एनआइए संग फोरेंसिक टीम ने खंगाला आतंकी का ठिकाना
सीएफएसएल (सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब) के एक्सपर्ट के साथ लखनऊ के आतंकी सैफुल्लाह के ठिकाने (बादशाह के मकान) को घंटों खंगाला।
By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 16 Mar 2017 09:32 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2017 10:45 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। आइएस के आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद गुरुवार को पूरे मामले की जांच एटीएस से एनआइए (नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी) को सौंपी गई। जांच ट्रांसफर होते ही दिल्ली और लखनऊ के एनआइए अधिकारियों ने चंडीगढ़ से आई सीएफएसएल (सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब) के एक्सपर्ट के साथ हाजी कॉलोनी स्थित आतंकी सैफुल्लाह के ठिकाने (बादशाह के मकान) को घंटों खंगाला। टीम ने यहां से वैज्ञानिक साक्ष्य कलेक्शन के लिए कई बिंदुओं पर पड़ताल कर अहम सुराग जुटाए। दोपहर तीन बजे से शुरू हुई कार्रवाई रात तक चलती रही। इस दौरान आइजी एटीएस असीम अरुण, आइजी एनआइए अनिल कुमार शुक्ला, डीआइजी एनआइए प्रशांत कुमार और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
कारतूस की खाली डिब्बी और अन्य साक्ष्य मिले
आइजी एटीएम असीम अरुण के मुताबिक पड़ताल के दौरान एनआइए और फोरेंसिक टीम को आतंकी के कमरे में कारतूस की एक खाली डिब्बी मिली। टीम ने आतंकी सैफुल्लाह का ब्लड सैंपल भी कमरे से जांच के लिए लिया। हालांकि ब्लड तो सूख चुका था, पर इससे भी जांच में मदद मिलेगी। इसके साथ ही साक्ष्य संकलन के लिए टीम ने कमरे में मिले बर्तनों, बैग, बिस्तर से डीएनए जांच के लिए सैंपल जुटाए। क्योंकि आतंकी के साथ ही यहां उसके तीन साथी दानिश, सैय्यद, मीर हुसैन उर्फ हमजा भी रहते थे। उसके तीनों साथियों को भी पकड़ा जा चुका है। इसके साथ ही आतंकी के गैंग का सरगना सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी गौस मोहम्मद का भी कमरे पर आना जाना था। उससे जुड़े साक्ष्य भी मिलेंगे।
एनआइए ने ऑपरेशन में लगे तीन कमांडो से की पूछताछ
एनआइए टीम के पहुंचने के बाद ही आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर में शामिल एटीएस कमांडो टीम 03:56 बजे मौके पर पहुंची। एनकाउंटर के दौरान तीनों कमांडो (जो घर के अंदर कमान संभाले थे) से एनआइए के अधिकारियों और टीम ने पूछताछ करने के साथ ही मकान के अंदर करीब घंटे भर पड़ताल की।
एनआइए की टीम ने बादशाह के मकान के बाहर की दीवारों, छत और आतंकी सैफुल्लाह के कमरे की नाप-जोख कर नक्शा-नजरी तैयार की। टीम ने तीनों गेटों और कमरों की लंबाई-चौड़ाई नापी। मकान की पिछली दीवार और छत पर गैस कटर से काटकर किए गए छेदों की पड़ताल की। इसके साथ ही छत पर ढेर में रखीं लकडिय़ां और बल्लियां हटवाकर देखी। टीम ने मकान के इर्द-गिर्द बने अन्य मकानों और प्लॉटों में घूमकर निरीक्षण कर नक्शा तैयार किया।
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