पक्के सबूत, दाऊद इब्राहिम से बंद कमरे में मिले मोदी : आजम
कैबिनेट मंत्री आजम खां ने फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आवास पर बंद कमरे में दाऊद इब्राहिम से नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई थी। उनके पास इसके पक्के सबूत हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां ने फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आवास पर बंद कमरे में दाऊद इब्राहिम से नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई थी। उनके पास इसके पक्के सबूत हैं।
गाजीपुर बरसड़ा में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे आजम खां पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन कर पाकिस्तान गए थे। किसी देश का प्रधानमंत्री दूसरे देश में जाने से पहले काफी एहतियात बरतता है, लेकिन अपने पीएम ने इस कानून को नहीं माना। पाकिस्तान में मोदी ने नवाज शरीफ व दाऊद के साथ काफी देर बातचीत की। साथ में नवाज के परिवार के सदस्य भी थे। आजम खां ने कहा कि यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ को पशमीना शाल और मलीहाबादी आम बतौर तोहफा दिया। इसके बदले में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने उन्हें चांदी के डिब्बे मे सीक कबाब भेजे। आजम के सवाल थे, कबाब लौकी के तो होते नहीं? पाकिस्तान से सीक कवाब आते हैं और अपने देश में मांस खाने वाले मारे जाते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश की अनदेखी का मामला भी उठाया। कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने अपनी हार मान ली है। उन्हें मालूम है कि इस बार उनकी संख्या पिछले चुनाव से भी कम होनी है। इसीलिए उन्होंने प्रदेश में बजट देने से मना कर दिया है। पैसे नहीं मिलने के कारण नगर के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। नगर विकास मंत्री कुछ देर आराम करने के बाद बड़सरा गांव के लिए रवाना हो गए।
संविधान खत्म करना चाहता आरएसएस
आजम खां ने रामपुर में कहा कि हमारी जिंदगी जीने का तरीका क्या होगा, इसे तय करने का अधिकार हमें होना चाहिए। पर्सनल लॉ में दखल देने का हक किसी को नहीं है। आरएसएस संविधान को खत्म करना चाहता है। वह बोले, पर्सनल लॉ के मामले में फिर अदालत में सुनवाई हो रही है, इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शरीयत का अपना एक कानून है, जैसे हिंदू लॉ है, वैसे ही मुस्लिम पर्सनल लॉ है। मैं क्या तरीका इख्तियार करूंगा, मेरी शादी कैसे होगी, मेरा दफन कैसे होगा। ये तय करने का इख्तियार मुझे है। पर्सनल लॉ चाहे किसी भी मजहब का हो, उसमें दखलंदाजी का किसी दूसरे को हक नहीं। ङ्क्षहदू कैसे मरेंगे, कैसे जलेंगे, कैसे उनके फेरे होंगे, क्या मंत्र पढ़े जाएंगे, कैसे उनकी जायदाद का बंटवारा होगा, इससे किसी मुसलमान या किसी ईसाई का क्या लेना देना, ये तो वही तय करेंगे। शरद पवार के केंद्र सरकार के इतिहास बदलने की कोशिश के बयान पर आजम बोले कि आरएसएस के लोग सरकार चला रहे हैं और आरएसएस संविधान को ही खत्म करना चाहता है। देश में जब संविधान को खत्म करने वालों की सरकार है तो कानून में, व्यवस्था में और इतिहास में क्या यकीन रखा जाएगा। अगर इतिहास पर भरोसा रखा गया होता तो छह दिसंबर 92 को जो हुआ वो नहीं होता। ये लोग दंगा फसाद कराते रहे हैं। मुजफ्फरनगर दंगे के नतीजे में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। फिर से दंगे फसाद कराना चाहते हैं, लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहे।