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नीतीश का दौरा उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़े उलटफेर का संकेत

महाराजा बिजली पासी किला के मैदान में रैली के मुख्य अतिथि नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार पर राम मनोहर लोहिया के विचार पर न चलने का आरोप लगाया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 11:52 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2016 11:56 PM (IST)
नीतीश का दौरा उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़े उलटफेर का संकेत

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। मिशन-यूपी में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सपा, भाजपा व बसपा पर निशाना साधा। शराबबंदी के साथ आरक्षण में कोटा की पैरोकारी की और पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा उछालकर प्रदेश में नारी सम्मान को लेकर जारी सियासी पैंतरेबाजी में आधी आबादी को लुभाने का प्रयास किया। सभा की अनुमति को लेकर अड़ंगेबाजी से नाराजगी जताई और कहा, 'लोहिया की बात करने वालों ने उन्हें रोका। यूपी में आने से कुछ लोगों को परेशानी होती है।' नीतीश के दौरे में बसपा बागी स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात प्रदेश के सियासी हालात में बड़े उलटफेर का संकेत देने वाली रही।

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तस्वीरों में देखें- लखनऊ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

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उत्तर प्रदेश के अन्य समाचार पढऩे के लिए यहां क्लिक करें पिछले तीन माह में नीतीश की प्रदेश में यह छठवीं जनसभा थी। बिजली पासी किले में छत्रपति शाहू जी महाराज जयंती पर बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति (बीएस-4) द्वारा आयोजित सभा में नीतीश कुमार मुख्य अतिथि थे। नीतीश को सभा स्थल तक पहुंचने के लिए तीन घंटे वीवीआइपी गेस्ट हाउस में प्रशासन की इजाजत का इंतजार करना पड़ा। अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे सभा में पहुंचते ही नीतीश सपा पर बरसे। बिजली पासी की धरती को नमन करते हुए कहा, बड़े जद्दोजहद के बाद यहां आने का सौभाग्य मिला। शराबबंदी पर सपा सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा,'मुझे भले ही यूपी न आने दें पर शराबबंदी लागू करा दें।' उन्होंने शराबबंदी के बाद बिहार में बढ़ी खुशहाली के अनेक उदाहरण भी गिनाए और बिहार में कोई दूत भेजकर सच्चाई परखने की चुनौती भी दी। उप्र में शराबबंदी के लाभ बताते हुए उन्होंने गन्ने से चीनी के साथ शराब के बजाए एथेनाल बनाने की पैरोकारी की। उनका कहना था प्रदेश में करीब तीन हजार करोड़ रुपये का एथेनाल बन सकता है जिसे पेट्रोल में मिलाने के अलावा अन्य राज्यों को भी बेचा जा सकता है। प्रदेश में 25 हजार करोड़ रुपये की शराब बिकती है, इतनी रकम अन्य कार्यों में लगे तो विकास बढ़ेगा। कहा, बिहार में पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने सवर्णों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देना जरूरी बताया।

बड़ी फैक्ट्री विकास नहीं

नीतीश ने बड़ी फैक्ट्री लगाकर विकास के दावे करने वालों पर तंज कसा। उनका कहना था कि फैक्ट्रियां लगाने से पहले मानव विकास जरूरी है। नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि बड़ी बातें करने से देश का भला न होगा। नीतीश मायावती पर भी तंज करने से भी न चूके। कहा कि केवल दलित समाज में पैदा होने से ही कोई दलितों का हितैषी नहीं हो जाता।

मिलकर संघर्ष का एलान

बसपा से बगावत करने के बाद अपनी पहली सभा में बीएस-4 के संयोजक आरके चौधरी ने नीतीश कुमार के साथ संघर्ष जारी रखने का एलान किया। नीतीश ने भी चौधरी की खुलकर तारीफ की और नए गठजोड़ की मजबूती के संकेत दिए। इस मौके पर बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी व प्रमुख प्रवक्ता महासचिव केसी त्यागी भी मौजूद थे।

