Move to Jagran APP

अब मंत्रियों के विभागों को लेकर कयासों और प्रयासों का दौर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यभार ग्रहण करते ही नौकरशाही में हलचल मच गयी। अधिक जिज्ञासा मंत्रियों के विभागों को लेकर बना रहा। हालांकि अभी 13 मंत्रियों की गुंजाइश भी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 19 Mar 2017 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2017 11:04 PM (IST)
अब मंत्रियों के विभागों को लेकर कयासों और प्रयासों का दौर
अब मंत्रियों के विभागों को लेकर कयासों और प्रयासों का दौर
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यभार ग्रहण करते ही नौकरशाही में हलचल मच गयी। अभी तक मुख्यमंत्री सचिवालय के लिए अफसरों की तैनाती न होने से कयासों का दौर तेज हो गया लेकिन, नाम तय नहीं हो सके हैं। इससे अधिक जिज्ञासा मंत्रियों के विभागों को लेकर बना रहा। विभागों का बंटवारा रविवार को नहीं हो सका।  मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री समेत 47 सदस्यीय मंत्रिमंडल में कौन विभाग किसे मिलेगा, इसको लेकर अटकलबाजी चल रही है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा को सबसे महत्वपूर्ण विभाग दिये जा सकते हैं। भाजपा की पिछली सरकारों में मंत्री रहे सूर्य प्रताप शाही, सुरेश खन्ना, सतीश महाना, राजेश अग्रवाल और रमापति शास्त्री के अनुभवों को देखते हुए उन्हें अच्छा विभाग देने की तैयारी है। बसपा सरकार में भी मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य और चौधरी लक्ष्मी नारायण भी महत्वपूर्ण विभाग पा सकते हैं। मंत्रिमंडल में राजनीतिक कद के हिसाब से रीता बहुगुणा जोशी, दारा सिंह चौहान, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह, डॉ. महेन्द्र सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, आशुतोष टंडन, उपेन्द्र तिवारी, अनुपमा जायसवाल, सुरेश राणा औ मुकुट विहारी वर्मा का भी महत्व बढ़ेगा। 
अभी 13 की गुंजाइश
अभी मंत्रिमंडल में 13 मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश है। भविष्य में होने वाले विस्तार में गठबंधन के अपना दल (सोनेलाल) के एक विधायक को भी मौका मिल सकता है। राज्य में 403 सदस्यों वाली विधानसभा के मद्देनजर नियमानुसार मुख्यमंत्री समेत कुल 60 सदस्यों का मंत्रिमंडल हो सकता है। रविवार को योगी मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री समेत 47 हो गयी है। ऐसे में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार कर 13 नए नेताओं को लालबत्ती प्रदान की जा सकती है। 
पांच को विधायक बनना होगा
बिना किसी सदन (विधानसभा या परिषद) में सदस्य बने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व मंत्री पद संभालने वाले पांच नेताओं को छह माह के भीतर विधानसभा या विधान परिषद में से किसी सदन की सदस्यता प्राप्त करनी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को अपनी लोकसभा से सदस्यता छोड़ कर विधायक बनना होगा। वहीं, लखनऊ नगर निगम में महापौर डॉ. दिनेश शर्मा को भी विधायक बनने का इम्तिहान देना होगा। रविवार को योगी मंत्रिमंडल में शामिल पार्टी के प्रदेश महामंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और मोहसिन रजा को मंत्री पद बचाए रखने के लिए छह माह के भीतर विधायक बनने की परीक्षा पास करनी होगी।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.