसभा चुनाव का टेस्ट भी है। पार्टी ने तीस फीसद हिंदू उम्मीदवार उतारकर कमोबेश अपनी चुनावी रणनीति भी साफ कर दी है।
लखनऊ। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादउल मुसलमीन (एआइएमआइएम) ने उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल 18 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के 50 उम्मीदवारों की घोषणा की है। यह विधानसभा चुनाव का टेस्ट भी है। पार्टी ने तीस फीसद हिंदू उम्मीदवार उतारकर कमोबेश अपनी चुनावी रणनीति भी साफ कर दी है। खासकर पिछड़े और दलित जातियों को मिलाकर एआइएमआइएम विधानसभा चुनाव में अपनी पारी खेलेगी। पार्टी ने मुजफ्फरनगर और फैजाबाद के बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उप चुनाव में भी उतरने का एलान कर दिया है।
एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी दो वर्षों से उप्र की सियासत में दखल देने के लिये प्रयासरत हैं और करीब-करीब सभी जिलों में उनकी पार्टी ने अपना संगठन बना लिया है। पंचायत के चुनाव में अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा कर उनकी पार्टी अपना आकलन करने जा रही है। जिन जिलों में उम्मीदवारों को घोषित किया गया है वह मुस्लिम बहुल हैं। मसलन संतकबीरनगर, बस्ती, फैजाबाद, सुलतानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बलरामपुर, गोंडा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, हापुड़, गाजियाबाद, अलीगढ़, अमरोहा और बुलंदशहर में उम्मीदवार उतारे गये हैं। इनमें सर्वाधिक दस उम्मीदवार आजमगढ़ में दिये गये हैं। 18 जिलों के इन पचास उम्मीदवारों में 15 हिंदू उम्मीदवार हैं। पिछले कई चुनावों में यही फार्मला पीस पार्टी ने अपनाया था। पीस पार्टी 2012 के विधान सभा चुनाव में इसी फार्मूले से चार सीट हासिल करने में कामयाब रही। कौमी एकता दल ने भी भासपा के ओमप्रकाश राजभर से तालमेल कर दो सीटें हासिल की थीं। राज्य सरकार के मंत्री चित्तरंजन स्वरूप के निधन के बाद मुजफ्फरनगर और मित्रसेन यादव के निधन के बाद फैजाबाद के बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होना है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली का कहना है कि इन दोनों सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी।