नेताजी ने यूपी में दलितों को प्रताडि़त किया : अमित शाह
भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में दलितों के शोषण तथा प्रताडऩा के लिए राज्य की सभी सरकारों पर निशाना साधा।
लखनऊ (वेब डेस्क)। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में दलितों के उत्पीडऩ तथा शोषण का ठीकरा समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के साथ ही बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती पर फोड़ा। अमित शाह आज लखनऊ में कांशीराम स्मृति उपवन में आजम खां के विरोध में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे।
बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ आजम खां की टिप्पणी को मुद्दा बनाकर भाजपा ने आज लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में सभा का आयोजन किया था।
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इसके मुख्य अतिथि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में दलितों के शोषण तथा प्रताडऩा के लिए राज्य की सभी सरकारों पर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) नेता जी ने दलितों को प्रताडि़त किया। प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता उनके घरों पर कब्जा कर रहे हैं। इससे पहले बसपा की मुखिया मायावती ने प्रदेश में दलितों का शोषण किया था।
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अमित शाह ने आजम खां का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि समाजवादी पार्टी को वह अपने इशारों पर चलाते हैं। उन्होंने ऐसे ही बेअंदाज सपा नेता संविधान के निर्माता पर अभद्र टिप्पणी करते हैं। अमित शाह इस सभा में सपा व बसपा के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर बरसे। इस सभा में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारी पार्टी की इस मसले पर लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हो जाता है।
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सभा के बाद अमित शाह भाजपा कार्यालय पर उत्तर प्रदेश के नेताओं के साथ मंत्रणा भी करेंगे। आज की सभा के माध्यम में अमित शाह की कवायद इस सभा के जरिए अमित शाह का प्रयास दलितों को लुभाने का था। इसके बाद 22 सितंबर को रमाबाई अंबेडकर मैदान में स्वामी प्रसाद मौर्य की रैली है। इस रैली में भी अमित शाह आएंगे और इससे अति पिछड़ों को साधने की कोशिश करेंगे।
भाजपा ने दलितों को साधने के लिए अभियान चला रखा है। दलित बस्तियों में सांसदों के जाने से लेकर उनके सम्मान और स्वाभिमान के नाम पर सभा और रैलियों का आयोजन भाजपा कर रही है। दलित भोज भी इसी का हिस्सा रहा है। इस बीच, आजम खां ने बाबा साहब को भू-माफिया कहकर भाजपा को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया। भाजपा ने प्रदेश के सभी जिलों में आजम के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनकी बर्खास्तगी की मांग को लेकर रायपाल को ज्ञापन सौंपा।
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भाजपा नेताओं ने दलितों को इस मुद्दे पर आगे किया है। खास बात यह कि बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले में सिर्फ एक बार आजम की निंदा की और वह भी चुप्पी साध गईं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लगातार इसे मुद्दा बना रहे हैं। अब कांशीराम स्मृति उपवन में शुक्रवार को अमित शाह की सभा का आयोजन इस उद्देश्य से किया गया है कि दलितों के बीच दूर तक संदेश जाए और उन पर मजबूत पकड़ बने।
उधर, विधान मंडल दल के पूर्व नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 सितंबर को होने वाली अपनी बहुप्रचारित रैली में भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बुलाया है। लोकतांत्रिक बहुजन मंच के बैनर तले होने वाली स्वामी की रैली में प्रदेश के सभी जिलों से मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा, कोइरी, महतो, भगत और काछी उपजातियों के अलावा अति पिछड़ी जातियों और स्वामी समर्थकों के इस रैली में आने की संभावना है। स्वामी ने बसपा का रिकॉर्ड तोडऩे का एलान किया है।
रैली की सफलता के लिए प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य से लेकर अन्य नेता भी लगे हैं। इस रैली में अमित शाह की उपस्थिति से स्वामी के अभियान को एक नई दिशा मिलेगी और अति पिछड़ों को लुभाने का प्रयास भी रंग लाएगा। ऐसा भाजपा के लोग मान रहे हैं।