एनआरएचएम घोटाले के आरोपी आइएएस प्रदीप शुक्ला बहाल, तैनाती मिली
सरकार ने एनआरएचएम (अब एनएचएम) घोटाले के आरोपित आइएएस प्रदीप शुक्ला का निलंबन खत्म कर उन्हें बतौर सदस्य राजस्व परिषद में नियुक्त किया है। जमानत पर जेल से रिहा होने पर तैनाती पाने वाले वह पहले अधिकारी हैं।
लखनऊ। सरकार ने एनआरएचएम (अब एनएचएम) घोटाले के आरोपित आइएएस प्रदीप शुक्ला का निलंबन खत्म कर उन्हें बतौर सदस्य राजस्व परिषद में नियुक्त किया है। जमानत पर जेल से रिहा होने पर तैनाती पाने वाले वह पहले अधिकारी हैं।
एनआरएचएम घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने 11 मई 2012 को तत्कालीन स्वास्थ्य प्रमुख सचिव प्रदीप शुक्ला को गिरफ्तार किया था, मगर निर्धारित 90 दिनों में आरोप पत्र नहीं दाखिल किया, जिस पर अदालत ने जुलाई में प्रदीप शुक्ला को जमानत पर रिहा कर दिया। आनन-फानन में उन्हें सरकार ने राजस्व परिषद में तैनात कर दिया। सरकार के रवैये पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी तब शासन ने अगस्त में उन्हें निलंबित किया। इस बीच अदालत ने प्रदीप शुक्ला की जमानत भी खारिज कर दी थी। उसी समय से वह निलंबित थे। तकरीबन दो साल जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप शुक्ला को जमानत के आधार पर जमानत पर रिहा किया।
तीन जुलाई 2015 को सरकार ने 1981 बैच के आइएएस प्रदीप शुक्ला का निलंबन खत्म करते हुए उन्हें राजस्व परिषद लखनऊ में तैनात कर दिया है। एनआरएचएम घोटाले में जमानत पाने के बाद तैनाती पाने वाले वह पहले अधिकारी हैं। फिलहाल एक पीसीएस अधिकारी और पचास से अधिक डॉक्टर जमानत पर हैं, लेकिन सभी अभी निलंबित हैं। प्रदीप शुक्ला की बहाली से आरोपितों की बहाली के आसार बन गए हैं।
सीबीआइ ने इन्हें बनाया आरोपी
अदालत से जांच का जिम्मा मिलने के बाद सीबीआइ ने तत्कालीन परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व मिशन निदेशक एनआरएचएम प्रदीप शुक्ला, महानिदेशक स्वास्थ्य डा.एसपी राम, बसपा एमएलए राम प्रसाद जायसवाल, पीसीएस अभय वाजपेयी, पैकफेड के एमडी वीके चौधरी, दवा कारोबारी सौरभ जैन, सुनित सिंघल, एसएम त्रिपाठी, विपुल कुमार गुप्ता, अतुल श्रीवास्तव व वीके चौधरी के अलावा 145 डॉक्टरों को घोटाले का दोषी ठहराया। इनमें से कई जमानत पर रिहा कर दिए गए हैं। बेहद छोटे आरोपों में फंसी कुछ महिला डॉक्टर जेल में हैं।