सपा घमासानः नाराज अखिलेश ने की 3 नवंबर से रथयात्रा की घोषणा
अखिलेश यादव ने एकला चलो के अंदाज में तीन नवंबर से समाजवादी विकास रथयात्रा का एलान कर दिया है। इसी बीच अखिलेश और दिल्ली की जामा मस्जिद इमाम बुखारी की भेंट खासी चर्चा में रही।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब एकला चलो के अंदाज में है। उन्होंने तीन नवंबर से विकास से विजय की ओर समाजवादी विकास रथयात्रा निकालने का एलान कर दिया है। इसके जरिये मुख्यमंत्री ने पांच नवंबर को सपा के रजत जयंती समारोह में हिस्सा नहीं लेने का संदेश भी दिया है। उधर, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 24 अक्टूबर को सरकार के मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक बुलायी है। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के ठीक दो दिन बाद आहूत बैठक को कुनबे में गहराती कलह से जोड़कर देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक २२ अक्टूबर को प्रस्तावित है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में शिवपाल यादव ने सपा जनप्रतिनिधियों और प्दाधिकारियों की बैठक बुलाए जाने की विधिवत घोषणा कर दी।
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सपा मुखिया मुलायम सिंह को भेजे पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा कि वह तीन अक्टूबर से समाजवादी विकास रथयात्रा निकालना चाहते थे लेकिन किन्ही कारणों से प्रारंभ नहीं कर सके। अब तीन नवंबर से विकास से विजय की ओर समाजवादी विकास रथयात्रा शुरू करेंगे। अखिलेश ने रथयात्रा का ऐसे समय में एलान किया है जब समाजवादी परिवार में सत्ता का घमासान चरम पर है। युवा ब्रिगेड ने पांच नवंबर को पार्टी के रजत जयंती समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा पहले ही कर दी है। ऐसे में अखिलेश ने विकास रथ यात्रा की घोषणा कर युवा ब्रिगेड के पक्ष में खड़े रहने का संदेश दिया है। इस पत्र के सार्वजनिक होने से पहले अपने सरकारी आवास पर एक कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या आप पार्टी के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेंगे? अखिलेश ने कहा कि आज कुछ नहीं बोलेंगे।
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दूसरे सवालों से बचने के लिए उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वितरण हो रहा है-'गेहूं, चावल की बात कीजिए। समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी में हिस्सा लेंगे? इस सवाल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी में कौन लोग हिस्सा लेते हैं, आप जानते ही होंगे, उनका आशय था कि कार्यकारिणी के सदस्य ही ऐसी बैठक में हिस्सा लेते हैं और वह उसके सदस्य नहीं है। दोनों प्रश्नों के उत्तर से साफ था कि वह समाजवादी पार्टी के संगठन को लेकर हो रहे फैसलों से खिन्न हैं। पार्टी से निष्कासित युवा ब्रिगेड की वापसी भी चाहते हैं।
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गौरतलब है कि 12 सितंबर को समाजवादी परिवार का संग्राम सड़क पर आने केबाद से समाजवादी पार्टी की युवा ब्रिगेड अखिलेश यादव के समर्थन में खुलकर खड़ी है। विधायकों का एक ग्रुप उनके समर्थन में है। मुख्यमंत्री खुद यह कह चुके हैं कि युवा ब्रिगेड के सदस्यों ने उनके पक्ष में नारेबाजी की थी, किसी नेता के विरोध में नारे नहीं लगाये थे। युवा कार्यकर्ताओं पर की गई कार्रवाई वापस होनी चाहिए। बहरहाल, अखिलेश की विकास यात्रा की घोषणा एकला चलो अभियान के रूप में देखी जा रही है।
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जिलाध्यक्षों की मीटिंग में अखिलेश को भी न्योता
प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कल होने वाली जिलाध्यक्षों की बैठक में हिस्सा लेने का न्योता दिया। हालांकि मुख्यमंत्री के इस मीटिंग में शामिल होने की संभावना न के बराबर है।छह साल बाद शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिलाध्यक्षों से ऐसे समय में मुखातिब होंगे, जब पार्टी में घमासान चल रहा है। युवा ब्रिगेड ने बगावती रुख अख्तियार कर रखा है। पांच नवंबर को पार्टी की रजत जयंती होनी है। मुख्य रूप से रैली की तैयारियों पर चर्चा की संभावना है। माना जा रहा है कि शिवपाल जिलाध्यक्षों से बूथ कमेटियों के गठन, चुनावी तैयारियों के साथ रजत जंयती के लिए भीड़ जुटाने का संदेश भी दे सकते हैं। उधर, सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह के निर्देश पर शिवपाल यादव गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री को बैठक में हिस्सा लेने का न्योता देने गये थे।
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मुलायम पर निगाहें
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने 24 अक्टूबर को मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व एमएलसी और प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है। परिवार में संग्राम के दौर में सपा मुखिया की इस बैठक पर हर किसी की निगाहें लगी हैं। कार्यकर्ता इस बात को लेकर कयास लगा रहे हैं कि आखिर मुलायम इस बैठक में क्या संदेश देंगे। जिससे परिवार में चल रहे संग्राम की दिशा तय होंगी। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बताया कि 24 अक्टूबर को सुबह दस बजे से पार्टी के लोहिया सभागार में बैठक होगी। जिसमें रजत जयंती समारोह के लिए नियुक्त प्रभारियों को भी बुलाया गया है।
कार्यकारिणी की बैठक 22 को
शुक्रवार को जिलाध्यक्षों की बैठक के बाद समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक 22 अक्टूबर को होगी, जिसमें रजत जयंती समारोह के साथ चुनावी तैयारियों पर भी चर्चा होगी।
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टिकट का अधिकार चाहते हैं अखिलेश
समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि परिवार के संग्राम को थामने के अब तक जितने भी प्रयास हुए हैं, उनमें अखिलेश यादव ने दो टूक कहा है कि विधानसभा चुनाव में इम्तिहान उनका है। इसलिए टिकट बांटने का अधिकार उनका हो और युवा ब्रिगेड की वापसी की जाए। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को मुलायम, शिवपाल, अखिलेश व कुछ अन्य नेताओं के बीच विक्रमादित्य मार्ग पर बैठक हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री इसी स्टैंड पर कायम थे। पार्टी के उपाध्यक्ष किरनमय नंदा ने अखिलेश का पक्ष लेते हुए कहा था कि टिकट वितरण का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए।