कड़ी सुरक्षा के घेरे में रहे मोदी
लखनऊ। वाराणसी में मोदी के नामाकन जुलूस में उमड़े जनसैलाब को देख एक बार तो पुलिस अधिकारियो
लखनऊ। वाराणसी में मोदी के नामाकन जुलूस में उमड़े जनसैलाब को देख एक बार तो पुलिस अधिकारियों के माथे पर भी बल पड़ गए। पुलिसकर्मियों के हाथ-पाव फूलने लगे। अंदेशा था कहीं आचार संहिता की धज्जिया उड़ न जाएं। हालाकि कार्यकर्ताओं ने मोदी की गरिमा के अनुरूप इस बात का पूरा ध्यान रखा और कहीं ऐसी नौबत नहीं आई कि पुलिस को लाठी उठानी पड़ी हो लोगों को खदेडऩे के लिए।
मोदी पर आतंकी हमले की आशका के चलते एयरपोर्ट से लेकर लंका और विद्यापीठ से लेकर नामाकन स्थल और पुलिस लाइन तक कदम-कदम पर पुलिस मौजूद रही। एनएसजी व गुजरात पुलिस के घेरे में मोदी बीएचयू हेलीपैड से लंका पहुंचे और फिर विद्यापीठ। विद्यापीठ में बुलेटप्रूफ कार से सवार होकर मोदी सरदार पटेल की प्रतिमा पर पहुंचे और माल्यार्पण के बाद मिनी ट्रक में सवार हुए तो चारों ओर एनएसजी ने गुजरात पुलिस के साथ घेरा बना लिया। जुलूस में आगे-पीछे और बीच में एटीएस, एसटीएफ और क्त्राइम ब्राच की टीम अत्याधुनिक हथियारों के साथ मौजूद रही। सुरक्षा-व्यवस्था इस कदर कड़ी थी कि कई विधायक भी मोदी से नहीं मिल पाए। एयरपोर्ट से लेकर मोदी के रोड शो में पाच कंपनी पीएसी, बारह क्षेत्राधिकारी, बाइस थाना प्रमुख, पचास दारोगा और तीन सौ सिपाही लगाए गए थे। मलदहिया से लेकर कचहरी तक शायद ही किसी मकान की छत रही हो जहा हथियारबंद सुरक्षाकर्मी मुस्तैद न रहे हों।
टूटी बेरिकेडिंग लेकिन संयम नहीं
मिंट हाउस पर जब जनसैलाब के साथ नरेंद्र मोदी का काफिला पहुंचा और उन्होंने रथ से ही चारों ओर घूमकर हाथ जोड़ जनता का अभिवादन किया तो वहा उत्साह की लहर इस कदर दौड़ी की एक तरफ की बेरिकेडिंग टूट गई। कई कार्यकर्ता गिर पड़े। पुलिस की सास थम सी गई क्योंकि लगा अब भीड़ को रोकना मुश्किल होगा लेकिन सीओ बड़ागाव विनोद सिंह के एक इशारे पर कार्यकर्ता वहीं रुक गए और किसी ने भी बेरिकेडिंग पार करने की कोशिश नहीं की।