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शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज पर विधान परिषद में विपक्ष का डेढ़ घंटे हंगामा

शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में विपक्षी दलों ने उत्र प्रदेश विधान परिषद में हंगामा कर डेढ़ घंटे तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 28 Jul 2017 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jul 2017 11:24 PM (IST)
शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज पर विधान परिषद में विपक्ष का डेढ़ घंटे हंगामा
शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज पर विधान परिषद में विपक्ष का डेढ़ घंटे हंगामा

लखनऊ (जेएनएन)। शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को विपक्षी दलों ने विधान परिषद में हंगामा कर डेढ़ घंटे तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी जिससे कि प्रश्नकाल नहीं हो सका। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की शिक्षामित्रों से पूरी सहानुभूति है। शिक्षामित्र वोट की राजनीति करने वालों के बहकावे में न आएं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रही है। शिक्षामित्रों की समस्या का निवारण करने के लिए तर्कसंगत, विधिसम्मत रास्ता तलाशा जा रहा है। उन्होंने शिक्षामित्रों से हिंसा, आगजनी और प्रदर्शन न कर विद्यालयों में पढ़ाने की अपील की है। 

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तस्वीरों में देखें-आंदोलन की हदों की ओर जाते शिक्षामित्र

समायोजन की प्रक्रिया में ही गड़बड़ी 

मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने का ठीकरा सपा सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि समायोजन की प्रक्रिया में ही गड़बड़ी थी। इसी वजह से पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को रद कर दिया। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों से अपील कि वे विपक्षी दलों के बहकावे में न आएं और संघर्ष का रास्ता छोड़़कर संवाद का माध्यम अपनाएं। स्कूलों में जाकर पढ़ाएं और अपना प्रतिवेदन प्रतिनिधियों के माध्यम से अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के पास भेजें। उन्होंने कहा कि जब सरकार शिक्षामित्रों के फैसले को लेकर संजीदा है तो सड़कों पर प्रदर्शन, आगजनी, तोडफ़ोड़ नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र संघर्ष से नहीं, संवाद और सहमति से चलता है। सरकार शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान के लिए हर विकल्प पर विचार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हिंसा होगी तो सरकार को मजबूरी में कड़े कदम उठाने होंगे। ऐसे हालात न पैदा हों जिससे कि शिक्षामित्रों के लिए अप्रिय स्थिति पैदा हो। वहीं उन्होंने विपक्ष को भी आगाह किया कि सरकार उसकी धमकी से दबाव में आने वाली नहीं। 

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लाठीचार्ज के विरोध में सपा, बसपा और कांग्रेस

इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। लाठीचार्ज के विरोध में सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य सभापति रमेश यादव के आसन के सामने आकर हंगामा और नारेबाजी करने लगे जिससे कि सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही स्थगित होने पर विपक्षी सदस्य सभापति के आसन के सामने धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्ष का रुख देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर धरने पर बैठे विपक्षी सदस्य फिर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे जिससे कि सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर 12.30 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने विपक्ष के हंगामे के बीच एजेंडे का काम निपटाना शुरू किया जिस पर विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। 

तस्वीरों में देखें-आंदोलन की राह पर यूपी के शिक्षामित्र

नोट छापने की फैक्ट्रियां थे चयन बोर्ड और आयोग

योगी ने वित्तविहीन शिक्षकों की समस्या का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सपा-बसपा सरकारों ने उनके साथ अन्याय किया है। शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं जबकि अध्यापकों की भर्ती करने वाले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग नोट छापने की फैक्ट्रियों में तब्दील हो गए थे। वित्तविहीन शिक्षकों की समस्याओं पर गौर करते हुए सरकार प्रदेश से प्रतिभाओं का पलायन रोकने पर विचार कर रही है। 


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