IAS अनुराग तिवारी की मां का आरोप, बेटे को जहर दिया गया
हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस ने बंद कमरे में अनुराग के पिता डॉ. बीएन तिवारी, मां सुशीला, भाई आलोक व भाभी शुभ्रा समेत अन्य घरवालों के बयान दर्ज किए।
लखनऊ (जेएनएन)। आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में एसआइटी बुधवार देर रात बहराइच पहुंची। इस दौरान पुलिस ने इस बात की सच्चाई पता करने का प्रयास किया कि अनुराग ने किन घोटालों की जांच की थी। हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस ने बंद कमरे में अनुराग के पिता डॉ. बीएन तिवारी, मां सुशीला, भाई आलोक व भाभी शुभ्रा समेत अन्य घरवालों के बयान दर्ज किए।
हालांकि पुलिस हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले मयंक की बयान नहीं ले सकी। बयान में सुशीला ने कहा कि उनके बेटे की जहर देकर हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा ईमानदार था, जिसके कारण उसे मार दिया गया। एसआइटी प्रभारी सीओ अवनीश कुमार मिश्र व इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद कुमार शाही बुधवार शाम राजधानी से बहराइच के लिए रवाना हुए थे।
एसआइटी ने मयंक से पूछा कि अनुराग ने उन्हें कौन से घोटाले की जांच के बारे में बताया था। एसआइटी अनुराग तिवारी की हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए बुधवार रात करीब नौ बजे एसआइटी बहराइच पहुंची। तकरीबन ढाई घंटे तक बयान दर्ज किया गया।
जांच टीम ने अनुराग के रूम की वीडियोग्राफी भी कराई। साथ ही अनुराग के कमरे की तलाशी ली। कमरे से मिले सामान को खंगाला गया। एसआइटी ने परिवार के सभी सदस्यों से बात तो की, लेकिन मयंक के घर से बाहर होने के कारण उनका बयान नहीं ले सकी। इंस्पेक्टर आंनद कुमार शाही ने बताया कि घटना से संबंधित हर बिंदु को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है। अनुराग के सामानों की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही टीम कर्नाटक भी जाएगी।
टीम का कहना है कि अनुराग की मौत के सात दिन बाद भी बावजूद कर्नाटक के किसी अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया है। उधर, एसएसपी ने परिवार के सदस्यों के साथ पुलिस टीम को कनार्टक भेजे जाने की बात कही थी। हालांकि टीम के कौन-कौन सदस्य कनार्टक जाएंगे, यह अभी तक तय नहीं हो सका है।
पुलिस अब सीबीआइ के भरोसे: अनुराग की मौत के बाद शुरू से ही पुलिस की लापरवाही सामने आई है। उच्चाधिकारी भी खुद पर कोई आंच नहीं आने देना चाहते। यही कारण है कि आलाधिकारी पूरे मामले में लिखापढ़ी कर अपने बचाव की तैयारी में जुटे हैं। यही कारण है कि हत्या की रिपोर्ट दर्ज होते ही एसएसपी दीपक कुमार ने प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति कर डीजीपी को प्रस्ताव भेज दिया। डीजीपी ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रोफार्मा शासन को प्रेषित कर दिया।
असुरक्षित महसूस कर रहे थे अनुराग: मयंक का कहना है कि उनके भाई असुरक्षित महसूस कर रहे थे। यही वजह है कि वह वापस बेंगलुरु नहीं जाना चाहते थे और अपनी छुट्टी बढ़ाने के लिए अर्जी दी थी। मयंक ने बताया कि हमले की आशंका के मद्देनजर ही अनुराग ने घरवालों को कनार्टक आने से मना कर दिया था। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर वह कौन सी वजह थी, जिससे अनुराग को घरवालों की हत्या किए जाने का भी डर था?
साढ़े नौ साल में नहीं ली थी लंबी छुट्टी: मयंक ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उनके भाई ने साढ़े नौ साल मेहनत से काम किया। अनुराग ने कभी भी लंबी छुट्टी नहीं ली। इसके बावजूद अधिकारियों ने उनको अवकाश प्रदान नहीं किया। घरवालों का कहना है कि अनुराग साजिश के शिकार हुए हैं, जिसमें कई बड़े व सफेदपोश शामिल हैं। सीबीआइ की जांच में सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा और चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे।
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दम घुटने से हुई मौत लेकिन वजह पता नहीं: पूरे प्रकरण में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने अहम सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एसफिक्सिया मोड ऑफ डाइंग है ना कि कॉज ऑफ डेथ। डॉक्टरों के मुताबिक अनुराग की मौत दम घुटने से हुई है लेकिन इसकी वजह क्या है यह स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस अभी तक कई बिंदुओं पर तफ्तीश कर रही है। अभी कोई अहम सुराग हाथ नही लगा है। अनुराग के घरवालों के बयान दर्ज होने के बाद पुलिस अब पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल का बयान भी लेने की तैयारी कर रही है।
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