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बहुजन समाज पार्टी के बागी पूर्व मंत्री आरके चौधरी की रैली में शामिल होने को बिहार के सीएम नीतीश कुमार को काफी पापड़ बेलने पड़े। नीतीश कुमार के लखनऊ आने के करीब तीन घंटे बाद जिला प्रशासन से महाराजा बिजली पासी किला के मैदान में बीएस-4 की रैली में शामिल होने की अनुमति मिली। अनुमति मिलने के बाद नीतीश कुमार लखनऊ के वीवीआइपी गेस्ट हाउस से रैली स्थल पहुंचे। इस मैदान पर उनको लखनऊ जिला प्रशासन ने रैली करने की अनुमति नहीं दी थी। कारण बताया गया था कि इस मैदान के सुरक्षा इंतजाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुकूल नहीं हैं। चौधरी दिन में 12 बजे एयरपोर्ट से नीतीश कुमार को लेकर महाराजा बिजली पासी किला के मैदान में पहुंच गये थे। जहां पर प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से उनको रैली करने से मना कर दिया। चौधरी की पार्टी बीएस-4 की रैली में मुख्य अतिथि बिहार के सीएम नीतीश कुमार हैं। जो 12 बजे लखनऊ के चौधरी चरण सिंह, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंच गये थे।रैली के मुख्य अतिथि बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी दिन में पटना से रवाना होकर 12 बजे लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट, अमौसी पर उतरे। एयरपोर्ट से आरके चौधरी तथा जनता दल यूनाईटेड के समर्थकों के साथ बिजली के पासी किला मैदान के लिए रवाना हो गये। जहां से उनको जिला प्रशासन ने वीवीआइपी गेस्ट हाउस भेज दिया।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लंबे समय में उत्तर प्रदेश में शराबबंदी के अभियान के सहारे सियासी जमीन तलाश रहे हैं। इससे पहले वह प्रदेश के वाराणसी, मिरजापुर, इलाहबाद और ग्रेटर नोएडा में रैली कर चुके हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार आज प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी के साथ बसपा और कांग्रेस पर हमला बोलेंगे। इसी के साथ बिहार की तर्ज पर शराब बंदी की मांग उठाकर नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश की आधी आबादी को अपनी ओर आकर्षित करने की भी कोशिश करेंगे।

नीतीश-मौर्य की मुलाकात

जनता दल (यू) के मुखिया नीतीश कुमार की बसपा के बागी स्वामी प्रसाद मौर्य से एक घंटे की मुलाकात प्रदेश के तेजी से बदलते सियासी हालात में बड़ा उलटफेर करने वाली मानी जा रही है। यूपी में राष्ट्रीय लोकदल से विलय की उम्मीद समाप्त होने के बाद नीतीश पूरा ध्यान पूर्वांचल पर लगाए है। बसपा के बागियों से तार जोड़कर जातीय गठजोड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटे नीतीश को बीएस फोर का साथ मिलने के अलावा मौर्य से नजदीकी बढ़ाने की आस जगी है।नीतीश कुमार के आरके चौधरी के इंदिरा नगर स्थित आवास पर प्रदेश के सियासी हालात पर चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में पूर्व विधानमंडल दलनेता बागी स्वामी प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे। प्रदेश में महागठबंधन की संभावना पर चर्चाएं हुई और बसपा के अन्य बागियों को जोडऩे का एक्शन प्लान तैयार किया गया। माना जा रहा है कि जल्द ही करीब आधा दर्जन बागियों को अलग अलग से ढंग से जोड़ा जाएगा। नीतीश में मिलने वालों में कांग्रेस के कई प्रमुख कार्यकर्ता भी रहे। एक पूर्व सांसद ने भी वीवीआइपी गेस्ट हाउस में नीतीश से भेंट की।

पूर्वांचल के अतिपिछड़ों पर नजर

नीतीश कुमार ने बीएस-4 के सम्मेलन में अतिपिछड़ों और अतिदलितों को आरक्षण में अलग कोटा निर्धारित करने की वकालत करके नई जातीय गोलबंदी के प्रयास शुरू किए है। बिहार में जातिवादी समीकरण के सहारे सत्ता पर काबिज हुए नीतीश पिछड़ों में कुर्मी के अलावा मौर्य, कुशवाहा, बघेल, शाक्य, कश्यप व सैनी समाज को साधने के लिए उक्त बिरादरियों के बड़े नेताओं से तार जोड़ रहे है।

इजाजत न मिलती तो भी किले की धरती पर आता

नीतीश ने दलित और महा दलितों में बीच में लाइन खींचने का प्रयास भी किया। पासी समाज को लुभाने के लिए नीतीश ने बीएस 4 के सम्मेलन में कहा कि प्रशासन रैली में आने की इजाजत भी नहीं देता तो भी वह बिजली पासी किला जरूर आते है। सम्मेलन समाप्त होने के बाद इस धरती पर आकर नमन करते। माना जा रहा है कि पासी समाज के अलावा वाल्मीकी और खटीक वर्ग में संभावना तलाशी जा रही है।


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